29-06-2022, 04:55 PM
कुछ देर बाद माँ को समझ आ गया कि क्या हो रहा है. उन्होंने मुझे अपने से चिपका लिया और मुझे किस करने लगी, कहने लगी – मुझे प्यार कर बेटा!
मैंने मां को सीधा लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं अपने लंड को मां की चूत पर घिसने लगा.
उनके होंठों को मैंने इतना जोर से काटा कि मां के होंठों से हल्का खून निकलने लगा.
मैं मां को एक भूखे शेर की तरह नौंचने लगा. उनके मलाई जैसे मम्मों के निप्पल अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
वासना का अंधड़ अपने वेग पर आ गया और मैंने मां के हाथों को अपने हाथों में लेकर उनकी चूत में अपना पूरा लंड एक बार में ही पेल दिया.
लंड चुत में अन्दर गया तो मां की कराह निकल गई.
मैंने बिना कुछ सोचे समझे लंड चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं लगातार मां की बुर में लंड पेलता रहा. मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथ में पकड़ रखा था और बहुत तेजी में चुदाई कर रहा था.
धीरे धीरे मां की टांगें अपने आप फैलने लगी थीं. उन्होंने भी मुझे बहुत कसके जकड़ लिया.
मैंने मां की आंखों में देखा. वो कुछ नहीं बोल रही थीं.
मैंने मां को सीधा लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं अपने लंड को मां की चूत पर घिसने लगा.
उनके होंठों को मैंने इतना जोर से काटा कि मां के होंठों से हल्का खून निकलने लगा.
मैं मां को एक भूखे शेर की तरह नौंचने लगा. उनके मलाई जैसे मम्मों के निप्पल अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
वासना का अंधड़ अपने वेग पर आ गया और मैंने मां के हाथों को अपने हाथों में लेकर उनकी चूत में अपना पूरा लंड एक बार में ही पेल दिया.
लंड चुत में अन्दर गया तो मां की कराह निकल गई.
मैंने बिना कुछ सोचे समझे लंड चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं लगातार मां की बुर में लंड पेलता रहा. मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथ में पकड़ रखा था और बहुत तेजी में चुदाई कर रहा था.
धीरे धीरे मां की टांगें अपने आप फैलने लगी थीं. उन्होंने भी मुझे बहुत कसके जकड़ लिया.
मैंने मां की आंखों में देखा. वो कुछ नहीं बोल रही थीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.