04-07-2022, 02:26 PM
उसके मुहं से यह आवाज़े सुनकर मुझमें भी अब जोश आ गया और में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा. तो वो बोलने लगी कि भाई अह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है आऐईईई अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो अआह्ह्ह रहा प्लीज भैया रूको, लेकिन में नहीं रुका और उसकी चूत को लगातार चूसता, चाटता रहा और उसी वक़्त वो झड़ गई और उसने अपना सारा माल अपनी चूत से बाहर निकाल दिया. तो मैंने एक टिश्यू पेपर लेकर उसकी चूत को साफ किया और फिर मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा और उससे बोला कि अब जानेमन तुम्हारी बारी है और मैंने उसे इशारे में अपना लंड चूसने को बोला.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.