05-07-2022, 01:03 PM
मैंने आवाज दी- कौन है उधर?
वे एकदम से पलट गए. मैं उनका लंड देखते की देखते रह गयी. बहुत बड़ा हथियार था … करीब 5/1/2 इंच का करीब 2 इंच मोटा लंड था. वो मुझे देख कर लगातार लंड हिलाए जा रहे थे. मानो उनमें शर्म नाम की कोई चीज ही न बची हो.
संतोष ने लंड हिलाते हुए कहा- क्या देख रही हो … लेना है?
मैं बोली- शर्म नहीं आती आपको ऐसी हरकत करते हुए?
तो उन्होंने बोला- पहले आती थी … पर जब तू मेरे रस से भीगी चड्डी को बार बार शाम को सूखने डालने लगी, तो मुझे समझ आ गया कि तू मुझसे चुदना चाहती है. अब नखरे मत कर … खुल के बोल दे कि हां चुदना है.
ऐसे भी मैंने तो पहले ही ठान रखा था, जिसकी भी ये हरकत है, उससे चुद जाऊँगी. वैसे भी मेरी चूत की आग पति से ठंडी नहीं पड़ती थी. एक पल संतोष जी के लंड को देख कर मैंने भी बोल दिया- हां चोद लेना … पर अभी नहीं … कल आ जाना!
संतोष जी बोले- अच्छा ठीक है … आज कम से कम लंड तो चूस कर जा.
वे एकदम से पलट गए. मैं उनका लंड देखते की देखते रह गयी. बहुत बड़ा हथियार था … करीब 5/1/2 इंच का करीब 2 इंच मोटा लंड था. वो मुझे देख कर लगातार लंड हिलाए जा रहे थे. मानो उनमें शर्म नाम की कोई चीज ही न बची हो.
संतोष ने लंड हिलाते हुए कहा- क्या देख रही हो … लेना है?
मैं बोली- शर्म नहीं आती आपको ऐसी हरकत करते हुए?
तो उन्होंने बोला- पहले आती थी … पर जब तू मेरे रस से भीगी चड्डी को बार बार शाम को सूखने डालने लगी, तो मुझे समझ आ गया कि तू मुझसे चुदना चाहती है. अब नखरे मत कर … खुल के बोल दे कि हां चुदना है.
ऐसे भी मैंने तो पहले ही ठान रखा था, जिसकी भी ये हरकत है, उससे चुद जाऊँगी. वैसे भी मेरी चूत की आग पति से ठंडी नहीं पड़ती थी. एक पल संतोष जी के लंड को देख कर मैंने भी बोल दिया- हां चोद लेना … पर अभी नहीं … कल आ जाना!
संतोष जी बोले- अच्छा ठीक है … आज कम से कम लंड तो चूस कर जा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
