05-07-2022, 01:06 PM
खैर झड़ जाने के बाद संतोष जी का लंड अब छोटा होने लगा. तब संतोष जी भी मेरे निप्पलों को अपनी चुटकी से मसलने लगे. मैं चुदास से तड़पने लगी.
फिर उन्होंने मुझे सीधे लिटा कर मेरी चूत चाटना शुरू किया. इसके लिए मैं ना जाने कब से तड़प रही थी. मेरा पति मेरी चूत नहीं चाटता था. जब संतोष जी मेरी चूत चाट रहे थे … तो मैं तो मानो जैसे किसी और ही दुनिया में विचरने लगी थी.
दस मिनट की चूत चुसाई के बाद मैं कमर उठाते हुए झड़ गयी. अब मैं लंड के लिए तड़पने लगी.
उधर संतोष जी का लंड बिल्कुल सांप की फुंफकार मार रहा था. उन्होंने लंड मेरी चूत के दाने पर लंड घिसना शुरू किया. मेरी तो हालात और ख़राब होने लगी. मैंने संतोष जी से बोला- अब चोद भी दो इस चूत को.
उन्होंने लंड घिसते घिसते अचानक से लंड चूत में डाल दिया. मैं बहुत जोरों से चिल्ला उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
वो रुक गए और बोले- अबे साली, अभी तो सिर्फ सुपारा ही अन्दर गया है … अभी तो पूरा लंड बाहर है.
थोड़ी देर संतोष जी ने मेरे ऊपर चढ़े रह कर मेरे मम्मों को दबाया चूस चाटा. फिर एक धक्का दे मारा, जिससे मेरी चुत में उनका लंड पूरा घुस गया. मैं दर्द से रोने लगी … लेकिन वे कहां रुकने वाले थे. संतोष जी लगातार बिना मेरी दर्द की परवाह किये, अपने लंड को चूत में अन्दर बाहर करने लगे.
फिर उन्होंने मुझे सीधे लिटा कर मेरी चूत चाटना शुरू किया. इसके लिए मैं ना जाने कब से तड़प रही थी. मेरा पति मेरी चूत नहीं चाटता था. जब संतोष जी मेरी चूत चाट रहे थे … तो मैं तो मानो जैसे किसी और ही दुनिया में विचरने लगी थी.
दस मिनट की चूत चुसाई के बाद मैं कमर उठाते हुए झड़ गयी. अब मैं लंड के लिए तड़पने लगी.
उधर संतोष जी का लंड बिल्कुल सांप की फुंफकार मार रहा था. उन्होंने लंड मेरी चूत के दाने पर लंड घिसना शुरू किया. मेरी तो हालात और ख़राब होने लगी. मैंने संतोष जी से बोला- अब चोद भी दो इस चूत को.
उन्होंने लंड घिसते घिसते अचानक से लंड चूत में डाल दिया. मैं बहुत जोरों से चिल्ला उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
वो रुक गए और बोले- अबे साली, अभी तो सिर्फ सुपारा ही अन्दर गया है … अभी तो पूरा लंड बाहर है.
थोड़ी देर संतोष जी ने मेरे ऊपर चढ़े रह कर मेरे मम्मों को दबाया चूस चाटा. फिर एक धक्का दे मारा, जिससे मेरी चुत में उनका लंड पूरा घुस गया. मैं दर्द से रोने लगी … लेकिन वे कहां रुकने वाले थे. संतोष जी लगातार बिना मेरी दर्द की परवाह किये, अपने लंड को चूत में अन्दर बाहर करने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.