04-07-2022, 01:59 PM
फिर मैंने दीदी की दोनों चूचीयों को बारी-बारी से दबाया. तो तब उनके दोनों पैर जो कि बिल्कुल ही टाईट थे तो दीदी ने थोड़ा सा ढीला किया. फिर तब मैंने उनके दोनों पैरो को फोल्ड करने के लिए बोला तो दीदी ने वैसा ही किया. फिर जब मैंने अपने लंड को देखा तो पाया कि मेरा लंड अभी आधा ही उनकी चूत में गया था. फिर तब मैंने एक ज़ोर से धक्का मारा तो उनके मुँह से फिर से हाईईई, में मर गयी, ऊहह, नहीं की आवाज निकल पड़ी और अब उनके दोनों पैर फिर से टाईट हो गये थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.