05-07-2022, 04:11 PM
अब उसने पूछा- भैया आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- मुझे भी ऐसी कोई मिली ही नहीं, जो तुम्हारी ही तरह खूबसूरत हो.
पूर्वी ने शर्माते हुए कहा- क्या भैया आप भी!
मैंने उसकी खूबसूरती की तारीफ़ करते हुए कहा- ये सच है कि बहुत ही खूबसूरत हो.
उसने मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए पूछा- क्या सच में मैं खूबसूरत हूँ.
मैंने उसकी गोद में अपना सर रखकर उससे कहा- हां पूर्वी तुम हजारों में एक हो.
ऐसा कहते हुए मैं उसकी गोद में ही अपना सर ठीक से जमा कर किताब पढ़ने लगा. वो भी मुझे बड़े अच्छे से देख रही थी.
थोड़ी देर बाद उसे नींद आने लगी, तो वो ऊंघने सी लगी.
मैंने उससे कहा- यदि तुमको नींद आ रही है, तो तुम मेरी गोदी में अपना सर रखकर सो जाओ.
वो झट से मान गई और मेरी गोद में सर रख कर सो गई.
उसका मुलायम सा बदन मेरी रूह को तड़पा रहा था.
इससे पहले भी बहुत बार हम एक दूसरे की गोदी में सर रखकर सोये हैं, पर आज कुछ बात ही अलग थी. माँ और पापा का न होना, मेरे मन में उथल-पुथल मचा रहा था.
उसका खिलती हुई कली सा बदन, मेरे लंड को कठोर बना रहा था. मेरे फूलते हुए लंड से उसको शायद लंड खड़े होने का अहसास होने लगा था.
जब उसे लंड चुभने लगा, तो उसकी कच्ची नींद से आंख खुल गई. उसने पूरी तरह से अपनी आंखें खोलीं और वो उठ गई.
वो मेरे लंड की तरफ देखते हुए बोली- भैया, मुझे कुछ चुभ रहा है.
मेरा लंड पजामे में से अलग ही तंबू सा दिख रहा था.
दोस्तो आपको तो पता ही है कि इस उम्र में चोदा चोदी के बारे में तो सबको सब कुछ पता हो जाता है.
मैं समझ गया कि पूर्वी मेरे खड़े होते हुए लंड को देख रही थी.
मैंने पूर्वी से कहा- सॉरी पूर्वी … ये पता नहीं … रात में अपने आप ऐसा तन जाता है.
उसने कहा- हां भैया ऐसा होता है … आप अब कोई गर्लफ्रेंड बना लो.
अब तक मैं अपनी किताब अलग रख चुका था. मैंने कहा- ठीक है मैं कोशिश करता हूँ … अच्छा पूर्वी, मैं एक बात कहूँ?
पूर्वी ने कहा- हां भैया … बोलो ना!
“हम दोनों बचपन में साथ ही नंगे नहाते थे ना!”
उसने कहा- हां भैया … सच में कितना मज़ा आता था, जब मम्मी हम दोनों को एक साथ नहलाती थीं.
मैंने कहा- फिर हम एक दूसरे की मूतने वाली जगह देखते थे और सोचते थे … ये हम दोनों की अलग अलग क्यों है.
इस बात पर हम दोनों हंस पड़े.
फिर पूर्वी ने शरमाते हुए कहा- हां भैया बड़ा मजा आता था.
अब तक पूर्वी भी खुल चुकी थी.
मैंने आगे बढ़ते हुए कहा- चलो आज एक बार फिर हम दोनों बचपन की तरह एक दूसरे को नंगा देखते हैं.
वो इस बात पर चौंक गयी और उसने अपनी आंखें नीचे कर लीं.
उसने मुझसे कहा- भैया … पर हम तो अब बड़े हो चुके है न, क्या ये सब ठीक रहेगा?
मैंने कहा- तो क्या हो गया कि हम बड़े हो गए. आखिर हम भाई बहन तो अभी भी है न … और मैं तो सिर्फ एक दूसरे को नंगा देखने को कह रहा हूं … कोई सेक्स के लिए थोड़ी कह रहा हूँ पागल.
इस बात पर वो हंस दी और उसने अपनी आंखें बड़ी कर लीं.
मैंने कहा- अगर तुम्हें नहीं दिखाना, तो ठीक है … चलो सो जाओ.
उसने कहा- नहीं भैया … ऐसी बात नहीं है और वैसे भी हम भाई बहन के बीच आखिर शर्म कैसी.
मैंने कहा- बिल्कुल ठीक कहा तुमने.
वो बोली- तो नहाने की क्या जरूरत है, वो तो हम दोनों इधर ही एक दूसरे को समझ सकते हैं.
ये सुनते ही मैं समझ गया कि इसकी चुत में भी आग लगने लगी है. मैंने पहल करते हुए उसकी कुर्ती को उतार दिया.
