30-06-2022, 03:42 PM
अजय काफ़ी देर तक अपनी बीबी प्राची के साथ बैठा रहा...फिर वो नाश्ता करके ऑफीस के लिए निकल गया..रास्ते मे उसने रिया को भी ड्राप किया , पर उस दिन दोनो के बीच कुछ ख़ास नही हुआ.
ऑफीस में भी उसका सारा ध्यान अपनी सालियों और सास की तरफ ही लगा रहा...पर जब वो अपने फ्रेंड अनिल से मिला तो उसे अंजलि भाभी का ध्यान आया...उन्हे तो वो भूलकर ही बैठ गया था...उस दिन सोनी ने अगर अपने घर ना बुलाया होता तो वो उनकी बजा चुका होता अब तक...उस दिन के बाद तो उन्होने कोई मैसेज या कॉल भी नही की थी...उसने जल्दी से अपना फोन निकाला और उन्हे एक प्यारा सा गुड मॉर्निंग का मेसेज सेंड कर दिया व्हाट्सएप पर...लेकिन एक घंटे तक भी उनका कोई जवाब नही आया, वो समझ गया की वो ज़रूर उससे नाराज़ है.
और जब वो लंच करके हटा ही था तो अंजलि का रिप्लाइ आ गया...और एक बार फिर से उनके बीच चेटिंग शुरू हो गयी
अंजलि : "आ गयी मेरी याद...''
अजय : "मुझे पता है की आप गुस्सा हो मुझसे..लेकिंग मेरा यकीन मानो, उस दिन मुझे बहुत ज़रूरी काम था, वरना ऐसा गोल्डन ऑफर मैं कभी नही ठुकराता...''
अंजलि : "और वो गोलडेन ऑफर सिर्फ़ एक बार के लिए ही था...अब तुम भूल जाओ..''
अजय समझ गया की अब वो भाव खा रही है..इसलिए उन्हे प्यार और चापलूसी से मनाना होगा..
अजय : "ऐसा ज़ुल्म ना करो मुझपर भाभी...उस दिन से हर रात आपके सपने देखकर ही सोता हू ..और आपके बारे में ही सोचता हुआ उठता हूँ ...''
अंजलि : "झूठा ...अपनी बीबी के होते हुए तुम भला मेरे सपने क्यो देखने लगे...''
अजय : "अब क्या बताऊ भाभी, आप जैसा तो कोई हो ही नही सकता...और वैसे भी मेरी वाइफ आजकल अपनी मदर के घर रह रही है...''
इतना कहकर उसने वो सारा वाक़या अंजलि को बता दिया.
अंजलि : "ओहो....फिर तो तुम रातों के राजा बने हुए हो आजकल...''
अजय : "तभी तो कह रहा हू..मेरे साथ ऐसा ज़ुल्म ना करो...आप ही आकर बन जाओ मेरी रातों की रानी...''
अंजलि कुछ देर तक चुप रही और फिर उसने रिप्लाइ किया : "अनिल अगर बाहर गया हुआ होता तो शायद मैं चुपचाप वहां पहुँच जाती...पर अभी ये पॉसिबल नही है...''
अजय : "कोई बात नही...पर उसके सो जाने के बाद तो पॉसिबल है ना..''
अंजलि : "क्या मतलब ??''
अजय : "आज लाइव चैट करेंगे...रात को...लॅपटॉप पर...''
ये लिखते हुए उसके हाथ काँप रहे थे...और उसका लंड बुरी तरह से अकड़ चुका था..उसकी पेंट में ...
अंजलि ने ओके लिखकर बात ख़त्म कर दी..और अजय अपने लंड को अपनी पेंट में अड्जस्ट करता हुआ सिसकारी मारने लगा.
और उसे ऐसे खुलेआम अपने लंड से छेड़खानी करते देखकर उसका फ्रेंड अनिल उसके पास आया और बोला : "क्या बात है...आज दिन में ही खड़ा हो गया तेरा शेर...''
अजय ने उसे देखा और एक रहस्यमयी हँसी हंसता हुआ सोचने लगा 'साले ...अगर तुझे बता दूँ की तेरी बीबी की वजह से ही ये लंड खड़ा हुआ है तो तेरी तो फट कर हाथ में आ जाएगी...''
