Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest कज़िन सिस्टर सेक्स का मजा
#3
फोन को रखते हुए वो बोली- आज इतनी जल्दी घर वापसी क्यों?
मैंने कहा- बस ऐसे ही. अपने हाथ की एक चाय पिला दो दीदी.
वो मुस्करा कर अंदर चली गयी और किचन में जाकर चाय बनाने लगी.

मैंने कपड़े चेंज किये. कपड़े बदलते वक्त मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी. घर में केवल दीदी और मैं ही थे. इसलिए मैंने थोड़ा खुलापन महसूस करने के लिए नीचे से नंगा ही रहना ठीक समझा.

अपनी लोअर पहन कर मैं भी किचन में चला गया. दीदी उस वक्त चाय बना रही थी. मैं जाकर दीदी के पीछे खड़ा हो गया. मेरा मन कर रहा था दीदी को पीछे से जाकर दबोच लूं. बहुत ही सेक्सी फीलिंग आ रही थी दीदी के लिए उस समय. मगर मैंने खुद को कंट्रोल में रखा.

दीदी की गांड को देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. मैंने अपने खड़े लंड को दीदी की गांड की दरार में सटा दिया और उसको अंदर धकेल कर दीदी की गांड में फंसाने लगा. दीदी को पता था कि मेरा लंड उनके चूतड़ों पर लगा हुआ है लेकिन वो भी कुछ नहीं बोल रही थी.

मेरी प्यास और हवस दोनों ही बढ़ रही थी. दीदी भी अन्जान बनते हुए चाय बनाने में व्यस्त थी. मेरा लंड पूरा उनके चूतड़ों में घुसने को हो रहा था.

दोस्तो, मैं तो पहले से ही भांग के नशे में था. उस पर दीदी की गांड में लंड लगाने से सेक्स का नशा भी चढ़ गया था. आपको तो पता ही है कि एक बार भांग के नशे में लंड खड़ा हो जाये तो फिर बैठने का नाम नहीं लेता है.

इधर दीदी भी गर्म हो गयी थी. वो भी अपनी गांड को मेरे लंड पर सटा रही थी. अब तक चाय भी बन गयी थी.
वो बोली- तू चल, मैं आती हूं.
मैं बाहर चला गया.

आते वक्त दीदी ने घर के सारे पर्दे लगा दिये. मैं दीदी के मन की बात को समझ गया था लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि मैं शुरूआत कहां से करूं. इतना तो मैं भी जान गया था कि दीदी भी मुझसे कुछ न कुछ चाहती थी.

फिर मैं किचन में जाकर पानी पीने लगा. मैंने खूब सारा पानी पी लिया. मुझे जोर की प्यास लगी थी.
दीदी बोली- क्या बात है, बहुत प्यासे लग रहे हो!

मौका पाकर मैंने भी कह दिया- हां प्यास तो बहुत जोर से लगी है. इतनी जोर से लगी है कि बुझाये नहीं बुझ रही है.
तभी दीदी ने मेरी लोअर की ओर देखा. मेरा लंड मेरी लोअर में अलग से ही खड़ा हुआ दिखाई दे रहा था.

दीदी ने मेरे तने हुए लंड को देख लिया था. उसके बाद हम दोनों साथ में बैठ कर चाय पीने लगे. मैं दीदी की चूचियों को घूर रहा था. उनके होंठों पर लगे चाय के प्याले को देख रहा था. उनके रसीले होंठों को पीने का मन कर रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: कज़िन सिस्टर सेक्स का मजा - by neerathemall - 04-07-2022, 01:12 PM



Users browsing this thread: 3 Guest(s)