04-07-2022, 01:44 PM
जब मैं अपँव बहन के नंगे बदन के ऊपर से हटा तो मीनू खड़ी हुई. तो वीर्य उसकी चूत से निकल कर उसकी खूबसूरत टांगों पर चलने लगा. मीनू ने जैसे ही चलना चाहां, उससे चला नहीं गया. जब उसने अपनी चूत को देखा तो चूत की दोनों फाकों के बीच दो उँगलियों का गैप हो चुका था. जैसे किसी के होंठ काफी सूज गए हों. फिर मीनू ने कहा- भाई, आपने मेरी चूत बिल्कुल ऐसी कर दी जैसी कुत्ते कुतिया की चूत कर देते हैं. और अपनी टाँगें चौड़ी करके चलने लगी. फिर सुबह तक मैं मीनू को दो बार और बजाया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