और अजय ने उसे ये कहकर टाल दिया की ऑफीस में जो नयी लड़की ने ज्वाइन किया है, उसकी वजह से आजकल लंड हमेशा टाइट रहता है..
और उसकी इस बात पर तो अनिल ने भी हामी भर दी.
अनिल : "साले ...मुझे पता था, तू उसके बारे में ज़रूर बोलेगा...आख़िर तेरे ही इलाक़े की तो रहने वाली है ...''
अजय तो ये सुनकर चोंक गया : "मेरे इलाक़े की..कैसे..?? कहाँ रहती है...''
अनिल : "जनक पूरी...''
ओहो...वो तो मेरे घर, यानी विकासपुरी के बिल्कुल करीब है...और ये बात अनिल को इसलिए पता थी क्योंकि वो लड़की उसी के डिपार्टमेंट में काम करती थी.
अजय ने तो बिना कुछ सोचे समझे उस लड़की के बारे में बोल दिया था..पर ऐसा भी नही था की अजय ने उसे कभी नोटीस नही किया था पिछले 4 दिनों में...
किया तो था पर आजकल जिस तरह के मज़े अजय को अपनी पर्सनल लाइफ से मिल रहे थे, ऐसे मे वो ऑफीस में आई इस लड़की की तरफ वो ध्यान नही दे पा रहा था, जो उसे देना चाहिए था..लेकिन उसने नोट किया था की वो जहाँ से भी निकलती थी, हर कोई उसे ही देखता रह जाता था
लेकिन अब तो वो भी उसी के बारे में सोचने लगा..वो उसके बारे में सोच ही रहा था की वो लड़की सामने की टेबल पर रखी फोटोकॉपी मशीन पर आई और कुछ डॉक्युमेंट्स की कॉपी निकालने लगी..उसने अजय और अनिल को देखा और एक स्माइल पास कर दी...उसकी हँसी देखकर तो अजय के लंड का तीखापन और बड़ गया.
उसने ग्रीन टी शर्ट और ट्राउज़र पहनी हुई थी ,जिसमे उसका भरा हुआ जिस्म और मोटे मुम्मे सॉफ झलक रहे थे था..हद से ज़्यादा गोरी थी वो..और उसकी गाण्ड सबसे मस्त थी..एकदम गोल मटोल और भरंवा.
उसने फुसफुसाते हुए अनिल से कहा : "अनिल....जल्दी से इसको यहाँ बुला...मेरा प्रॉपर इंट्रो करवा..और ये भी बता की मैं कहाँ रहता हूँ ...''
अनिल ने भी उसी टोन में फुसफुसाते हुए कहा : "ओ मेरे चीते...मुझे पता है की तू ये सब किसलिए बोल रहा है...पर एक प्रोमिस कर..की जब भी ये तुझसे फँस जाएगी तो मेरे बारे में भी ज़रूर सोचियो..''
अजय ने हामी भर दी..
अनिल ने तुरंत उस लड़की को वहां बुलाया : "रचना...कम हियर...''
वो वहां आई तो अनिल ने कहा : "रचना, इनसे मिलो, ये है मिस्टर.अजय..हमारे आई टी डिपार्टमेंट के हेड...''
रचने ने एक प्यारी सी हँसी के साथ अपना नाज़ुक सा हाथ आगे बड़ा दिया और बोली : "हाय मिस्टर.अजय...आई एम रचना..''
अजय ने जब उसका हाथ पकड़ा तो छोड़ने का मन ही नही करा..इतना मुलायम हाथ तो सिर्फ़ रिया का ही था...भले ही रचना का जिस्म भरा हुआ सा था, पर उसकी ऐज 25 से ज़्यादा नही थी..कुंवारी थी वो भी.
अजय तो खुली आँखो से उसके साथ के सपने देखने लग गया..
अनिल ने खाँसी करके उसे हाथ छोड़ने का इशारा किया,तब जाकर उसने हाथ छोड़ा,वरना वो ठरकी तो उसे सपने में ही चोदने की तैयारी भी कर चुका था.
अनिल : "और एक बात रचना,अनिल भी वहीँ रहता है,तुम्हारे घर के पास...विकास पूरी..''
