05-07-2022, 01:20 PM
काफी देर टहलने के बाद मैं नीचे अपने रूम में आ गयी. रात के 8 बज गये थे. मेरा मूड बहुत खराब था. मैंने अपनी टीशर्ट और लोअर निकाल दी और पूरी नंगी हो गयी. फिर मैं टीवी देखने लगी.
देखते देखते सोचने लगी कि काश मैं इस वक्त अमेरिका में होती तो किसी गोरे के लंड से चुदवा रही होती. ये सोचकर मेरी चूत में खुजली होने लगी.
मैं चूत को सहलाने लगी कि तभी डोरबेल बजी.
आवाज लगाते हुए मैं उठी और कपड़े पहनते हुए बोली- आ रही हूं.
मैं पूरी नंगी थी. मैंने जल्दी से अपने जिस्म पर गाउन डाला और दरवाजा खोलने के लिये चली.
दरवाजा खोला तो मेरे चेहरे पर खुशी तैर गयी. सामने रॉकी खड़ा था. मैं उसे खुशी से देख रही थी लेकिन वो तो मेरी चूचियों के साइज को मुंह फाड़कर देख रहा था. वो जैसे मेरी चूचियों के उभारों में ही खो गया था.
मैंने उसके चेहरे के सामने हाथ हिलाकर पूछा- क्या हुआ? कुछ काम है क्या? ऐसे कहां खोये हुए हो?
वो सपने से जागा और बोला- हां, आपसे मिलने ही आया था.
मैंने उसे अंदर बुला लिया.
देखते देखते सोचने लगी कि काश मैं इस वक्त अमेरिका में होती तो किसी गोरे के लंड से चुदवा रही होती. ये सोचकर मेरी चूत में खुजली होने लगी.
मैं चूत को सहलाने लगी कि तभी डोरबेल बजी.
आवाज लगाते हुए मैं उठी और कपड़े पहनते हुए बोली- आ रही हूं.
मैं पूरी नंगी थी. मैंने जल्दी से अपने जिस्म पर गाउन डाला और दरवाजा खोलने के लिये चली.
दरवाजा खोला तो मेरे चेहरे पर खुशी तैर गयी. सामने रॉकी खड़ा था. मैं उसे खुशी से देख रही थी लेकिन वो तो मेरी चूचियों के साइज को मुंह फाड़कर देख रहा था. वो जैसे मेरी चूचियों के उभारों में ही खो गया था.
मैंने उसके चेहरे के सामने हाथ हिलाकर पूछा- क्या हुआ? कुछ काम है क्या? ऐसे कहां खोये हुए हो?
वो सपने से जागा और बोला- हां, आपसे मिलने ही आया था.
मैंने उसे अंदर बुला लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.