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Adultery पड़ोसन भाभी
#9
सच में इस वक्त वो क्या मस्त लग रही थीं. उन्होंने जो नाईटी पहनी हुई थी, उससे पूरा सिनेमा साफ साफ नजर आ रहा था. उनकी दोनों टांगें और उनकी चूत के घुंघराले काले बालों का गुच्छा साफ़ दिखाई दे रहा था. पीछे से भाबी जी की गांड का उभरापन देख कर तो मैं पागल ही हो गया.

मेरे कान लाल हो गए … और मेरा शरीर पूरा गर्म हो गया.
चांदनी- जरा वो जार उतार दो न.

उनका किचन छोटा था, तो थोड़ा संकरा था. जैसे ही मैंने जार उतारना चाहा, तो वैसे ही मेरा लंड उनकी गांड के उभारों के बीच में फंस गया.

चांदनी- अरे विपुल, तुम इतने गर्म क्यों हो … तुम्हारी तबियत तो ठीक है न?
मैं- हां जी मैं ठीक हूँ .
चांदनी भाबी ने हंसते हुए कहा- ठीक है ये लो कॉफ़ी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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पड़ोसन भाभी - by neerathemall - 05-07-2022, 01:55 PM
RE: पड़ोसन भाभी - by neerathemall - 05-07-2022, 01:59 PM



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