05-07-2022, 12:22 PM
मैंने भाभी से पूछा- मेरी रूपा रांड, साली छिनाल, मेरा भी निकलने वाला है, बोल कहां निकालूं?
भाभी- मेरे राजा … मेरे लौड़े, मेरी मुनिया, चूत में ही निकाल दे पूरा माल, बुझा दे इसकी भी प्यास।
मैं भी जोर-जोर से शॉट मारते हुए भाभी की चूत में ही झड़ गया और उन्हीं के ऊपर गिर गया। थोड़ी देर बाद मैं भाभी के ऊपर से उठा और उनकी चूत की ओर देखा तो वो लाल होकर सूज गयी थी।
मैंने उनकी चूत को किस किया और लंड और चूत के पानी के मिश्रण को भाभी की बहती चूत से अपने मुँह में भरकर भाभी के मुँह में डाल दिया। वो उसे पूरा का पूरा पी गयी और मुझे गले से लगा कर बोली कि आज वह बहुत खुश है. उसे जन्नत मिल गयी। अब तुम्हें जब भी मौका मिले, मुझे चोदते रहना।
फिर भाभी उठी और बाथरूम की ओर जाने लगी तो मैंने देखा कि उनकी जांघें कांप रही हैं और वो थोड़ा लड़खड़ाकर चल रही है।
मैं भी उनके पीछे बाथरूम में गया. दोनों ने साथ में शावर लिया। फिर साथ में खाना खाया। तब तक शाम के 4 बज चुके थे।
भाभी- सुन मेरे राजा … मैं चलती हूँ, मेरी सास आने वाली होगी बाजार से. इतना कहकर वो अपने घर चली गयी।
उन 3 दिनों में मैंने भाभी की गांड भी मारी और अच्छा चुदाई का दौर चला। मुझे अब जब कभी भी मौका मिलता है, मैं भाभी की चुदाई करता हूँ। उनका गुलाम बनकर, कभी सेवक बनकर और कभी कुत्ता बनकर।
और जब भी मैं चुदाई करता हूँ भाभी की चूत का गोल्डन रस, मूत जरूर पीता हूँ. अब तो भाभी भी लंड का मूत पीने की आदी हो गयी है. उनको भी इसमें मजा आता है
भाभी- मेरे राजा … मेरे लौड़े, मेरी मुनिया, चूत में ही निकाल दे पूरा माल, बुझा दे इसकी भी प्यास।
मैं भी जोर-जोर से शॉट मारते हुए भाभी की चूत में ही झड़ गया और उन्हीं के ऊपर गिर गया। थोड़ी देर बाद मैं भाभी के ऊपर से उठा और उनकी चूत की ओर देखा तो वो लाल होकर सूज गयी थी।
मैंने उनकी चूत को किस किया और लंड और चूत के पानी के मिश्रण को भाभी की बहती चूत से अपने मुँह में भरकर भाभी के मुँह में डाल दिया। वो उसे पूरा का पूरा पी गयी और मुझे गले से लगा कर बोली कि आज वह बहुत खुश है. उसे जन्नत मिल गयी। अब तुम्हें जब भी मौका मिले, मुझे चोदते रहना।
फिर भाभी उठी और बाथरूम की ओर जाने लगी तो मैंने देखा कि उनकी जांघें कांप रही हैं और वो थोड़ा लड़खड़ाकर चल रही है।
मैं भी उनके पीछे बाथरूम में गया. दोनों ने साथ में शावर लिया। फिर साथ में खाना खाया। तब तक शाम के 4 बज चुके थे।
भाभी- सुन मेरे राजा … मैं चलती हूँ, मेरी सास आने वाली होगी बाजार से. इतना कहकर वो अपने घर चली गयी।
उन 3 दिनों में मैंने भाभी की गांड भी मारी और अच्छा चुदाई का दौर चला। मुझे अब जब कभी भी मौका मिलता है, मैं भाभी की चुदाई करता हूँ। उनका गुलाम बनकर, कभी सेवक बनकर और कभी कुत्ता बनकर।
और जब भी मैं चुदाई करता हूँ भाभी की चूत का गोल्डन रस, मूत जरूर पीता हूँ. अब तो भाभी भी लंड का मूत पीने की आदी हो गयी है. उनको भी इसमें मजा आता है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
