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Incest शादीशुदा दुधारू बहन
#4
मैं दीदी के करीब गया और उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से दबाया.
तभी मुझे न जाने क्या हुआ कि मैं उनकी चारपाई के नीचे बैठ गया.

मैंने एक पल दीदी के थन देखे और अपने होंठ उनके एक निप्पल से लगा दिए.

उनके जिस्म में कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने दीदी के ब्रेस्ट मिल्क को पीना शुरू कर दिया.

दीदी का ब्रेस्ट मिल्क मेरे मुँह में मजा देने लगा. मैं गर्मा गया तो मैंने दीदी के निप्पल को होंठों से दबा कर खींच दिया.

उसी समय वो जाग गईं और मुझे देखने लगीं.
मैं एकदम से काफी डर गया था.

लेकिन दीदी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मुझसे लिपट गईं.
मैं हक्का बक्का था. बस अपनी दीदी के नंगे चूचों से चिपका पड़ा था.

कुछ देर तक हम दोनों वैसे ही लिपटे रहे. दोनों की सांसें काफी तेज हो गयी थीं.

दीदी अब गर्म हो रही थी, मेरा आधा शरीर उनके ऊपर था और आधा नीचे पलंग पर था.

फिर मैंने धीरे धीरे उनको चूमना शुरू किया. पहले माथे से शुरू कर, गाल और आंख पर आ गया.
मैं दीदी के कान की लौ को भी पी रहा था, साथ ही मेरा लंड दीदी की जांघ के ऊपर रगड़ रहा था.

अपने लंड को मैं दीदी की जांघ से कुछ जोर से रगड़ने लगा था.
इससे दीदी की सांसें और तेज होती जा रही थीं.

फिर मैंने उनके दोनों हाथ को अपने हाथों से जोर से दबाया और गले को चूसने लगा.

अब दीदी ने भी मुझे और अपनी तरफ खींच लिया और अपने होंठों से मेरे होंठों को खींचने लगीं.

मैं अपने कंट्रोल से बाहर होता जा रहा था.
हम दोनों ने भरपूर किस किया और एक दूसरे के मुँह में जीभ डालकर एक दूसरे की लार को पिया.

दीदी एकदम कामुक हो गई थीं. शायद जीजा जी ने दीदी को काफी दिनों से चोदा ही नहीं था.

कुछ देर के बाद मैं नीचे को हो गया और ऊपर हाथ करके दीदी के मम्मों को कस कस कर ऐसे दबाने लगा मानो मैं कोई जानवर हूँ.

इस पर दीदी सीत्कार करती हुई बोलीं- आह राकेश … बहुत दर्द हो रहा है … थोड़ा धीरे धीरे दबाओ.
मैंने कहा- ओके.

उसके बाद मैं उनके निप्पल होंठों में दबा कर चूसने लगा और दीदी भी मस्ती से मेरे मुँह में अपना पूरा मम्मा दबा कर मुझे ब्रेस्ट मिल्क चुखाने लगीं.
दीदी का दूध मस्त लग रहा था.

मैंने दीदी की चूची पीते हुए ही अपना एक हाथ उनकी गांड पर रख दिया और एक चूतड़ मसलते हुए दबाने लगा.

फिर मैं उनके दूसरे दूध को चूसने लगा. कसम से दीदी के चूचे बहुत बड़े और सॉफ्ट थे.

इसके बाद मैंने उनके पूरे कपड़े खोल कर हटा दिए.
मेरी बड़ी दीदी अब सिर्फ पैंटी में रह गई थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शादीशुदा दुधारू बहन - by neerathemall - 04-07-2022, 01:54 PM



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