04-07-2022, 01:20 PM
मैंने उसके पेट को चूमा. उसकी नाभि को चूमा. फिर मैं उसकी चूत तक पहुंच गया. उसकी चूत पर हल्के बाल थे. मैंने उसकी जांघों को फैला कर उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
इससे पहले मैंने किसी लड़की की चूत को नहीं चाटा था. पहली बार मुझे चूत के रस का स्वाद मिल रहा था. मैं कई मिनट तक उसकी चूत को चाटता रहा. फिर मैंने उठ कर अपने लंड को उसके मुंह की तरफ कर दिया.
वो मेरा इशारा समझ गयी. उसने मुंह खोल दिया और मैंने उसके मुंह में लंड दे दिया. वो मेरे लंड को मस्ती में चूसने लगी. लंड भी मोटा ताजा था. उसको मेरा लंड काफी पसंद था. काफी देर तक उसने मेरे लंड को चूसा.
फिर मैंने उसको पलट लिया. उसकी गांड चाटने का मन कर रहा था मेरा. वो मना करने लगी. वो कहने लगी कि वो जगह अच्छी नहीं है. फिर भी मैंने उसकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया.
वो आह्ह… आह्ह… की आवाज करके अपनी गांड चटवाने लगी.
मैंने काफी देर तक उसकी गांड के छेद को चाटा. फिर मैं दोबारा से उसकी चूत में जीभ से चाटने लगा. वो जोर से सिसकारियां लेने लगी.
वो बोली- बस … अब डाल दे यार … और नहीं रुका जा रहा.
सपना की टांगों को पकड़ कर मैंने अपनी तरफ खींच लिया. उसकी चूत पर लंड लगा दिया. उसकी चूत मेरे थूक और उसके कामरस से एकदम चिकनी हो गयी थी.
चाची की लड़की की चूत पर लंड को लगा कर मैं उसकी चूत में लंड को धकेलने लगा. उसकी चूत को खोलता हुआ लंड अंदर जाने लगा और उसकी चीख निकलने लगी.
मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. अभी आधा लंड ही गया था. मैंने फिर से उसकी चूत में लंड को धकेलने की कोशिश की और वो उचक गयी. धीरे धीरे करके मैंने पूरा लंड उसकी टाइट चूत में उतार दिया.
उसकी आंखों में पानी आ गया. मेरे होंठ उसके होंठों से मिले हुए थे. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया. वो भी थोड़ी देर के बाद मेरा साथ देने लगी.
अब मेरा लंड उसकी चूत में आराम से जा रहा था. मैंने उसकी चूत को चोदना जारी रखा. कुछ देर तक उसकी चूत को चोदने के बाद वो मस्त हो गयी.
फिर मैंने अपनी चचेरी बहन को घोड़ी बना लिया, पीछे से उसकी चूत मारने का मन कर रहा था.
वो बोली- जल्दी करो, मेरे घर वाले कभी भी आ सकते हैं.
मैंने सट्ट से उसकी चूत में पीछे से लंड धकेल दिया.
उसकी गांड को पकड़ कर मैं उसकी चूत को चोदने लगा. हम दोनों के मुंह से ही कामुक आवाजें आने लगीं.
वो सिसकारने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर से .. चोदो … आह्ह … मजा आ रहा है… फाड़ दो इसे … ऐसे बोलते हुए वो अपनी चूत चुदवाने लगी.
सर्दी के मौसम में दोनों जिस्म में पसीना आ गया था. मैंने उसकी चूत को कई मिनट तक चोदा. फिर मैं झड़ने के करीब पहुंच गया. मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया.
उसको मैंने अपना लंड मुंह में लेने के लिए कहा. वो मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने उसके मुंह में दो-चार धक्के लगाये और फिर मैं उसके मुंह में ही झड़ गया.
बाद में पता चला कि वो मेरे से पहले ही झड़ चुकी थी.
इस तरह से हमने उस दिन सेक्स का पूरा मजा लिया. फिर मैं अपने घर वापस आ गया. इस तरह से मैंने चाचा की लड़की की चूत पहली बार मारी थी. मुझे बहुत मजा आया था.
