04-07-2022, 02:09 PM
में – ऐसे ही.
अब शाम को में दोस्तों के साथ घूमकर रात को 8 बजे घर पहुँचा, तो तब तक दीदी ने खाना बना लिया था. फिर हमने खाना खाया और सोने चले गये, फिर दीदी ने कहा कि क्या में तुम्हारे कमरे में सो सकती हूँ? तो मैंने पूछा कि क्यों? तो उन्होंने कहा कि अकेली बोर होती हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है, जब गर्मी के दिन थे तो में हाफ पेंट पहनकर ही सोता था.
फिर मेरी दीदी ने कहा कि चलो आज हम छत पर सोते है. छत पर पर ज़्यादा उजाला था, क्योंकि चाँदनी रात थी. अब मैंने जानबूझ कर अंडरवेयर नहीं पहना और सिर्फ़ हाफ पेंट ही पहनी, वो भी ढीली, जिसे आसानी से उतार सके. फिर मेरी दीदी ने अपनी साड़ी उतार दी और अब वो सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में आ गयी. अब वो बहुत सेक्सी दिख रही थी, अब रात के 11 बज गये थे.
अब शाम को में दोस्तों के साथ घूमकर रात को 8 बजे घर पहुँचा, तो तब तक दीदी ने खाना बना लिया था. फिर हमने खाना खाया और सोने चले गये, फिर दीदी ने कहा कि क्या में तुम्हारे कमरे में सो सकती हूँ? तो मैंने पूछा कि क्यों? तो उन्होंने कहा कि अकेली बोर होती हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है, जब गर्मी के दिन थे तो में हाफ पेंट पहनकर ही सोता था.
फिर मेरी दीदी ने कहा कि चलो आज हम छत पर सोते है. छत पर पर ज़्यादा उजाला था, क्योंकि चाँदनी रात थी. अब मैंने जानबूझ कर अंडरवेयर नहीं पहना और सिर्फ़ हाफ पेंट ही पहनी, वो भी ढीली, जिसे आसानी से उतार सके. फिर मेरी दीदी ने अपनी साड़ी उतार दी और अब वो सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में आ गयी. अब वो बहुत सेक्सी दिख रही थी, अब रात के 11 बज गये थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
