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Incest खेल खेल में
#9
यह वो पहली घटना थी जब किसी ने मेरे शरीर कि अंगों को इतनी नजदीकी से छुआ था। १० मिनट बाद मैं उठ कर बैठ गयी। राहुल वहां नही था। पर मेरी नजरें उसे ढूंद रही थी।

काफ़ी देर इन्तजार करने के बाद भी जब राहुल नही लौटा तो में टॉयलेट करने के लिए उठ गयी. और जब मैंने टॉयलेट मॆं पैंटी उतारी तो देखा की पैंटी गीली हो गयी थी, और मेरी योनि से कुछ चिपचिपा द्रव निकला हुआ था. यह पहली बार थे की इतनी जायदा मात्र मॆं पैंटी गीली हो गयी थी इस द्रव से. शायद उस दिन मॆं सबसे ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी.

मैं कभी कभी जब ज्यादा चुदाने के लिए भूखी हो जाती थी तो शायद होश नहीं रहते थे और भाई का अंडरवियर लेकर उसे अपने चूत में ऊँगली से डालती थी .... मुझे पता नहीं था कि मेरा भाई मेरे बारे में क्या सोचता है। कुछ दिनों बाद मैंने नोटिस किया कि मेरी ब्रा और पैंटी कभी भी मेरे रखे हुई जगह पे नहीं मिलती थी और उन पे सिलवटें भी बहुत होती थी. मुझे शक हो गया था कि मेरा भाई भी मेरी ब्रा पैंटी प्रयोग करता है मुठ मारने के लिए ..... फ़िर भी हम चुप रहते ...अब असली कहानी ....

मैं अपने बॉस से पहले चुदवा चुकी थी और वही था मेरे एक साल में दो प्रमोशन का राज ... मेरे बॉस की उमर ४० की थी और उसका बॉस ५० का था ... मैं २६ की थी ...

क्यूँकि अभी मेरा भाई मेरे घर पे रहता था तो बॉस को बहुत दिनों से मौका नहीं मिला था मुझे चोदने का .. तो वो मुझसे काफी नाराज रहता था और मुझे कभी कभी डांटता भी था ऑफिस में ....

मेरा भाई अपने दफ्तर के काम से पुणे जा रहा था दो दिन के लिए ..

मौके का फायदा उठाते हुए मैंने अपने बॉस को कहा कि आज रूबी आपकी है, मेरा भाई दोपहर को ही घर से निकलने वाला था, मैं शाम को जब घर आई तो मुझे लगा मेरा भाई जा चुका है .. मैंने अपने बॉस को फ़ोन लगाया और बातें करने लगी ... मेरा भाई उस वक्त बाथरूम में था .. उसे मेरे बॉस की आवाज़ तो नहीं पर मेरी आवाज़ साफ साफ सुने दे रही थी ... मैंने अपने बॉस से कहा .. आज रूबी को चुदवाना है अपने डार्लिंग से.. रूबी की चूत बहुत दिनों से प्यासी है...मैं थक गई हूं अपने भाई का अंडरवीयर अपनी चूत में डाल डाल कर.. मुझे लण्ड चाहिए
प्लीज़ जल्दी से आ जाओ और मुझे जम कर चोदो...

उधर मेरा भाई मेरी बातें सुनकर गरम हो गया था.. वो नहा कर बाहर निकला तो उसका लण्ड तन कर खड़ा था टॉवेल के ऊपर से ही दिख रहा था ... मैं समझ गई कि इसने सब सुन लिया फ़िर भी नाटक कर के बोली- तुम गए नही अब तक ... तो उसने कहा नही मेरे पेट में दर्द है, मैंने कहा कुछ दवा ले लो, उसने कहा नही मम्मी ने जो तेल दिया है उस से मालिश कर के सो जाऊँगा ... फ़िर मैं समझ गई कि आज भी मेरी चूत भूखी रह जायेगी क्यूँकि मेरा भाई नहीं जाने वाला ...

मेरा भाई नाटक कर रहा था .. उसके दिमाग में सिर्फ़ मेरी बातें घूम रही थी ... वो भी अपनी प्यास मेरी चूत से मिटाना चाह रहा था ... उसने मुझसे कहा , रूबी प्लीज़ इस तेल से मेरे पेट पर मालिश कर दो ना ... मैंने कहा ठीक है .. वो अपना बनियान उतर कर बेड पर लेट गया .. मैंने उस वक्त बस नाईटी पहनी थी मैंने ना ही पैंटी ना ब्रा पहनी थी क्यूँ कि मुझे लगा था थोडी ही देर में मेरे बॉस आयेंगे और मुझे सब उतरना पड़ेगा ...
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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खेल खेल में - by neerathemall - 04-07-2022, 11:30 AM
RE: खेल खेल में - by neerathemall - 04-07-2022, 11:34 AM



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