05-07-2022, 12:15 PM
उन्होंने कहा- मैं तो पहले दिन ही … जब तुमने यहाँ घर लिया था तब ही तुम पर फिदा हो गयी थी, रोज तुम्हारा नाम लेकर नंगी होकर इसमें उंगलिया करती रहती थी. मैं तो तुम्हारे साथ सेक्स करना चाह रही थी. आज तुमने मुझे ब्लू फिल्म दिखा कर गर्म कर दिया तो मैं खुद को रोक ही नहीं सकी.
मैंने कहा- भाभी, आपके आने से पहले मैं ब्लू फिल्म देख जरूर रहा था लेकिन मैंने जानबूझ कर आपको ये नंगी फिल्म नहीं दिखायी थी.
मैंने उनको 69 की पोज़िशन में लिया और मैंने अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया और उनकी चूत को अपनी ज़ुबान से नहलाने लगा. मुँह में मेरा लंड होने के बाद भी भाभी की नशीली आवाज़ हमम्म्म ममम ह्म्म्म्मम कर के आ रही थी. मेरा लंड भाभी के गले तक चला गया था और उनकी चुत को मैं दाँत से काटता तो कभी अपनी जीभ उनकी गहराई में ले जाता
कुछ देर बाद वो झड़ गयी और उन्होंने अपना नमकीन रस छोड़ दिया, मैंने उसे पी लिया.
अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड उनके मुँह से बाहर निकाल लिया. उन्होंने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- ये रस तुम्हारे चूत के लिए है रानी!
वो खुश होकऱ कहने लगी- सच मेरे राजा … बहुत दिन हो गये इसको किसी मर्द का रस पिए! इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं था. खुशबू कैसे लेती होगी इसको अपने अंदर?
मैंने भाभी को सीधे लेटाया और उनकी टांगें फैला दी और उनके ऊपर चढ़ गया. उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया. उनकी चूत झड़ने की वजह से गीली हो चुकी थी. मैंने अपने लंड को उस पर थोड़ा सहलाया वो तड़पने लगी और कहने लगी- डाल भी दो न जान! नहीं तो मेरी चूत रो देगी!
“डालने तो दे जान … तेरी चूत क्या … तू रोएगी. अभी और एक ज़ोर का झटका मारा उनकी ज़ोर की चीख निकल गयी- बाहर निकालो इसे … अया आहह मैं मर गयी आहह!
मेरा लंड आधा अंदर जा चुका था, मैं उनके होंटों पर अपने होंट रख कर चूमने लगा उनके मम्मों को दबाने लगा. वो नॉर्मल होने लगी. मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाल कर एक और जोरदार झटका मार दिया जिससे लंड पूरा उनकी चूत में गहराई तक समा गया. उनकी आँखों में आँसू थे पर होंठ मेरे होंठों की वजह से बंद थे.
मैंने कहा- भाभी, आपके आने से पहले मैं ब्लू फिल्म देख जरूर रहा था लेकिन मैंने जानबूझ कर आपको ये नंगी फिल्म नहीं दिखायी थी.
मैंने उनको 69 की पोज़िशन में लिया और मैंने अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया और उनकी चूत को अपनी ज़ुबान से नहलाने लगा. मुँह में मेरा लंड होने के बाद भी भाभी की नशीली आवाज़ हमम्म्म ममम ह्म्म्म्मम कर के आ रही थी. मेरा लंड भाभी के गले तक चला गया था और उनकी चुत को मैं दाँत से काटता तो कभी अपनी जीभ उनकी गहराई में ले जाता
कुछ देर बाद वो झड़ गयी और उन्होंने अपना नमकीन रस छोड़ दिया, मैंने उसे पी लिया.
अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड उनके मुँह से बाहर निकाल लिया. उन्होंने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- ये रस तुम्हारे चूत के लिए है रानी!
वो खुश होकऱ कहने लगी- सच मेरे राजा … बहुत दिन हो गये इसको किसी मर्द का रस पिए! इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं था. खुशबू कैसे लेती होगी इसको अपने अंदर?
मैंने भाभी को सीधे लेटाया और उनकी टांगें फैला दी और उनके ऊपर चढ़ गया. उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया. उनकी चूत झड़ने की वजह से गीली हो चुकी थी. मैंने अपने लंड को उस पर थोड़ा सहलाया वो तड़पने लगी और कहने लगी- डाल भी दो न जान! नहीं तो मेरी चूत रो देगी!
“डालने तो दे जान … तेरी चूत क्या … तू रोएगी. अभी और एक ज़ोर का झटका मारा उनकी ज़ोर की चीख निकल गयी- बाहर निकालो इसे … अया आहह मैं मर गयी आहह!
मेरा लंड आधा अंदर जा चुका था, मैं उनके होंटों पर अपने होंट रख कर चूमने लगा उनके मम्मों को दबाने लगा. वो नॉर्मल होने लगी. मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाल कर एक और जोरदार झटका मार दिया जिससे लंड पूरा उनकी चूत में गहराई तक समा गया. उनकी आँखों में आँसू थे पर होंठ मेरे होंठों की वजह से बंद थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.