05-07-2022, 01:49 PM
लेकिन उसने मेरी बात को अनसुना कर दिया और मेरा दूध पीते पीते वो नीचे सरक गया; मेरी नाभि पर आ गया और उसे चाटने लगा।
उसके इस कारनामे से मैं चिहुँक उठी और मानो मेरी पूरी शरीर में करन्ट सा दौड़ गया।
झट से उसे मैंने खुद से अलग किया।
लेकिन वो मानने वाला नहीं था। वो फिर से मेरी नाभि को चूमने लगा और मैं तड़पने लगी।
थोड़ी देर बाद फिर वो हटा और मेरे घाघरे को उतार दिया।
घाघरा उतरते ही वो ऐसे खुश हुआ जैसे मानो उसकी लॉटरी लग गयी हो।
वो बिना कुछ देखे मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से सूंघने लगा जिससे मुझे गुदगुदी होने लगी।
उसकी गर्म साँसें मेरी चूत से टकरा कर मेरी चूत में आग लगा रही थी जिससे मैं मदहोश होने लगी।
इतने में ही मेरे मुँह से सिसकारी निकलने लगी थी।
वो मेरी चूत सूंघते सूंघते मेरी मुलायम जांघों को मसलने लगा और बोला- क्या जांघें हैं मेरी बहन की!
मैं लड़खड़ाती आवाज़ में बोली- ये तुम्हारे लिए ही हैं मेरे भैया।
और फिर वो मेरी जांघों को अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे मैं सिहर गयी।
इतने में उसने मुझे पेट के बल पलट दिया. मेरी नंगी गांड को देखकर मेरा भाई कितना खुश हुआ, ये तो मैं नहीं देख सकी।
उसके इस कारनामे से मैं चिहुँक उठी और मानो मेरी पूरी शरीर में करन्ट सा दौड़ गया।
झट से उसे मैंने खुद से अलग किया।
लेकिन वो मानने वाला नहीं था। वो फिर से मेरी नाभि को चूमने लगा और मैं तड़पने लगी।
थोड़ी देर बाद फिर वो हटा और मेरे घाघरे को उतार दिया।
घाघरा उतरते ही वो ऐसे खुश हुआ जैसे मानो उसकी लॉटरी लग गयी हो।
वो बिना कुछ देखे मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से सूंघने लगा जिससे मुझे गुदगुदी होने लगी।
उसकी गर्म साँसें मेरी चूत से टकरा कर मेरी चूत में आग लगा रही थी जिससे मैं मदहोश होने लगी।
इतने में ही मेरे मुँह से सिसकारी निकलने लगी थी।
वो मेरी चूत सूंघते सूंघते मेरी मुलायम जांघों को मसलने लगा और बोला- क्या जांघें हैं मेरी बहन की!
मैं लड़खड़ाती आवाज़ में बोली- ये तुम्हारे लिए ही हैं मेरे भैया।
और फिर वो मेरी जांघों को अपनी जीभ से चाटने लगा जिससे मैं सिहर गयी।
इतने में उसने मुझे पेट के बल पलट दिया. मेरी नंगी गांड को देखकर मेरा भाई कितना खुश हुआ, ये तो मैं नहीं देख सकी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.