04-07-2022, 01:59 PM
अब मैंने उनके दोनों पैरो को पकड़कर फोल्ड करके उनकी जाँघो को फैला दिया था. अब में अपने लंड को उनकी चूत में आते जाते देख रहा था. फिर कुछ देर तक तो में वैसे ही अपनी कमर को हिलाता रहा. फिर तभी मेरे अंदर ना जाने कहाँ से अचानक जोश आया? और फिर मैंने अपने लंड को पूरा उनकी चूत में डालने के लिए एक ज़ोर से झटका मारा. तो वो उई, आअहह, नहीं, हाए में मर गयी, ओह नहीं बोले जा रही थी. अब वो ना सिर्फ़ पूरी तरह से कांप गयी थी बल्कि झटपटाने लगी थी.
अब मेरा लंड उनकी चूत में पूरा चला गया था, लेकिन उनकी चूत भी फट गयी थी. अब वो मेरे लंड को बाहर निकालने की हर नाकाम कोशिश कर रही थी. फिर तब मैंने उनसे बोला कि बस अब आपको मज़ा आने वाला है, थोड़ी देर और रुक जाइए और फिर इस तरह से मैंने उनके दोनों हाथों को पकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाता रहा.
थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि अब वो भी शांत होने लगी थी. अब में समझ गया था कि अब उनको भी मज़ा आने लगा था. अब में उनकी दोनों चूचीयों को मसलने लगा था और अपनी कमर को ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा था. अब वो भी मस्ती में अजीब ही मस्तानी आवाज निकालकर मेरे जोश को और बढ़ाने की कोशिश करने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद जब मैंने महसूस किया कि मेरा वीर्य उनकी चूत में गिरने वाला है तो तब मैंने दीदी के होंठो को चूसना शुरू कर दिया.
अब दीदी भी मेरा भरपूर साथ देने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद मेरा पूरा वीर्य दीदी की चूत में ही गिर गया. अब हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में जैसे ढेर हो गये थे. अब में उनके ऊपर ढेर हो गया था. फिर कुछ देर के बाद में बैठा हुआ और अपने लंड को बाहर निकाला और दीदी की चूत को देखकर बोला कि क्या मस्त जिस्म पाया है आपने? आज आपने मुझे खुश कर दिया. फिर तब दीदी बोली कि तुमने भी मुझे खुश कर दिया, मुझे लगता है कि सही मायने में आज ही मेरी सुहागरात है.
अब मेरा लंड उनकी चूत में पूरा चला गया था, लेकिन उनकी चूत भी फट गयी थी. अब वो मेरे लंड को बाहर निकालने की हर नाकाम कोशिश कर रही थी. फिर तब मैंने उनसे बोला कि बस अब आपको मज़ा आने वाला है, थोड़ी देर और रुक जाइए और फिर इस तरह से मैंने उनके दोनों हाथों को पकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाता रहा.
थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि अब वो भी शांत होने लगी थी. अब में समझ गया था कि अब उनको भी मज़ा आने लगा था. अब में उनकी दोनों चूचीयों को मसलने लगा था और अपनी कमर को ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा था. अब वो भी मस्ती में अजीब ही मस्तानी आवाज निकालकर मेरे जोश को और बढ़ाने की कोशिश करने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद जब मैंने महसूस किया कि मेरा वीर्य उनकी चूत में गिरने वाला है तो तब मैंने दीदी के होंठो को चूसना शुरू कर दिया.
अब दीदी भी मेरा भरपूर साथ देने लगी थी. फिर कुछ देर के बाद मेरा पूरा वीर्य दीदी की चूत में ही गिर गया. अब हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में जैसे ढेर हो गये थे. अब में उनके ऊपर ढेर हो गया था. फिर कुछ देर के बाद में बैठा हुआ और अपने लंड को बाहर निकाला और दीदी की चूत को देखकर बोला कि क्या मस्त जिस्म पाया है आपने? आज आपने मुझे खुश कर दिया. फिर तब दीदी बोली कि तुमने भी मुझे खुश कर दिया, मुझे लगता है कि सही मायने में आज ही मेरी सुहागरात है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.