05-07-2022, 01:18 PM
इस बात से अमित बिल्कुल अनजान था। उसे इस बात की बिल्कुल भनक भी नहीं थी कि उसके जाने के बाद उसकी सेक्सी बीवी क्या करती है! वो तो बस ऑफिस से आता और फिर हम दोनों के जिस्मों के बीच जबरदस्त जंग होती और दोनों ऐसे ही मस्त जवानी के खेल करते करते सो जाते।
मैं अमित के साथ बहुत खुश थी क्योंकि वो मेरी सारी गर्मी उतार देता था लेकिन मुझे तो लन्ड बदलने की आदत थी। यहाँ मैं किसी को नहीं जानती थी. इसलिए मैं धीरे धीरे आसपास के लोगों से जान-पहचान बनाने लगी.
पड़ोस के सारे मर्द गर्म भाबी की मस्त जवानी को देखकर आहें भरते थे। वो मुझे ऊपर से नीचे तक ऐसे देखते थे जैसे कि मैं तंदूरी मुर्गी हूं और वो मुझे नोंच नोंच कर खा जायेंगे. उनके कमेंट्स से मुझे बहुत खुशी होती थी. मेरा मन खुश होता था जब मर्द मेरे ऊपर कामुक और सेक्स भरे कमेंट किया करते थे.
इसलिए मैं भी जान बूझकर और इठला कर चलने लगती थी। अमित मेरी रोज चुदाई करता था जिससे मैं खुश रहने लगी थी. मगर मेरी यह खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रही।
एक दिन अमित ऑफिस से आते ही मुझे अपनी बांहों में भरते हुए बोला- मधु मेरी जान, मुझे ऑफिस के काम से अमेरिका जाना पड़ेगा और तुम भी साथ चल रही हो। पूरे 40 दिन का ट्रिप है।
यह सुनते ही मैं खुशी से उछल पड़ी और अमित को जोरदार किस की और बोली- वाऊ … यह तो वाकई बहुत खुशी की बात है।
मैं अमित के साथ बहुत खुश थी क्योंकि वो मेरी सारी गर्मी उतार देता था लेकिन मुझे तो लन्ड बदलने की आदत थी। यहाँ मैं किसी को नहीं जानती थी. इसलिए मैं धीरे धीरे आसपास के लोगों से जान-पहचान बनाने लगी.
पड़ोस के सारे मर्द गर्म भाबी की मस्त जवानी को देखकर आहें भरते थे। वो मुझे ऊपर से नीचे तक ऐसे देखते थे जैसे कि मैं तंदूरी मुर्गी हूं और वो मुझे नोंच नोंच कर खा जायेंगे. उनके कमेंट्स से मुझे बहुत खुशी होती थी. मेरा मन खुश होता था जब मर्द मेरे ऊपर कामुक और सेक्स भरे कमेंट किया करते थे.
इसलिए मैं भी जान बूझकर और इठला कर चलने लगती थी। अमित मेरी रोज चुदाई करता था जिससे मैं खुश रहने लगी थी. मगर मेरी यह खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रही।
एक दिन अमित ऑफिस से आते ही मुझे अपनी बांहों में भरते हुए बोला- मधु मेरी जान, मुझे ऑफिस के काम से अमेरिका जाना पड़ेगा और तुम भी साथ चल रही हो। पूरे 40 दिन का ट्रिप है।
यह सुनते ही मैं खुशी से उछल पड़ी और अमित को जोरदार किस की और बोली- वाऊ … यह तो वाकई बहुत खुशी की बात है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)