05-07-2022, 04:12 PM
उसने कुछ भी नहीं कहा, बल्कि कुर्ती उतारने में मुझे सहयोग किया. उसका मन देख कर मैं उसकी ब्रा खोलने लगा.
वो बोली- भैया, आप पहले अपने कपड़े उतारो.
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ चड्डी में बैठ गया.
अब तक उसने भी अपना लोअर उतार दिया था. वो भी मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में आ गयी थी.
फिर उसने कहा- भैया अब मुझे शर्म आ रही है.
मैंने कहा- हां यार मुझे भी.
उसने कहा- भैया हम एक काम करते हैं … हम दोनों अपनी आंखें बंद कर लेते हैं.
उसकी बात सुनते ही मैं राजी हो गया. अब हम दोनों ने आंखें बंद कर लीं और मैंने हाथ बढ़ा कर उसकी ब्रा और पेंटी को उतार दिया.
जब उसका हाथ मेरी चड्डी उतारने में आया, तो मेरा लंड उससे टच हो गया.
वो बोली- भैया आपका ये कहीं मुझे देखकर तो खड़ा नहीं हो गया है.
मैंने कहा- नहीं … ये तो नेचुरल है कि किसी भी पुरुष का किसी महिला को नंगी देखकर अपने आप खड़ा हो जाता है. इसे थोड़ी पता है कि तुम मेरी बहन हो.
हम दोनों इस बात पर फिर हंस दिए.
पूर्वी ने कहा- चलो भैया अब हम अपनी आंखें खोल लेते हैं.
हमने एक साथ आंखें खोल दीं. अब हम बचपन की तरह वापस एक दूसरे के सामने नंगे बैठे थे.
मैंने कहा- तुम तो बहुत कामुक लग रही हो … तुम्हारी जिससे शादी होगी, वो बहुत खुशनसीब होगा.
उसकी नजरें सिर्फ मेरे 6 इंच के खड़े लंड पर ही टिकी थीं और वो उसे बड़े ध्यान से देख रही थी. जबकि मैं उसे पूरा ऊपर से नीचे तक … बल्कि उसकी कोमल छोटी सी चुत को भी देख रहा था.
वो बोली- भैया, आप पहले अपने कपड़े उतारो.
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ चड्डी में बैठ गया.
अब तक उसने भी अपना लोअर उतार दिया था. वो भी मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में आ गयी थी.
फिर उसने कहा- भैया अब मुझे शर्म आ रही है.
मैंने कहा- हां यार मुझे भी.
उसने कहा- भैया हम एक काम करते हैं … हम दोनों अपनी आंखें बंद कर लेते हैं.
उसकी बात सुनते ही मैं राजी हो गया. अब हम दोनों ने आंखें बंद कर लीं और मैंने हाथ बढ़ा कर उसकी ब्रा और पेंटी को उतार दिया.
जब उसका हाथ मेरी चड्डी उतारने में आया, तो मेरा लंड उससे टच हो गया.
वो बोली- भैया आपका ये कहीं मुझे देखकर तो खड़ा नहीं हो गया है.
मैंने कहा- नहीं … ये तो नेचुरल है कि किसी भी पुरुष का किसी महिला को नंगी देखकर अपने आप खड़ा हो जाता है. इसे थोड़ी पता है कि तुम मेरी बहन हो.
हम दोनों इस बात पर फिर हंस दिए.
पूर्वी ने कहा- चलो भैया अब हम अपनी आंखें खोल लेते हैं.
हमने एक साथ आंखें खोल दीं. अब हम बचपन की तरह वापस एक दूसरे के सामने नंगे बैठे थे.
मैंने कहा- तुम तो बहुत कामुक लग रही हो … तुम्हारी जिससे शादी होगी, वो बहुत खुशनसीब होगा.
उसकी नजरें सिर्फ मेरे 6 इंच के खड़े लंड पर ही टिकी थीं और वो उसे बड़े ध्यान से देख रही थी. जबकि मैं उसे पूरा ऊपर से नीचे तक … बल्कि उसकी कोमल छोटी सी चुत को भी देख रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.