04-07-2022, 02:20 PM
फिर धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा हाथ उसके शरीर पर घुमाया. क्या बताऊँ यार उसकी बॉडी की स्किन कितनी सॉफ्ट थी? फिर में हाथ फेरते हुए उसकी नाभि पर पहुँचा और वहाँ हाथ फेरने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ उसकी पेंटी पर ले गया, उसकी पेंटी को टच करते ही मेरे शरीर में अजीब जी झंनझनाहट हुई जैसे मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो. फिर मैंने यहाँ वहां टटोलना जारी रखा तो मुझे एक फूला हुआ पार्ट दिखा. में तुरंत समझ गया कि ये उसकी चूत है.
फिर मैंने उसकी पेंटी के नीचे से उंगली डालकर मैंने उसका जायजा लिया, क्या बताऊँ यार उसकी चूत पूरी आग की भट्टी लग रही थी? एक ऐसी आग जिसमें हर कोई जल जाना चाहता है. फिर ऐसा करते हुए वो रात निकल गई और उसे पता नहीं चला. फिर जब भी में उसके साथ सोता तो में यही सब करता था, लेकिन फिर जब तक वो हमारे यहाँ रही में इसके आगे नहीं बड़ पाया.
फिर उसका कॉलेज पूरा हो गया और वो अपने गावं चली गई. फिर में अकेला पड़ गया और उसको सोचकर मुठ मारने लगा, लेकिन वो मज़ा नहीं आता था. मेरे पापा चार भाई है और उनमें मेरे पापा सबसे बड़े है, मेरे बड़े अंकल की एक बेटी है, उसका नाम सौम्या है, वो मुझसे दो साल छोटी है. जब मेरी बुआ की लड़की चली गई तब मैंने सोचा क्यों ना इसी से काम चलाया जाए? फिर में उसके साथ भी वही सब करने लगा, लेकिन में उसके साथ ज़्यादा खुल नहीं पाया था.
फिर मैंने उसकी पेंटी के नीचे से उंगली डालकर मैंने उसका जायजा लिया, क्या बताऊँ यार उसकी चूत पूरी आग की भट्टी लग रही थी? एक ऐसी आग जिसमें हर कोई जल जाना चाहता है. फिर ऐसा करते हुए वो रात निकल गई और उसे पता नहीं चला. फिर जब भी में उसके साथ सोता तो में यही सब करता था, लेकिन फिर जब तक वो हमारे यहाँ रही में इसके आगे नहीं बड़ पाया.
फिर उसका कॉलेज पूरा हो गया और वो अपने गावं चली गई. फिर में अकेला पड़ गया और उसको सोचकर मुठ मारने लगा, लेकिन वो मज़ा नहीं आता था. मेरे पापा चार भाई है और उनमें मेरे पापा सबसे बड़े है, मेरे बड़े अंकल की एक बेटी है, उसका नाम सौम्या है, वो मुझसे दो साल छोटी है. जब मेरी बुआ की लड़की चली गई तब मैंने सोचा क्यों ना इसी से काम चलाया जाए? फिर में उसके साथ भी वही सब करने लगा, लेकिन में उसके साथ ज़्यादा खुल नहीं पाया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
