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Adultery पड़ोसन की हवस
#5
मैंने उनको उठाया और कमरे में ले गया वहाँ जाते ही उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे कपड़े उतार कर चूमने लगी. वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और मैं अंडरवीयर में था. फिर मैंने उनको बेड पर लिटाया और उन्हें चूमने लगा. उनके बदन के स्पर्श से मेरे अंदर बिजली सी दौड़ गयी और मेरा लंड जो 3 इंच मोटा है पूरा कड़क हो गया और अंडरवीयर से बाहर से दिखाई देने लगा. भाभी ने देखते ही मेरी अंडरवीयर उतार दी और मेरा लंड देख कर खुश हो गयी और चूमने लगी.

फिर मैंने भाभी की ब्रा के हुक खोल कर उनके मम्मों को आज़ाद कर दिया. भाभी के स्तन एकदम कड़क हो गये थे और उनकी भूरे रंग की निप्पल भी कड़क हो गयी थी. मैं उनको हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूमने लगा और दाँत लगाने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से ‘आहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उऊँ आहह उईए …’ की आवाजें निकालने लगी और उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पेंटी में डाल दिया, मेरे स्पर्श से उनकी आवाजें और बढ़ गयी और कहने लगी- दूर कर दो इसको मेरे बदन से!
मैंने एक ही पल में भाभी की पेंटी को उतार फेंका और नीचे आकर उनकी चूत को देखा. एकदम गोरी और गुलाब की पंखुड़ी की तरह थी जिसमें से एक नशीली सी महक आ रही थी. उनकी चुत एकदम साफ थी.
उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और कहा- मुझे और मत तड़पाओ मेरे राजा … डाल दो इसे मेरी कोमल चूत में!
मैंने कहा- मेरी जान कविता रानी … यह इतनी आसानी से तुम्हारी चूत में नहीं जाएगा, पहले इसे चूस और मुझे तेरी जवानी का रसपान तो करने दे!
वो बोली- जैसा आप कहो मेरी जान!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पड़ोसन की हवस - by neerathemall - 05-07-2022, 12:15 PM



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