05-07-2022, 01:57 PM
बस मैं वहां से सीधा ग्राउंड के लिए भाग गया.
अमन- क्या भाई विपुल … बड़ा खुश दिख रहा है … क्या भाभी से मिल कर आया?
मैं- हां यार … क्या बोलूँ, जब भी भाभी को देखता हूँ … तो दिल खुश हो जाता है … क्या मस्त लगती हैं.
अमन ने हंसते हुए कहा- ठीक है आज भी जा के उसके नाम का ही मुठ मारना.
मैं- ठीक है भाई हंस ले … जिस दिन उसके साथ सेक्स करूँगा, तब मैं हसूंगा.
अमन ने हंसते हुए जबाब दिया- अच्छा उस दिन का का इंतजार रहेगा.
मैं- चल खेल चालू करें.
अमन- हां क्यों नहीं.
रात 10 बजे घर जाने के बाद मैंने खाना खाया. मुझे रोज खा के थोड़ा सा टहलने की आदत है, तो मैं बाहर आ गया.
तभी मेरी नज़र छत पर गई. मैंने देखा कि कोई भूतनी सी छाया वहां खड़ी है, उसे देखकर मैं एकदम से डर गया. मैंने सोचा आख़िर इतनी ठंड में वहां कोई इंसान तो होगा ही नहीं.
जब मैं छत पे गया और लाइट फेंक कर मारी, तो देखा की वहां तो दीदी कम भाभी, मेरा मतलब चाँदनी भाभी खड़ी थीं.
अमन- क्या भाई विपुल … बड़ा खुश दिख रहा है … क्या भाभी से मिल कर आया?
मैं- हां यार … क्या बोलूँ, जब भी भाभी को देखता हूँ … तो दिल खुश हो जाता है … क्या मस्त लगती हैं.
अमन ने हंसते हुए कहा- ठीक है आज भी जा के उसके नाम का ही मुठ मारना.
मैं- ठीक है भाई हंस ले … जिस दिन उसके साथ सेक्स करूँगा, तब मैं हसूंगा.
अमन ने हंसते हुए जबाब दिया- अच्छा उस दिन का का इंतजार रहेगा.
मैं- चल खेल चालू करें.
अमन- हां क्यों नहीं.
रात 10 बजे घर जाने के बाद मैंने खाना खाया. मुझे रोज खा के थोड़ा सा टहलने की आदत है, तो मैं बाहर आ गया.
तभी मेरी नज़र छत पर गई. मैंने देखा कि कोई भूतनी सी छाया वहां खड़ी है, उसे देखकर मैं एकदम से डर गया. मैंने सोचा आख़िर इतनी ठंड में वहां कोई इंसान तो होगा ही नहीं.
जब मैं छत पे गया और लाइट फेंक कर मारी, तो देखा की वहां तो दीदी कम भाभी, मेरा मतलब चाँदनी भाभी खड़ी थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.