04-07-2022, 02:09 PM
अब मेरी दीदी सो गयी थी, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी. फिर मैंने देखा कि दीदी की चूचीयां बहुत अच्छे से दिख रही थी. अब में आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था और अपनी पेंट को उतारकर चादर ऊपर रखकर एक हाथ से मुठ मार रहा था और एक हाथ से उनका बूब्स हल्का सा दबा रहा था कि अचानक से दीदी हिली और में वहाँ से अपना हाथ हटाकर सोने का नाटक करने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.