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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
#27
दोनों स्टॉफ शिल्पी को देखने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते थे और मैं भी उनसे थोड़ा मजा लेना चाहता था इसलिए मैंने अपने शरीर पर लिपटी चादर ऊपर की ओर खींच ली जिससे शिल्पी का पैर घुटने तक दिखने लगा। टेबल पर लंच अरेंज करने के बाद दोनों स्टॉफ तिरछी नजर से शिल्पी की ओर देखते हुए पूछें की कोई और सर्विस चाहिए तो मैंने ना बोला। बेचारे शिल्पी की नंगी पीठ को देख रहे थे और मैं उन दोनों की बेचैनी को। उनका मन हो की शायद थोड़ी देर रुक कर नयन सुख ले ले लेकिन मैंने उन्हें वापिस भेज दिया।

अब शिल्पी मेरा शिकार थी और मैं ज्यादा टाइम वेस्ट नहीं करना चाह रहा था। उनके जाते ही मैंने चादर फेकी और शिल्पी की चुत पर ऊँगली फेड़ी। शिल्पी इस वक्त अपने होश खो चुकी थी। मैंने उसको अपने गोद में बिठाये उसकी चुत के मुँह पर अपना लंड ले गया और एक तेज झटका मारा। मेरा लंड शिल्पी की चुत के अंदर था। शिल्पी की चुत में मै पूरी रफ्तार से धक्का मार रहा था। शिल्पी में पूरे जोर से उछल रही थी जिससे उसके बूब्स भी खूब उछल रहे थे जो की माहौल को काफी रोमांटिक बना रहा था। मैं जोर जोर से धक्के मारता रहा और अपना वीर्य शिल्पी की चुत में छोड़ दिया। उसके बाद मैं उसकी गांड की ओर मुड़ा। उसको बेड पर ही मैंने घोड़ी बना दिया और उसकी गांड पर फिर से मसाज ऑइल डाला। उसके गांड के छेद में मसाज ऑइल जाने से वहां काफी चिकना हो गया था। मैंने उसकी गांड में ऊँगली डाल कर देखा की वह लंड लेने को कितना तैयार हैं। उसकी गांड की छेद में मैं दो ऊँगली काफी मुश्किल से ले जा पा रहा था, मतलब साफ था वो जबरदस्त दर्द लेने वाली थी। मसाज ऑइल के चिकनेपन का फायदा उठाते हुए मैं उसके गांड के पास अपने लंड को रगड़ने लगा। उसी चिकनाहट में मेरा लंड हल्का सा उसकी गांड में गया। धीरे धीरे मै उसको अंदर भेज रहा था और तभी एक तेज झटका मारा और मेरा आधा से अधिक लंड शिल्पी की गांड में दाखिल हो चुका था। मदहोश शिल्पी को अचानक से बहुत ज्यादा दर्द हुआ और वो जोर से चीँख पड़ी। मै भी इसके लिए तैयार था इसलिए तुरंत उसके मुँह को अपने हाँथो से बंद किया। शिल्पी की चीख रुकने का नाम नहीं ले रही थी और मै भी अपने लंड को तेजी से धक्के मार रहा था। अपना वीर्य भी मै उसकी गांड में गिरा दिया फिर अपने लंड को बाहर निकाला। 

शिल्पी पूरी तरह निढाल हो कर मेरे बांहो में आकर गिर गई। फिर हम दोनों नंगे ही बाथरूम में गए और बाथ टब में मैंने शिल्पी को अपने गोद में बिठा लिया। टब में मै शिल्पी के बूब्स को लगातार मसल रहा था, फिर मैंने शिल्पी को पलटा और अपना लंड उसको चूसने के लिए दिया। उसने बड़े ही स्टाइल से अपने हाथों से मेरे लंड पर अपना हाथ फेड़ा और लंड को अपने कब्जे में ले लिया। फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में पूरा अंदर ले कर अच्छे से चूसा जैसे आइसक्रीम खा रही हो। फिर बाथटब में ही मैंने उसके चुत में लंड को घुसा दिया और एक राउंड सेक्स का और किया। शिल्पी की इसमें हालत खराब थी और मै बहुत ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहता था। फिर हम दोनों ने शॉवर लिया और आकर बेड पर लेट गए। इस तरह लगभग 5 बज गए थे। शिल्पी ने मंजू को फोन किया की वो कुछ नोट्स लेने के लिए फ्रेंड के घर आ गई हैं और लौटने में लेट हो जाएगी।

फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और दिल्ली से वापस मेरठ की ओर चल दिए। रास्ते में शिल्पी ने स्कूल यूनिफार्म पहन ली, फिर मेरे ऑफिस जा कर उसकी साइकिल उसको दी और लगभग 8 बजे शिल्पी अपने घर पर पहुँच गई। उसके थोड़ी देर बाद मैंने मंजू को फोन किया और बोला की आज ऑफिस में काम हैं 10 बजे तक घर आऊंगा, तुम्हे आज रात ऊपर ही रहना हैं मेरे फ्लैट में। मंजू को मैंने नींद वाली गोली दे रखी थी जो वो रमेश को खिला देती।

10:30 बजे के बाद मंजू ने मुझे कॉल किया की वो रमेश को गोली दे चुकी हैं और वो सो रहा हैं। शिल्पी भी आज कॉलेज से लेट आई, आते ही वो भी सो गई हैं शायद ज्यादा थक गई होगी। मंजू यह मुझे मासूमियत से बता रही थी लेकिन मै जानता था शिल्पी क्यों थक गई थी। फिर मैंने मंजू से कहा की मै 15 मिनट में आ रहा हूँ और मै चाहता हूँ की तुम मुझे बिकनी में अपने घर के गेट पर मिलो।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 04-07-2022, 01:58 AM



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