04-07-2022, 01:08 PM
मगर बड़ी दीदी की चुदाई का ये खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चला. चाचा ने जल्दी ही दीदी की शादी फिक्स कर दी. पांच महीने के अंदर अंदर दीदी की शादी भी हो गयी. वो अपने ससुराल चली गयी थी.
उसकी शादी के बाद अपने ससुराल में वो अपने पति के लंड का मजा लेने लगी और मैंने यहां गांव में एक कमसिन कली पटा ली थी. मैं उस कुंवारी चूत को चोदने का आनंद ले रहा था.
मगर किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. आगे की पढ़ाई के लिए मैं लखनऊ चला गया. वहां पर मैं किराये के रूम में रह रहा था.
अचानक काफी समय बाद दीदी का कॉल आया. उन्होंने बताया कि जीजा का ट्रांस्फर लखनऊ में हो गया है. लखनऊ में ही उन्होंने फ्लैट भी ले लिया है. मगर कुछ दिनों तक वो पुरानी जगह पर ही रह कर काम करेंगे.
उसकी शादी के बाद अपने ससुराल में वो अपने पति के लंड का मजा लेने लगी और मैंने यहां गांव में एक कमसिन कली पटा ली थी. मैं उस कुंवारी चूत को चोदने का आनंद ले रहा था.
मगर किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था. आगे की पढ़ाई के लिए मैं लखनऊ चला गया. वहां पर मैं किराये के रूम में रह रहा था.
अचानक काफी समय बाद दीदी का कॉल आया. उन्होंने बताया कि जीजा का ट्रांस्फर लखनऊ में हो गया है. लखनऊ में ही उन्होंने फ्लैट भी ले लिया है. मगर कुछ दिनों तक वो पुरानी जगह पर ही रह कर काम करेंगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.