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Adultery चूत की प्यास
#7
फिर मैं गयी और दरवाजा अंदर से बंद करके आ गयी.
आते ही उसने मुझे फिर से अपनी बांहों में जकड़ लिया. मैं भी उससे लिपट गयी.
मेरी चूचियां उसके सीने से सट गयीं. हम दोनों ने एक दूसरे को कस कर भींच लिया.

अब प्यार और वासना दोनों मिल गये थे. वो मेरी गर्दन को चूमने लगा और मैं उसके होंठों के नर्म चुम्बनों से मदहोश सी होने लगी.
वो बहुत ही प्यार से मुझे चूम रहा था. उसके बाल मेरे गालों पर लग रहे थे और मुझे बहुत ही तेज उत्तेजना महसूस हो रही थी.

फिर हम बेड पर आ गए और उसने मुझे नीचे लिटा लिया. फिर एक दूसरे की बगल में होकर हम लिपट गये और हमारे होंठ आपस में मिल गये.
वो मेरे होंठों पर होंठों को रखकर उनको चूसने लगा और मैं भी उसके होंठों को पीने लगी.

वो जवान लड़का था और उसकी जवानी पूरे जोश में थी. धीरे धीरे करते करते उसका जोश बढ़ने लगा और वो मेरे होंठों को काटने लगा.
मुझे और ज्यादा मजा आने लगा.

मैं भी उसका साथ देने की पूरी कोशिश कर रही थी.

दोनों खूब एक दूसरे को चूमने चाटने लगे। नीचे उसका लौड़ा मस्त हो चुका था जो मुझे उसकी पैंट में से अपनी जांघ पर चुभने लगा था.
उसका लंड उसकी पैंट में खड़ा होकर फुंफकारें मारने लगा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: चूत की प्यास - by neerathemall - 05-07-2022, 01:11 PM



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