इससे पहले मैंने किसी लड़की की चूत को नहीं चाटा था. पहली बार मुझे चूत के रस का स्वाद मिल रहा था. मैं कई मिनट तक उसकी चूत को चाटता रहा. फिर मैंने उठ कर अपने लंड को उसके मुंह की तरफ कर दिया.
वो मेरा इशारा समझ गयी. उसने मुंह खोल दिया और मैंने उसके मुंह में लंड दे दिया. वो मेरे लंड को मस्ती में चूसने लगी. लंड भी मोटा ताजा था. उसको मेरा लंड काफी पसंद था. काफी देर तक उसने मेरे लंड को चूसा.
फिर मैंने उसको पलट लिया. उसकी गांड चाटने का मन कर रहा था मेरा. वो मना करने लगी. वो कहने लगी कि वो जगह अच्छी नहीं है. फिर भी मैंने उसकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया.
वो आह्ह… आह्ह… की आवाज करके अपनी गांड चटवाने लगी.
मैंने काफी देर तक उसकी गांड के छेद को चाटा. फिर मैं दोबारा से उसकी चूत में जीभ से चाटने लगा. वो जोर से सिसकारियां लेने लगी.
वो बोली- बस … अब डाल दे यार … और नहीं रुका जा रहा.
सपना की टांगों को पकड़ कर मैंने अपनी तरफ खींच लिया. उसकी चूत पर लंड लगा दिया. उसकी चूत मेरे थूक और उसके कामरस से एकदम चिकनी हो गयी थी.
चाची की लड़की की चूत पर लंड को लगा कर मैं उसकी चूत में लंड को धकेलने लगा. उसकी चूत को खोलता हुआ लंड अंदर जाने लगा और उसकी चीख निकलने लगी.
मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. अभी आधा लंड ही गया था. मैंने फिर से उसकी चूत में लंड को धकेलने की कोशिश की और वो उचक गयी. धीरे धीरे करके मैंने पूरा लंड उसकी टाइट चूत में उतार दिया.
उसकी आंखों में पानी आ गया. मेरे होंठ उसके होंठों से मिले हुए थे. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया. वो भी थोड़ी देर के बाद मेरा साथ देने लगी.
अब मेरा लंड उसकी चूत में आराम से जा रहा था. मैंने उसकी चूत को चोदना जारी रखा. कुछ देर तक उसकी चूत को चोदने के बाद वो मस्त हो गयी.
फिर मैंने अपनी चचेरी बहन को घोड़ी बना लिया, पीछे से उसकी चूत मारने का मन कर रहा था.
वो बोली- जल्दी करो, मेरे घर वाले कभी भी आ सकते हैं.
मैंने सट्ट से उसकी चूत में पीछे से लंड धकेल दिया.
उसकी गांड को पकड़ कर मैं उसकी चूत को चोदने लगा. हम दोनों के मुंह से ही कामुक आवाजें आने लगीं.
वो सिसकारने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर से .. चोदो … आह्ह … मजा आ रहा है… फाड़ दो इसे … ऐसे बोलते हुए वो अपनी चूत चुदवाने लगी.
सर्दी के मौसम में दोनों जिस्म में पसीना आ गया था. मैंने उसकी चूत को कई मिनट तक चोदा. फिर मैं झड़ने के करीब पहुंच गया. मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया.
उसको मैंने अपना लंड मुंह में लेने के लिए कहा. वो मेरे लंड को चूसने लगी. मैंने उसके मुंह में दो-चार धक्के लगाये और फिर मैं उसके मुंह में ही झड़ गया.
बाद में पता चला कि वो मेरे से पहले ही झड़ चुकी थी.
इस तरह से हमने उस दिन सेक्स का पूरा मजा लिया. फिर मैं अपने घर वापस आ गया. इस तरह से मैंने चाचा की लड़की की चूत पहली बार मारी थी. मुझे बहुत मजा आया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.