05-07-2022, 01:19 PM
मैं आप लोगों को बता दूं कि 11वें दिन हमारी शादी की पहली सालगिरह थी। हम दोनों खुश थे कि ऑफिस के काम के साथ हमारा हनीमून भी हो जाएगा. मैंने सोच लिया था कि अमेरिका में तो सेक्स मामूली बात है।
मन ही मन मैं इस बात को लेकर बहुत एक्साइटेड हो रही थी कि अमेरिका जाकर खूब खुलकर चुदूंगी. अगर मौका मिला तो किसी गोरे का लंड भी ले लूंगी. अगले दिन अमित हम दोनों का पासपोर्ट लेकर वीजा लगवाने के लिए गया.
मेरी बदकिस्मती थी कि मेरा वीजा नहीं लगा. मैं बहुत दुखी हो गयी थी. मेरे सारे सपने चूर चूर हो गये. मुझसे भी ज्यादा तो अमित दुखी था. उसे भी समझ नहीं आ रहा था कि वो जाये या न जाये.
अगर वो मेरे बिना जाता तो मैं अकेली हो जाती और अगर वो नहीं जाता तो ऑफिस वाले लोग नाराज हो जाते. फिर मैंने अमित को समझाया और उसको जाने के लिए तैयार किया. वो थोड़ा मन मारकर मेरी बात मान गया.
फिर वो दिन भी आ गया जब अमित अमेरिका के लिए निकल गया. जाते हुए कह गया कि कोई परेशानी आये तो पड़ोसियों की मदद ले लेना.
मैं भी मन ही मन सोच रही थी कि तुम्हारे जाने के बाद तो अपनी चूत की गर्मी शांत करवाने के लिए पड़ोसियों की ही मदद लेनी पड़ेगी.
मन ही मन मैं इस बात को लेकर बहुत एक्साइटेड हो रही थी कि अमेरिका जाकर खूब खुलकर चुदूंगी. अगर मौका मिला तो किसी गोरे का लंड भी ले लूंगी. अगले दिन अमित हम दोनों का पासपोर्ट लेकर वीजा लगवाने के लिए गया.
मेरी बदकिस्मती थी कि मेरा वीजा नहीं लगा. मैं बहुत दुखी हो गयी थी. मेरे सारे सपने चूर चूर हो गये. मुझसे भी ज्यादा तो अमित दुखी था. उसे भी समझ नहीं आ रहा था कि वो जाये या न जाये.
अगर वो मेरे बिना जाता तो मैं अकेली हो जाती और अगर वो नहीं जाता तो ऑफिस वाले लोग नाराज हो जाते. फिर मैंने अमित को समझाया और उसको जाने के लिए तैयार किया. वो थोड़ा मन मारकर मेरी बात मान गया.
फिर वो दिन भी आ गया जब अमित अमेरिका के लिए निकल गया. जाते हुए कह गया कि कोई परेशानी आये तो पड़ोसियों की मदद ले लेना.
मैं भी मन ही मन सोच रही थी कि तुम्हारे जाने के बाद तो अपनी चूत की गर्मी शांत करवाने के लिए पड़ोसियों की ही मदद लेनी पड़ेगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.