04-07-2022, 11:30 AM
हम दोनों बिस्तर पर रज़ाई डाले बैठे थे। अपने मोबाईल से खेल रहे थे। राहुल अपने दोस्तों की तस्वीरें दिखा रहा था। इतने में एक फोटो नंगी सी लगी।
“ये कौन है राहुल … ?” ये मैं हूँ … देख मेरी बॉडी … है ना सॉलिड … !” उसने अपनी तारीफ़ की।
मैंने अंडरवियर की तरफ़ इशारा करके उसे छेड़ा,”और ये डंडा जैसा क्या है … ?”
“चल हट … ये तो सबके होता है … ” उसने झेंपते हुए कहा।
“पर इतना बड़ा … “
“है तो मैं क्या करूं … “
“ऐ … मुझे बता ना कैसा होता है ये … ” मैंने उसे उकसाया।
“शरम आती है … अच्छा पहले तू बता … ” राहुल ने शरमा कर कहा।
“हट रे … लड़कियों के ये डन्डा नहीं होता है … ” मुझे सनसनी सी हुई।
“तो मुझे दिखा तो सही … तेरे होता है, तू झूठ बोलती है … ” उसने मेरी चूत पर हाथ मारा … और हाथ फ़ेर कर बोला “अरे हां यार … ये कैसे … ” मुझे जैसे बिजली का करंट दौड़ गया। मेरा मुँह लाल हो गया। पर मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिखाया।
“तेरे पास तो है ना … ” मैंने उसके लण्ड पर हाथ फ़ेरा। उसका लण्ड खड़ा हो गया था। वो भी एक बार कांप गया। उसने और फोटो निकाले।
“ये देख … ये मेरा डन्डा है और ये देख ये रोहित का है … ” राहुल बताता जा रहा था, मेरे मन में खलबली मच रही थी।
इतने में मम्मी ने खाने के लिये आवाज लगाई … “क्या कर रहे तुम दोनों … चलो अब !”
हम दोनो रज़ाई में से निकल कर भागे … “खाने के बाद और दिखाऊंगा … !”
खाना खा कर हमने फिर से टीवी लगा दिया।
“हम सोने जा रहे हैं !”
” … बत्ती बन्द करके सोना … ” कह कर मां ने अपना कमरा बन्द कर दिया।
हमने अपना कार्यक्रम जारी रखा।
हमने रज़ाई अब एक तरफ़ रख दी थी। उसका खड़ा हुआ लण्ड साफ़ दिख रहा था। उसने जानबूझ कर के अपना लण्ड नहीं छुपाया था। उसका मन था कि मैं उसका लण्ड पकड़ कर मसल डालूँ । मुझे सब पता था फिर भी राहुल को उकसाने के लिये मैंने भोलेपन का सहारा लिया।
“मैंने उसका लण्ड को छू कर कहा – “भैया … इसे क्या कहते हैं … ?”
“ये तो सू सू है … !”
“नहीं … और क्या कहते है …? “
“वो … देख गुस्सा नहीं होना … इसे लण्ड कहते हैं !”
“हाय रे … लण्ड … ये तो गाली होती है ना … और मेरी इसको …? “
उसने मेरी चूत को छू कर और इस बार हल्का सा दबा कर कर कहा … “इसको तो चूत कहते हैं … ” चूत छूते ही मेरे जिस्म में एक बार फिर से करण्ट दौड़ गया। मुझे इच्छा हुई कि साली को जोर से दबा दे।
“ये कौन है राहुल … ?” ये मैं हूँ … देख मेरी बॉडी … है ना सॉलिड … !” उसने अपनी तारीफ़ की।
मैंने अंडरवियर की तरफ़ इशारा करके उसे छेड़ा,”और ये डंडा जैसा क्या है … ?”
“चल हट … ये तो सबके होता है … ” उसने झेंपते हुए कहा।
“पर इतना बड़ा … “
“है तो मैं क्या करूं … “
“ऐ … मुझे बता ना कैसा होता है ये … ” मैंने उसे उकसाया।
“शरम आती है … अच्छा पहले तू बता … ” राहुल ने शरमा कर कहा।
“हट रे … लड़कियों के ये डन्डा नहीं होता है … ” मुझे सनसनी सी हुई।
“तो मुझे दिखा तो सही … तेरे होता है, तू झूठ बोलती है … ” उसने मेरी चूत पर हाथ मारा … और हाथ फ़ेर कर बोला “अरे हां यार … ये कैसे … ” मुझे जैसे बिजली का करंट दौड़ गया। मेरा मुँह लाल हो गया। पर मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिखाया।
“तेरे पास तो है ना … ” मैंने उसके लण्ड पर हाथ फ़ेरा। उसका लण्ड खड़ा हो गया था। वो भी एक बार कांप गया। उसने और फोटो निकाले।
“ये देख … ये मेरा डन्डा है और ये देख ये रोहित का है … ” राहुल बताता जा रहा था, मेरे मन में खलबली मच रही थी।
इतने में मम्मी ने खाने के लिये आवाज लगाई … “क्या कर रहे तुम दोनों … चलो अब !”
हम दोनो रज़ाई में से निकल कर भागे … “खाने के बाद और दिखाऊंगा … !”
खाना खा कर हमने फिर से टीवी लगा दिया।
“हम सोने जा रहे हैं !”
” … बत्ती बन्द करके सोना … ” कह कर मां ने अपना कमरा बन्द कर दिया।
हमने अपना कार्यक्रम जारी रखा।
हमने रज़ाई अब एक तरफ़ रख दी थी। उसका खड़ा हुआ लण्ड साफ़ दिख रहा था। उसने जानबूझ कर के अपना लण्ड नहीं छुपाया था। उसका मन था कि मैं उसका लण्ड पकड़ कर मसल डालूँ । मुझे सब पता था फिर भी राहुल को उकसाने के लिये मैंने भोलेपन का सहारा लिया।
“मैंने उसका लण्ड को छू कर कहा – “भैया … इसे क्या कहते हैं … ?”
“ये तो सू सू है … !”
“नहीं … और क्या कहते है …? “
“वो … देख गुस्सा नहीं होना … इसे लण्ड कहते हैं !”
“हाय रे … लण्ड … ये तो गाली होती है ना … और मेरी इसको …? “
उसने मेरी चूत को छू कर और इस बार हल्का सा दबा कर कर कहा … “इसको तो चूत कहते हैं … ” चूत छूते ही मेरे जिस्म में एक बार फिर से करण्ट दौड़ गया। मुझे इच्छा हुई कि साली को जोर से दबा दे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.