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Incest शादीशुदा दुधारू बहन
#2
सन 2014 की बात है. उस समय मैं स्कूल में पढ़ता था और जौनपुर में भैया और मां के साथ रहता था व उनके साथ वहीं रहकर पढ़ाई करता था.

फिर भैया ने इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया.
उसके बाद मैं और मेरी मां बड़ी मां के यहां पटना चले गए. मेरा पटना के ही एक स्कूल में एडमिशन हो गया था.

बड़ी मां का घर में कुल 3 ही कमरे थे. वहां मैं, मेरी मां, बड़ी मां, उनका बेटा और उनकी छोटी बेटी भी रहती थी. बड़ी मां के साथ में उनकी बड़ी बेटी दामाद भी रहते थे.

मेरी बड़ी दीदी गर्भ से थीं, बाद में उन्होंने को एक बेटी ने जन्म दिया था.

हम कुल मिलाकर उस घर में 9 सदस्य थे. मेरी कोई अपनी बहन नहीं थी … और हां मेरे बड़े पापा भी नहीं थे.

मैं अभी वहां बिल्कुल नया था. इससे पहले मैं बहुत कम उम्र में ही एक बार अपनी ताई जी के घर गया था.
मेरी बड़ी दीदी यानि जिनकी बच्ची थी, वो काफी खूबसूरत थीं और बहुत ही ज्यादा गोरी भी.

दीदी हमारे पूरे परिवार में सबसे ज्यादा गोरी थीं. छोटी दीदी भी बहुत सुंदर और आकर्षक थीं. उस समय उनकी उम्र 20 साल थी.

बड़ी दीदी की उम्र 25 साल थी. बड़ी दीदी के पति काफी सांवले थे, वो वहीं पटना में कोई जॉब करते थे.

मेरी बड़ी दीदी भी नर्स थीं. चूंकि जीजा जी और दीदी, दोनों का जॉब पटना में ही था, इसलिए वो दोनों बड़ी मम्मी के साथ ही रहते थे.
जॉब से पहले दीदी अपने ससुराल में रहती थीं.

मेरे लिए वहां का माहौल बिल्कुल ही नया था और इससे पहले मैं कभी बहनों के साथ नहीं रहा था.

मेरी छोटी दीदी मेरे से काफी फ्रेंडली थीं और बहुत अच्छी थीं. कुछ ही दिन में मैं छोटी दीदी के साथ घुल-मिल गया था.

वो मेरे से शुरूआत से ही बहुत खुली हुई थीं, कभी कभी वो अपना हाथ मेरे सीने पर रख देतीं.
मैं कुछ नहीं बोलता था क्योंकि मुझे लगता था कि वो बस फ़्रेंडली हो रही हैं.
पर मेरा लंड शांत नहीं रहता था और उनके स्पर्श से मेरे शरीर में एकदम से खून दौड़ जाता था.

कुछ ही दिनों मैं भी उनसे काफी अंतरंग हो चुका था. कभी कभी वो मेरे इतने नजदीक आ जाती थीं कि उनका कड़क और बड़ा चुचा मेरे से स्पर्श होने लगता.

हालांकि वो कभी मुझसे खुल कर कुछ नहीं बोलती थीं कि उनको मेरे लंड से चुदना है. पर मुझे लगता था कि उनकी मंशा कुछ ऐसी ही थी और सोचता रहता था कि दीदी न जाने चोदने के लिए कब बोलेंगी.

ऐसा ही चलता रहा और मैंने भी कुछ नहीं किया.

पर कसम से छोटी दीदी बहुत सुंदर थीं और उनका फिगर भी बड़े कमाल का था.
दीदी की शानदार गांड और टाइट बूब्स देख कर मेरा तो हमेशा ही मन करने लगता था उनकी चुदाई करने का, पर कुछ नहीं हो पाया.

मेरी बड़ी दीदी उतनी अच्छी दोस्त नहीं बनी थीं, पर वो छोटी दीदी से भी ज्यादा मस्त थीं.
उनके बूब्स भी काफी बड़े थे और गांड तो सच में जन्नत थी.

मेरी गारंटी है कि कोई भी बड़ी दीदी की गांड को एक बार बस देख भर ले, उसके लंड का माल वहीं गिर जाएगा.

कुछ दिनों बाद बड़ी दीदी भी मुझे बहुत पसंद आने लगी थीं; मैं उनसे बात भी करने लगा था.
धीरे धीरे बड़ी दीदी भी मुझे प्यार करने लगीं और हमारे बीच काफी मजाक होने लगा था.

बड़ी दीदी एकदम भरे हुए बदन की माल औरत थीं. वो ज्यादा मोटी भी नहीं थी, एकदम परफेक्ट शेप्ड बॉडी थी.

शायद वो मुझे पसंद करने लगी थीं, वो मजाक मस्ती के समय कभी कभी मेरा कभी हाथ पकड़ लेतीं और कभी कभी मैं भी अपना हाथ उनकी जांघ पर रखने लगता था.
वो मेरी इस हरकत से शायद काफी उत्तेजित हो जाती थीं और एक दो पल बाद ही मेरा हाथ अपनी जांघ से हटा देती थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शादीशुदा दुधारू बहन - by neerathemall - 04-07-2022, 01:53 PM



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