ये सुनते ही वो एकदम से खुश हो गयी और बोली : "ओह रियली...वाउ...चलो कोई तो मिला, मेरी साइड का...कभी लिफ्ट की ज़रूरत पड़ी तो आई होप आप माइंड नही करेंगे...''
ऑफीस में भी उसका सारा ध्यान अपनी सालियों और सास की तरफ ही लगा रहा...पर जब वो अपने फ्रेंड अनिल से मिला तो उसे अंजलि भाभी का ध्यान आया...उन्हे तो वो भूलकर ही बैठ गया था...उस दिन सोनी ने अगर अपने घर ना बुलाया होता तो वो उनकी बजा चुका होता अब तक...उस दिन के बाद तो उन्होने कोई मैसेज या कॉल भी नही की थी...उसने जल्दी से अपना फोन निकाला और उन्हे एक प्यारा सा गुड मॉर्निंग का मेसेज सेंड कर दिया व्हाट्सएप पर...लेकिन एक घंटे तक भी उनका कोई जवाब नही आया, वो समझ गया की वो ज़रूर उससे नाराज़ है.
और जब वो लंच करके हटा ही था तो अंजलि का रिप्लाइ आ गया...और एक बार फिर से उनके बीच चेटिंग शुरू हो गयी
अंजलि : "आ गयी मेरी याद...''
अजय : "मुझे पता है की आप गुस्सा हो मुझसे..लेकिंग मेरा यकीन मानो, उस दिन मुझे बहुत ज़रूरी काम था, वरना ऐसा गोल्डन ऑफर मैं कभी नही ठुकराता...''
अंजलि : "और वो गोलडेन ऑफर सिर्फ़ एक बार के लिए ही था...अब तुम भूल जाओ..''
अजय समझ गया की अब वो भाव खा रही है..इसलिए उन्हे प्यार और चापलूसी से मनाना होगा..
अजय : "ऐसा ज़ुल्म ना करो मुझपर भाभी...उस दिन से हर रात आपके सपने देखकर ही सोता हू ..और आपके बारे में ही सोचता हुआ उठता हूँ ...''
अंजलि : "झूठा ...अपनी बीबी के होते हुए तुम भला मेरे सपने क्यो देखने लगे...''
अजय : "अब क्या बताऊ भाभी, आप जैसा तो कोई हो ही नही सकता...और वैसे भी मेरी वाइफ आजकल अपनी मदर के घर रह रही है...''
इतना कहकर उसने वो सारा वाक़या अंजलि को बता दिया.
अंजलि : "ओहो....फिर तो तुम रातों के राजा बने हुए हो आजकल...''
अजय : "तभी तो कह रहा हू..मेरे साथ ऐसा ज़ुल्म ना करो...आप ही आकर बन जाओ मेरी रातों की रानी...''
अंजलि कुछ देर तक चुप रही और फिर उसने रिप्लाइ किया : "अनिल अगर बाहर गया हुआ होता तो शायद मैं चुपचाप वहां पहुँच जाती...पर अभी ये पॉसिबल नही है...''
अजय : "कोई बात नही...पर उसके सो जाने के बाद तो पॉसिबल है ना..''
अंजलि : "क्या मतलब ??''
अजय : "आज लाइव चैट करेंगे...रात को...लॅपटॉप पर...''
ये लिखते हुए उसके हाथ काँप रहे थे...और उसका लंड बुरी तरह से अकड़ चुका था..उसकी पेंट में ...
अंजलि ने ओके लिखकर बात ख़त्म कर दी..और अजय अपने लंड को अपनी पेंट में अड्जस्ट करता हुआ सिसकारी मारने लगा.
और उसे ऐसे खुलेआम अपने लंड से छेड़खानी करते देखकर उसका फ्रेंड अनिल उसके पास आया और बोला : "क्या बात है...आज दिन में ही खड़ा हो गया तेरा शेर...''
अजय ने उसे देखा और एक रहस्यमयी हँसी हंसता हुआ सोचने लगा 'साले ...अगर तुझे बता दूँ की तेरी बीबी की वजह से ही ये लंड खड़ा हुआ है तो तेरी तो फट कर हाथ में आ जाएगी...''
और अजय ने उसे ये कहकर टाल दिया की ऑफीस में जो नयी लड़की ने ज्वाइन किया है, उसकी वजह से आजकल लंड हमेशा टाइट रहता है..