मैंने कहा- मुझे भी ऐसी कोई मिली ही नहीं, जो तुम्हारी ही तरह खूबसूरत हो.
पूर्वी ने शर्माते हुए कहा- क्या भैया आप भी!
मैंने उसकी खूबसूरती की तारीफ़ करते हुए कहा- ये सच है कि बहुत ही खूबसूरत हो.
उसने मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए पूछा- क्या सच में मैं खूबसूरत हूँ.
मैंने उसकी गोद में अपना सर रखकर उससे कहा- हां पूर्वी तुम हजारों में एक हो.
ऐसा कहते हुए मैं उसकी गोद में ही अपना सर ठीक से जमा कर किताब पढ़ने लगा. वो भी मुझे बड़े अच्छे से देख रही थी.
थोड़ी देर बाद उसे नींद आने लगी, तो वो ऊंघने सी लगी.
मैंने उससे कहा- यदि तुमको नींद आ रही है, तो तुम मेरी गोदी में अपना सर रखकर सो जाओ.
वो झट से मान गई और मेरी गोद में सर रख कर सो गई.
उसका मुलायम सा बदन मेरी रूह को तड़पा रहा था.
इससे पहले भी बहुत बार हम एक दूसरे की गोदी में सर रखकर सोये हैं, पर आज कुछ बात ही अलग थी. माँ और पापा का न होना, मेरे मन में उथल-पुथल मचा रहा था.
उसका खिलती हुई कली सा बदन, मेरे लंड को कठोर बना रहा था. मेरे फूलते हुए लंड से उसको शायद लंड खड़े होने का अहसास होने लगा था.
जब उसे लंड चुभने लगा, तो उसकी कच्ची नींद से आंख खुल गई. उसने पूरी तरह से अपनी आंखें खोलीं और वो उठ गई.
वो मेरे लंड की तरफ देखते हुए बोली- भैया, मुझे कुछ चुभ रहा है.
मेरा लंड पजामे में से अलग ही तंबू सा दिख रहा था.
दोस्तो आपको तो पता ही है कि इस उम्र में चोदा चोदी के बारे में तो सबको सब कुछ पता हो जाता है.
मैं समझ गया कि पूर्वी मेरे खड़े होते हुए लंड को देख रही थी.
मैंने पूर्वी से कहा- सॉरी पूर्वी … ये पता नहीं … रात में अपने आप ऐसा तन जाता है.
उसने कहा- हां भैया ऐसा होता है … आप अब कोई गर्लफ्रेंड बना लो.
अब तक मैं अपनी किताब अलग रख चुका था. मैंने कहा- ठीक है मैं कोशिश करता हूँ … अच्छा पूर्वी, मैं एक बात कहूँ?
पूर्वी ने कहा- हां भैया … बोलो ना!
“हम दोनों बचपन में साथ ही नंगे नहाते थे ना!”
उसने कहा- हां भैया … सच में कितना मज़ा आता था, जब मम्मी हम दोनों को एक साथ नहलाती थीं.
मैंने कहा- फिर हम एक दूसरे की मूतने वाली जगह देखते थे और सोचते थे … ये हम दोनों की अलग अलग क्यों है.
इस बात पर हम दोनों हंस पड़े.
फिर पूर्वी ने शरमाते हुए कहा- हां भैया बड़ा मजा आता था.
अब तक पूर्वी भी खुल चुकी थी.
मैंने आगे बढ़ते हुए कहा- चलो आज एक बार फिर हम दोनों बचपन की तरह एक दूसरे को नंगा देखते हैं.
वो इस बात पर चौंक गयी और उसने अपनी आंखें नीचे कर लीं.
उसने मुझसे कहा- भैया … पर हम तो अब बड़े हो चुके है न, क्या ये सब ठीक रहेगा?
मैंने कहा- तो क्या हो गया कि हम बड़े हो गए. आखिर हम भाई बहन तो अभी भी है न … और मैं तो सिर्फ एक दूसरे को नंगा देखने को कह रहा हूं … कोई सेक्स के लिए थोड़ी कह रहा हूँ पागल.
इस बात पर वो हंस दी और उसने अपनी आंखें बड़ी कर लीं.
मैंने कहा- अगर तुम्हें नहीं दिखाना, तो ठीक है … चलो सो जाओ.
उसने कहा- नहीं भैया … ऐसी बात नहीं है और वैसे भी हम भाई बहन के बीच आखिर शर्म कैसी.
मैंने कहा- बिल्कुल ठीक कहा तुमने.
वो बोली- तो नहाने की क्या जरूरत है, वो तो हम दोनों इधर ही एक दूसरे को समझ सकते हैं.
ये सुनते ही मैं समझ गया कि इसकी चुत में भी आग लगने लगी है. मैंने पहल करते हुए उसकी कुर्ती को उतार दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.