05-07-2022, 04:31 PM
मैंने अपने लंड को वहीं पर दबाना और सहलाना शुरू कर दिया था. मैं पैंट के ऊपर से ही अपने लंड को मसल रहा था. उसके बाद मेरी बहन ने अपनी पैंटी उतार दी और वो नीचे से पूरी नंगी हो गयी. उसकी चूत दिखते ही मैं बेकाबू हो गया और मैंने अपने लंड को बाहर निकाल कर मुठ मारना शुरू कर दिया.
गुड़िया की चूत एकदम से गुलाबी थी. बहन की नंगी चूत देखते ही मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी. फिर उसने अपनी ब्रा भी निकाल दी. ब्रा निकालते ही वो ऊपर से नीचे तक पूरी नंगी हो गयी और मैंने जोर से लंड को रगड़ डाला और मेरा पानी निकल गया.
वहीं मुठ गिरा कर मैं वहां से वापस आ गया और अपने कमरे में आकर लेट गया. उस दिन के बाद से अब रोज मेरा मन करने लगा कि मैं उसको नंगी देखूं. मैं रोज ही छुप कर उसको देखने का मौका तलाशता रहता था. कई बार मौका लग जाता था और कई बार नहीं.
ऐसे ही दो महीने और बीत गये. अब मेरे कॉलेज की छुट्टियां हो गयीं. मेरे मां और पापा मेरी बड़ी बहन के साथ उसकी शादी के लिए लड़का देखने गांव चले गये. हम दोनों भाई बहनों को घर पर ही छोड़ गये.
गुड़िया की चूत एकदम से गुलाबी थी. बहन की नंगी चूत देखते ही मेरी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी. फिर उसने अपनी ब्रा भी निकाल दी. ब्रा निकालते ही वो ऊपर से नीचे तक पूरी नंगी हो गयी और मैंने जोर से लंड को रगड़ डाला और मेरा पानी निकल गया.
वहीं मुठ गिरा कर मैं वहां से वापस आ गया और अपने कमरे में आकर लेट गया. उस दिन के बाद से अब रोज मेरा मन करने लगा कि मैं उसको नंगी देखूं. मैं रोज ही छुप कर उसको देखने का मौका तलाशता रहता था. कई बार मौका लग जाता था और कई बार नहीं.
ऐसे ही दो महीने और बीत गये. अब मेरे कॉलेज की छुट्टियां हो गयीं. मेरे मां और पापा मेरी बड़ी बहन के साथ उसकी शादी के लिए लड़का देखने गांव चले गये. हम दोनों भाई बहनों को घर पर ही छोड़ गये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.