और उसकी इस बात पर तो अनिल ने भी हामी भर दी.
अनिल : "साले ...मुझे पता था, तू उसके बारे में ज़रूर बोलेगा...आख़िर तेरे ही इलाक़े की तो रहने वाली है ...''
अजय तो ये सुनकर चोंक गया : "मेरे इलाक़े की..कैसे..?? कहाँ रहती है...''
अनिल : "जनक पूरी...''
ओहो...वो तो मेरे घर, यानी विकासपुरी के बिल्कुल करीब है...और ये बात अनिल को इसलिए पता थी क्योंकि वो लड़की उसी के डिपार्टमेंट में काम करती थी.
अजय ने तो बिना कुछ सोचे समझे उस लड़की के बारे में बोल दिया था..पर ऐसा भी नही था की अजय ने उसे कभी नोटीस नही किया था पिछले 4 दिनों में...
किया तो था पर आजकल जिस तरह के मज़े अजय को अपनी पर्सनल लाइफ से मिल रहे थे, ऐसे मे वो ऑफीस में आई इस लड़की की तरफ वो ध्यान नही दे पा रहा था, जो उसे देना चाहिए था..लेकिन उसने नोट किया था की वो जहाँ से भी निकलती थी, हर कोई उसे ही देखता रह जाता था
लेकिन अब तो वो भी उसी के बारे में सोचने लगा..वो उसके बारे में सोच ही रहा था की वो लड़की सामने की टेबल पर रखी फोटोकॉपी मशीन पर आई और कुछ डॉक्युमेंट्स की कॉपी निकालने लगी..उसने अजय और अनिल को देखा और एक स्माइल पास कर दी...उसकी हँसी देखकर तो अजय के लंड का तीखापन और बड़ गया.
उसने ग्रीन टी शर्ट और ट्राउज़र पहनी हुई थी ,जिसमे उसका भरा हुआ जिस्म और मोटे मुम्मे सॉफ झलक रहे थे था..हद से ज़्यादा गोरी थी वो..और उसकी गाण्ड सबसे मस्त थी..एकदम गोल मटोल और भरंवा.
उसने फुसफुसाते हुए अनिल से कहा : "अनिल....जल्दी से इसको यहाँ बुला...मेरा प्रॉपर इंट्रो करवा..और ये भी बता की मैं कहाँ रहता हूँ ...''
अनिल ने भी उसी टोन में फुसफुसाते हुए कहा : "ओ मेरे चीते...मुझे पता है की तू ये सब किसलिए बोल रहा है...पर एक प्रोमिस कर..की जब भी ये तुझसे फँस जाएगी तो मेरे बारे में भी ज़रूर सोचियो..''
अजय ने हामी भर दी..
अनिल ने तुरंत उस लड़की को वहां बुलाया : "रचना...कम हियर...''
वो वहां आई तो अनिल ने कहा : "रचना, इनसे मिलो, ये है मिस्टर.अजय..हमारे आई टी डिपार्टमेंट के हेड...''
रचने ने एक प्यारी सी हँसी के साथ अपना नाज़ुक सा हाथ आगे बड़ा दिया और बोली : "हाय मिस्टर.अजय...आई एम रचना..''
अजय ने जब उसका हाथ पकड़ा तो छोड़ने का मन ही नही करा..इतना मुलायम हाथ तो सिर्फ़ रिया का ही था...भले ही रचना का जिस्म भरा हुआ सा था, पर उसकी ऐज 25 से ज़्यादा नही थी..कुंवारी थी वो भी.
अजय तो खुली आँखो से उसके साथ के सपने देखने लग गया..
अनिल ने खाँसी करके उसे हाथ छोड़ने का इशारा किया,तब जाकर उसने हाथ छोड़ा,वरना वो ठरकी तो उसे सपने में ही चोदने की तैयारी भी कर चुका था.
अनिल : "और एक बात रचना,अनिल भी वहीँ रहता है,तुम्हारे घर के पास...विकास पूरी..''
ये सुनते ही वो एकदम से खुश हो गयी और बोली : "ओह रियली...वाउ...चलो कोई तो मिला, मेरी साइड का...कभी लिफ्ट की ज़रूरत पड़ी तो आई होप आप माइंड नही करेंगे...''