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Incest कुंवारी मौसेरी बहन
#4
कुछ देर बाद मीनू अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गयी, बड़ा गला होने के कारण उसकी ब्रा साफ साफ दिखाई दे रही थी, जो मेरे लंड को कण्ट्रोल से बाहर कर रही थी।
तभी मैंने कहा- मीनू, अब तुम्हारी शादी करनी पड़ेगी.
मीनू ने कहा- क्यूँ भाई? अभी तो मैं छोटी हूँ. और मुझे अभी और पढ़ना है।

तभी उसने कहा- लेकिन आप को ये अचानक मेरी शादी की बात क्या सूझी?
मैंने स्थिति को भांप कर बात को टाल दिया।
फिर हम खाना खाकर सो गए।

अगले दिन हम टाइम से उठ कर नहा धोकर सेण्टर की तरफ चले गए।

पेपर 3 घंटे का था. मैंने इधर उधर घूम कर समय बिताया। जब मीनू पेपर दे कर बाहर आई तो मैंने उससे पूछा- पेपर कैसा हुआ?
तो उसने कहा- पेपर तो अच्छा हुआ है. शायद सिलेक्शन भी हो जायेगा।
फिर हम होटल के लिए निकल पड़े।

रास्ते में उसने मुझसे कहा- अब 2 दिन दिल लगा कर घूमना है.
मैंने कहा- नहीं, हम शाम को निकल जाएंगे घर के लिए!
तो उसने कहा- भाई, क्या हर रोज आया जाता है यहाँ पर! प्लीज कोई बहाना बना कर 2 दिन तक रुकने का प्रोग्राम बनाओ।

फिर उसकी बात मन कर मैंने मौसी को फ़ोन कर दिया- हम दो दिन बाद घर आयेंगे।
मौसी की रजामंदी मिलने पर मीनू ने मुझे गले लगा लिया और मैंने अपनी छाती पर उसकी बड़ी बड़ी चूचियां महसूस की.
लेकिन तभी वो मुझसे अलग हो गई।

उसने बताया कि यहाँ चालीस किलोमीटर दूर एक सुंदर सा गाँव है, जहाँ की वादियाँ बहुत ही मनमोहक हैं. उसकी जिद के आगे मुझे झुकना पड़ा और हम उस गाँव के लिए निकल पड़े.
रास्ते में मैंने उससे कहा- मुझे कुछ तबियत ठीक नहीं लग रही!
तो उसने रास्ते में एक मेडिकल स्टोर से मेरे लिए कुछ दवाई ले ली.

उसी दुकान पर एक नवविवाहित जोड़ा खड़ा था शायद उनको भी कुछ चाहिए था. मीनू उनको देख कर हंस रही थी और और लेडी भी हंस रही थी.
जब मैंने मीनू से उस बारे में पूछा तो उसने बात को हंस कर टाल दिया. मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया.

दो घंटे के बाद हम उस गाँव में पहुँच गए. वह गाँव देखने में बहुत ही सुंदर था। हम वहां तीन घंटे तक घूमे और फिर वापस जाने के लिए चले.
तो एक लेडी, जो वहीं की लग रही थी, ने हमको कहा- भाई साहब, यहाँ का सबसे बढ़िया नजारा तो सुबह के वक्त का है. जो भी आता है वो देखता जरूर है. आपको भी देखना चाहिए.

उसकी बात सुन कर मीनू ने वहां रुकने के लिए कहा।
पहले तो मैंने मना किया, फिर उसकी जिद के आगे मुझे झुकना पड़ा और हम वहीं रुकने के लिए तैयार हो गए।

जब मैंने उस लेडी से किसी होटल के बारे में पूछा तो उसने कहा- यहाँ कोई होटल नहीं है, आप को किसी के घर पर रुकना पड़ेगा. और वे आपसे किराया लेंगे और खाना भी बना कर देंगे.
लेकिन इतनी देर होने के कारण अब सभी आप से ज्यादा किराया लेंगे.
मैंने पूछा- कितना?
तो उसने कहा- कम से कम दो हजार!

मीनू ने कहा- ये तो ज्यादा है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: कुंवारी मौसेरी बहन - by neerathemall - 04-07-2022, 01:41 PM



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