05-07-2022, 01:59 PM
उस दिन उनके घर से कॉफ़ी पीकर मैं वापस अपने घर आ गया.
विपुल- क्या हुआ अपना खाना खत्म करो.
मैं- हां मम्मी कर ही रहा हूँ.
मैं खाना खाने के बाद बिस्तर पर आ गया. पर आज नींद पता नहीं क्यों नहीं आ रही थी. मेरा लंड तो सो ही नहीं रहा था. मैं बार बार लंड को सहला कर उससे कहता कि सो जा यार, लगता है साला रो कर ही सोएगा.
फिर क्या तय, मैं मुठ मारी और सो गया.
विपुल- क्या हुआ अपना खाना खत्म करो.
मैं- हां मम्मी कर ही रहा हूँ.
मैं खाना खाने के बाद बिस्तर पर आ गया. पर आज नींद पता नहीं क्यों नहीं आ रही थी. मेरा लंड तो सो ही नहीं रहा था. मैं बार बार लंड को सहला कर उससे कहता कि सो जा यार, लगता है साला रो कर ही सोएगा.
फिर क्या तय, मैं मुठ मारी और सो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
