05-07-2022, 01:12 PM
मैं चाह रही थी कि उसके गर्म लंड को हाथ में पकड़ कर देखूं मगर फिर मैंने सोचा कि ये अब दो मिनट बाद खुद ही पूरा नंगा हो जायेगा.
फिर उसने अपनी शर्ट भी निकाल दी.
उसको मैंने नीचे लिटाया और उसके जिस्म को चूमने लगी.
मैं उसकी छाती के ऊपर थी और इतने में उसने मेरी ब्रा के हुक खोल दिये.
उसने मेरी ब्रा को अलग कर दिया और मेरी चूचियां नंगी होकर उसकी छाती पर चिपक गयीं.
फिर उसने वहीं से मेरी चूचियों को मुंह में भर लिया और मैं उसके ऊपर लेटी हुई उसको अपनी चूचियां पिलाने लगी.
मेरी पैंटी के ऊपर से उसके हाथ मेरी गांड को दबा कर सहला रहे थे.
उसका लंड मुझे मेरी पैंटी पर महसूस हो रहा था. मेरी चूत उसके लंड का स्पर्श महसूस कर पा रही थी लेकिन अंडरगार्मेंट्स की दीवार अभी बीच में थी.
फिर उसने मेरी पैंटी को निकाल कर नीचे सरका दिया.
अब मेरी गांड नंगी थी और चूत भी नंगी होकर उसके लंड से जा सटी.
उसके लंड का गीलापन मुझे मेरी चूत और उसके आसपास महसूस हो रहा था.
अब उसने भी अपनी चड्डी नीचे की और उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया। अपना गर्म लौड़ा उसने मेरी चूत से सटा दिया।
फिर उसने अपनी शर्ट भी निकाल दी.
उसको मैंने नीचे लिटाया और उसके जिस्म को चूमने लगी.
मैं उसकी छाती के ऊपर थी और इतने में उसने मेरी ब्रा के हुक खोल दिये.
उसने मेरी ब्रा को अलग कर दिया और मेरी चूचियां नंगी होकर उसकी छाती पर चिपक गयीं.
फिर उसने वहीं से मेरी चूचियों को मुंह में भर लिया और मैं उसके ऊपर लेटी हुई उसको अपनी चूचियां पिलाने लगी.
मेरी पैंटी के ऊपर से उसके हाथ मेरी गांड को दबा कर सहला रहे थे.
उसका लंड मुझे मेरी पैंटी पर महसूस हो रहा था. मेरी चूत उसके लंड का स्पर्श महसूस कर पा रही थी लेकिन अंडरगार्मेंट्स की दीवार अभी बीच में थी.
फिर उसने मेरी पैंटी को निकाल कर नीचे सरका दिया.
अब मेरी गांड नंगी थी और चूत भी नंगी होकर उसके लंड से जा सटी.
उसके लंड का गीलापन मुझे मेरी चूत और उसके आसपास महसूस हो रहा था.
अब उसने भी अपनी चड्डी नीचे की और उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया। अपना गर्म लौड़ा उसने मेरी चूत से सटा दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.