04-07-2022, 01:35 PM
म्मी बोलीं- मैं आज शाम को आंटी के घर जा रही हूँ तुम घर पर ही रहना.
अम्मी की बात सुनकर मैं रिलेक्स हुआ और पूछा- अम्मी किस लिए?
तो उन्होंने कहा कि मुझे उनसे कुछ काम है. मैं परसों तक आऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है. क्या दीदी भी आपके साथ जा रही हैं?
उन्होंने कहा- नहीं मैं अकेले ही जा रही हूँ और तुम घर पर ही रह कर अपनी बहन का ख्याल रखना.
मैंने कहा- ठीक है अम्मी.
वो अपने जाने की तैयारियां करने लगीं. फिर शाम को मैं उन्हें छोड़ने स्टेशन गया और ट्रेन में बैठा आया.
घर आकर मैंने दीदी से कहा- भूख लगी है.
उन्होंने कहा- मैंने खाना बना दिया है तू खा ले.
मैंने पूछा- क्या आपने खा लिया है?
उन्होंने कहा- मुझे अभी भूख नहीं है.
ये कह कर वो अपने रूम में चली गईं.
मैं उनके रूम में खाना लेकर गया और उन्हें खाने के लिए बोला, तो वो मना करने लगीं. पर मैंने उन्हें मना लिया और फिर से एक बार सॉरी बोला.
अब दीदी ने एक सेक्सी सी स्माइल दे दी और पूछा- क्या तेरी कोई जीएफ है?
मैंने नहीं कह दिया, तो वो मुस्कुरा दीं.
मैंने भी पूछ लिया- आपका कोई बीएफ है क्या?
इस पर उन्होंने भी ‘नहीं है.’ कह दिया.
फिर मैं थोड़ा सा दीदी के पास गया और बोला- दीदी आपसे एक बात पूछ सकता हूँ क्या?
उन्होंने बोला- हां पूछ ना!
मैंने कहा- क्या अपने कभी सेक्स किया है?
इस पर वो थोड़ा गुस्से से बोलीं- नहीं.. तू ये सब क्यों पूछ रहा है?
मैंने कहा- ऐसे ही दीदी.
उन्होंने कहा- क्या तूने किया है कभी?
मैंने भी कह दिया- नहीं दीदी मैंने आज तक किसी से सेक्स नहीं किया.
अब दीदी बोलीं- कभी मन नहीं किया क्या?
मैंने कहा- आप तो सब जानती हो ना दीदी कि लड़के बिना सेक्स के नहीं रह सकते.
इस पर वो थोड़ा शर्मा गईं और उन्होंने मेरा हाथ थोड़ा और ज़ोर से पकड़ लिया.
मैंने भी पूछ लिया- दी, आपका दिल नहीं करता क्या सेक्स के लिए?
इस पर उन्होंने सिर नीचे कर लिया और नजर उठा आकर मुझे देखने लगीं.
तभी मैंने उन्हें अपनी तरफ खींच लिया और उनके होंठों पर किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगीं.
बस फिर क्या था … हम दोनों भाई बहन वासना के सातवें आसमान पर पहुंच गए. मैंने दीदी के मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और वो मेरे लंड को पेन्ट के ऊपर से ही सहलाने लगीं.
फिर मैंने उनके सारे कपड़े निकाल कर फेंक दिए. मेरे सामने मेरी नंगी बहन खड़ी थीं.
अम्मी की बात सुनकर मैं रिलेक्स हुआ और पूछा- अम्मी किस लिए?
तो उन्होंने कहा कि मुझे उनसे कुछ काम है. मैं परसों तक आऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है. क्या दीदी भी आपके साथ जा रही हैं?
उन्होंने कहा- नहीं मैं अकेले ही जा रही हूँ और तुम घर पर ही रह कर अपनी बहन का ख्याल रखना.
मैंने कहा- ठीक है अम्मी.
वो अपने जाने की तैयारियां करने लगीं. फिर शाम को मैं उन्हें छोड़ने स्टेशन गया और ट्रेन में बैठा आया.
घर आकर मैंने दीदी से कहा- भूख लगी है.
उन्होंने कहा- मैंने खाना बना दिया है तू खा ले.
मैंने पूछा- क्या आपने खा लिया है?
उन्होंने कहा- मुझे अभी भूख नहीं है.
ये कह कर वो अपने रूम में चली गईं.
मैं उनके रूम में खाना लेकर गया और उन्हें खाने के लिए बोला, तो वो मना करने लगीं. पर मैंने उन्हें मना लिया और फिर से एक बार सॉरी बोला.
अब दीदी ने एक सेक्सी सी स्माइल दे दी और पूछा- क्या तेरी कोई जीएफ है?
मैंने नहीं कह दिया, तो वो मुस्कुरा दीं.
मैंने भी पूछ लिया- आपका कोई बीएफ है क्या?
इस पर उन्होंने भी ‘नहीं है.’ कह दिया.
फिर मैं थोड़ा सा दीदी के पास गया और बोला- दीदी आपसे एक बात पूछ सकता हूँ क्या?
उन्होंने बोला- हां पूछ ना!
मैंने कहा- क्या अपने कभी सेक्स किया है?
इस पर वो थोड़ा गुस्से से बोलीं- नहीं.. तू ये सब क्यों पूछ रहा है?
मैंने कहा- ऐसे ही दीदी.
उन्होंने कहा- क्या तूने किया है कभी?
मैंने भी कह दिया- नहीं दीदी मैंने आज तक किसी से सेक्स नहीं किया.
अब दीदी बोलीं- कभी मन नहीं किया क्या?
मैंने कहा- आप तो सब जानती हो ना दीदी कि लड़के बिना सेक्स के नहीं रह सकते.
इस पर वो थोड़ा शर्मा गईं और उन्होंने मेरा हाथ थोड़ा और ज़ोर से पकड़ लिया.
मैंने भी पूछ लिया- दी, आपका दिल नहीं करता क्या सेक्स के लिए?
इस पर उन्होंने सिर नीचे कर लिया और नजर उठा आकर मुझे देखने लगीं.
तभी मैंने उन्हें अपनी तरफ खींच लिया और उनके होंठों पर किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगीं.
बस फिर क्या था … हम दोनों भाई बहन वासना के सातवें आसमान पर पहुंच गए. मैंने दीदी के मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और वो मेरे लंड को पेन्ट के ऊपर से ही सहलाने लगीं.
फिर मैंने उनके सारे कपड़े निकाल कर फेंक दिए. मेरे सामने मेरी नंगी बहन खड़ी थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.