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Incest शादीशुदा बहन को मस्ती से चोदा
दीदी हल्की हल्की आहें भर रही थी और उनकी आँखें बंद थी। उसके बाद मैंने दीदी को घुमाकर दीवार से सटा दिया और उनकी पीठ पर चुम्बनों की बरसात कर दी. अब मैं उनकी पीठ को चूमते हुए नीचे की तरफ आने लगा.

अब मैं दीदी के पीछे घुटनों के बल बैठ गया और दीदी की पैंटी को निकाल दिया. अब दीदी के चूतड़ों पर मैं किस करने लगा. चूतड़ों को चूमने के बाद मैंने उनकी जांघों को भी चूमना शुरू कर दिया।

फिर मैंने दीदी को घूमने को कहा तो वो घूम गयी. अब मैं दीदी के बाएं पैर को हाथों में लेकर उनकी एड़ियों और पंजों को चूमते हुए उनके घुटनों तक गया. इसके बाद मैं दीदी के दायें पैर के पंजों एड़ी को चूमते हुए घुटनों तक गया।

अब मैं थोड़ा और दीवार की तरफ सटा और दीदी के दाहिने पैर को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया. दीदी दीवार का सहारा लेकर मेरे सर को पकड़ कर खड़ी हो गयी. दीदी की चूत अब ठीक मेरे मुंह के सामने थी.

देर ना करते हुए मैंने दीदी की चूत पर अपनी जीभ लगा दी. उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी. मैं बड़ी दीदी की चूत को चाटने लगा. कभी जीभ अंदर देता तो कभी बाहर चाटता. कभी जीभ से उसकी चूत की गहराई नापता.

इतनी ही देर में दीदी लंड से चुदने के लिए तड़प उठी. उसके मुंह से कामुक चुदास भरी सिसकारियां निकल रही थीं- आह्ह आईई … आह्हह क्या कर रहा है … आह्हह क्यूं तड़पा रहा है हरामी … आह्हह … डाल दे अब।

मगर दीदी की चूत को चूसता ही रहा और वो अकड़ने लगी.
वो अपने हाथों से मेरे सिर पर दबाव बनाने लगी और मेरे सिर को अपनी बुर पर दबाने लगी।

थोड़ी ही देर में दीदी की चूत से रस की धारा निकल पड़ी. मैंने उसका सारा पानी पी लिया।

दीदी ने मदहोश होकर कहा- अनुज, आज यहां सिर्फ मैं और तुम हैं. आज मुझे ऐसे प्यार करो कि मैं कभी भूल नहीं पाऊं.

मैंने दीदी से कहा- आज अपनी प्यारी बड़ी दीदी की चुदाई ऐसी ही करूँगा, फिक्र मत करो।

अब मैंने खड़ा होकर दीदी को गोद में उठा लिया और उनको उनके बेडरूम में लेकर आ गया. आहिस्ता से मैंने नंगी दीदी को उनके बिस्तर पर लिटा दिया।

दीदी का गदराया बदन और दीदी की मस्त जवानी मेरे सामने नंगी थी. मैं खुद पर काबू नहीं रख पा रहा था. मैंने उसके पांव की उंगलियों को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा. फिर उसके तलवे और एड़ियों को चूमने लगा।

उसके बाद दीदी के घुटनों को चूमते हुए उसकी बुर के पास आकर एक किस किया। अब दीदी के पैरों को फैलाकर मैं घुटनों के बल बैठ गया और मैंने ऐसे बैठ कर अपने लन्ड को दीदी की बुर पर सेट किया.

लंड को दीदी की बुर पर सेट करने के बाद मैंने हल्का सा धक्का दिया और मेरा लंड दीदी की चिकनी चूत में आराम से चला गया. दीदी की चूत उनके चूत के रस और मेरे थूक से एकदम लसालस चिकनी हो चुकी थी. इसलिए एक ही धक्के में लौड़ा दीदी की चूत में समा गया.

मेरे लंड को अपनी चूत में ठुकवा कर दीदी ने अपने पैरों को मेरी कमर पर लपेट लिया.
मुझे अपनी बांहों में कस कर भींचते हुए दीदी बोली- चोदो … चोद अब मुझे।

दीदी की चूत में मैंने अपने लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिये. दोनों आनंद के सागर में गोते लगाने लगे. दीदी और मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं.

गचागच दीदी की चूत चुदाई हो रही थी और दोनों को ही पूरा मजा मिल रहा था. दस मिनट तक मैं दीदी को उसी तरह उसी पोज में चोदता रहा. उसके बाद मैंने दीदी को घोड़ी बनने के लिए कहा.

दीदी घोड़ी बन गयी और मैंने पीछे से अपना लंड दीदी की चूत में डाल दिया. फिर उसकी कमर को पकड़ कर एक बार फिर से बड़ी दीदी की चूत की चुदाई शुरू कर दी. दीदी के चूचे हवा में लटके हुए आगे पीछे झूलने लगे.

कुछ देर तक धक्के लगाने के बाद जब मुझे लगा कि मेरी उत्तेजना ज्यादा हो गयी है तो मैं अपना लन्ड निकाल कर बिस्तर पर लेट गया और दीदी को मेरे ऊपर आने का इशारा किया।

दीदी तुरन्त मेरे ऊपर आ गयी. उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के मुंह पर लगा कर मेरे लंड पर बैठती चली गयी. बैठते हुए दीदी ने मेरे लंड को अपनी चूत में पूरा अंदर ले लिया और फिर झुकते हुए मेरे होंठों पर अपने होंठ सटा दिये.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: शादीशुदा बहन को मस्ती से चोदा - by neerathemall - 04-07-2022, 01:09 PM



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