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Adultery पड़ोसन भाभी
#7
इसके बाद मैं कॉलेज चला गया. लौट के मैं घर आया, तो देखा कि भाभी मम्मी के रूम के दरवाजे के सामने खड़ी हुई हैं. मेरी नजर उनकी गांड पे पड़ी. मैं मम्मी के रूम की तरफ जाने लगा. मैंने जाते समय अपने हाथों को उनकी गांड पे ऐसे टच किया … जैसे कि मुझे पता ही नहीं हो कि वो उनकी गांड है.

मैं- मम्मी खाना लगा दो.
मम्मी- हां … चल देती हूँ.

मैंने अपना हाथ उनकी गांड से हटाया ही नहीं. उनकी तरफ से कोई ऐतराज ना पाते हुए मैं भाभी की गांड को धीरे धीरे सहलाने लगा था. उनकी गांड के दोनों उभरे हुए चूतड़ों बीच मैं जब मैंने अपना उंगली घुसा दी.

भाबी जी की गांड में उंगली क्या घुसी, मेरा तो डर के मरे पूरा शरीर हल्के हल्के कांपने लगा. मुझे लगा कि वो कुछ बोलेंगी … लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला. फिर वो जाने लगीं. मैंने उनकी आंखों में देखा, उन्होंने भी मुझे देखा. बस उन्होंने एक प्यारी से स्माइल दे दी, मैं तो पागल हो गया यार.

इस तरह से भाभी से मेरे नैन मटक्का होने लगा. मैं उनसे मजाक करने लगा. बात बात में मैं उनकी बदन को टच करके अपनी हवस मिटाने की कोशिश करता. तो कभी किसी जोक पर भाभी भी मेरे ऊपर पूरा गिर कर मुझे गर्म कर देती थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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पड़ोसन भाभी - by neerathemall - 05-07-2022, 01:55 PM
RE: पड़ोसन भाभी - by neerathemall - 05-07-2022, 01:58 PM



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