05-07-2022, 01:19 PM
वो मेरे लिए बिल्कुल पागल था। उसका बस चलता तो वो मुझ गर्म भाबी को टेरिस पर ही पटक कर चोद देता. ये बात मैं अच्छी तरह से जानती थी. मैं बस जानबूझकर उसको इग्नोर कर दिया करती थी. मगर चुदना तो मैं भी चाहती थी.
पड़ोस के मर्द मेरी मस्त जवानी देखकर पागल हो चुके थे. अमित को गये 3 दिन हो गये थे और मेरी चूत से अब ज्वाला निकलने लगी थी जो किसी लंड को भस्म करके ही थमने वाली थी.
फिर हमारी शादी की सालगिरह आ गयी. मैं उस दिन बहुत दुखी थी. फोन पर पति से बात हुई. अमित भी बहुत दुखी था. रोज की तरह उस शाम को भी मैं टेरिस पर घूम रही थी और अपने जिस्म की नुमाइश अगल बगल वालों को करवा रही थी.
पड़ोस के मर्द मेरी मस्त जवानी देखकर पागल हो चुके थे. अमित को गये 3 दिन हो गये थे और मेरी चूत से अब ज्वाला निकलने लगी थी जो किसी लंड को भस्म करके ही थमने वाली थी.
फिर हमारी शादी की सालगिरह आ गयी. मैं उस दिन बहुत दुखी थी. फोन पर पति से बात हुई. अमित भी बहुत दुखी था. रोज की तरह उस शाम को भी मैं टेरिस पर घूम रही थी और अपने जिस्म की नुमाइश अगल बगल वालों को करवा रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.