04-07-2022, 03:49 PM
हमारे परिवार में हम सिर्फ़ तीन ही लोग है, में मेरी बहन और मेरी माँ और मेरे पापा बाहर विदेश में रहते है. दोस्तों मेरी बहन जो घर पर रुकी हुई थी, उसका नाम टीना था और उसका फिगर बहुत ही सेक्सी था और उसने एकदम टाईट कपड़े पहने हुए थे, जिससे उसके बूब्स बहुत ही सेक्सी आकर्षक लग रहे थे.
दोस्तों में अपने मन की सच्ची बात कहूँ तो मेरी उस पर नियत शुरू से ही खराब थी, लेकिन में उसके साथ ऐसा कुछ भी करने से बहुत ज्यादा डरता था, लेकिन फिर सेक्सी कहानियाँ पढ़ने की वजह से मुझमें धीरे धीरे थोड़ी हिम्मत आ गई और में धीरे धीरे उससे एकदम खुलकर बातें मस्ती मजाक करने लगा और उसको अपनी तरफ से में पूरी तरह से खुश करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो मेरी बहुत कोशिश करने के बाद भी मुझे वो कोई भी सिग्नल नहीं दे रही थी और में उसके पीछे बहुत पागल हो गया था, लेकिन में क्या करता? में कुछ कर भी नहीं सकता था.
जब रात हुई तो वो हमारे साथ बैठकर खाना खाने और फिर बातें हंसी मजाक करने के बाद मेरी बहन के कमरे में मेरी बहन के साथ ही सो गई, लेकिन मुझे अब बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी और बार बार मेरे विचारों में वो ही आ रही थी, इसलिए में उसके बारे में सोचता ही रहा. फिर करीब रात के तीन बजे में उठा और में हिम्मत करके उनके कमरे में जाकर उसके पैरों की तरफ जाकर लेट गया.
दोस्तों में अपने मन की सच्ची बात कहूँ तो मेरी उस पर नियत शुरू से ही खराब थी, लेकिन में उसके साथ ऐसा कुछ भी करने से बहुत ज्यादा डरता था, लेकिन फिर सेक्सी कहानियाँ पढ़ने की वजह से मुझमें धीरे धीरे थोड़ी हिम्मत आ गई और में धीरे धीरे उससे एकदम खुलकर बातें मस्ती मजाक करने लगा और उसको अपनी तरफ से में पूरी तरह से खुश करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो मेरी बहुत कोशिश करने के बाद भी मुझे वो कोई भी सिग्नल नहीं दे रही थी और में उसके पीछे बहुत पागल हो गया था, लेकिन में क्या करता? में कुछ कर भी नहीं सकता था.
जब रात हुई तो वो हमारे साथ बैठकर खाना खाने और फिर बातें हंसी मजाक करने के बाद मेरी बहन के कमरे में मेरी बहन के साथ ही सो गई, लेकिन मुझे अब बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी और बार बार मेरे विचारों में वो ही आ रही थी, इसलिए में उसके बारे में सोचता ही रहा. फिर करीब रात के तीन बजे में उठा और में हिम्मत करके उनके कमरे में जाकर उसके पैरों की तरफ जाकर लेट गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.