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प्रीति-मेरी बहन
#5
रीति बोली "तुम मेरे दर्द और रोने की चिंता बिल्कुल मत करो। बिना चिंता आगे का काम शुरू करो। तुम्हारी बहन भी आज तुम्हें पूरी तरह से संतुष्ट करेगी, समझे? आज रात भले ही मेरी जान चली जाए पर मेरे भाई को जीवन की सबसे बड़ी खुशी देना है मुझे। यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ।"

मैंने जोश में आकार तुरंत प्रीति को पुरानी पोजीशन में लिया और दोनों के शरीर पर रजाई औढ ली।

मेरा लिंग तो अभी भी लोहे की रॉड की तरह सख्त था लिंग का मुहाना प्रीति की गीली योनि पर रख कर मैं मिशीनरी पोजिशन में आ गया और अब हम दोनों फिर पुरानी पोजीशन में थे और दोनों ने किसिंग शुरू कर दी थी। बस अन्तर था प्रीति का जोश दिलाने वाली बातों का और उसके अपने भाई के प्रति समर्पण का। रात साढ़े बारह बजे थे इस वक्त। मैंने लिंग पर दबाव बनाते हुए अपनी कमर को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया और प्रीति की चीखे फिर शुरू हो गई। पाँच मिनट में ही मैंने पाया कि लिंग लगभग तीन इंच अंदर जा चुका था और प्रीति का प्री-कम बेतहाशा उसकी योनि से छूट रहा है। अब धीरे-धीरे मैंने इसी पोजीशन में रहते हुए तीन इंच लिंग को ही अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। वियाग्रा कि गोली का हेवी डोज लेने के कारण मेरा जोश सातवें असमान पर था इस कारण इसी पोजीशन में बिना रुके मैं लगातार एक घंटे तक झटके लगाता रहा प्रीति भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी और अपने पेरों और हाथो से मुझे प्रोत्साहित कर रही थी। उसकी चीखें अब मादक सिसकारीयों में बदल गई थी। योनि में अधिक प्री कम होने के कारण फचाक-फ़चाक की जोरदार आवाजें आ रही थी। रजाई के अंदर दोनों के बदन पसीने से इतने भीग गए कि प्रीति के शरीर और बेड शीट मुझे गीली महसूस होने लगी थी। एक घंटे तक लगातार उछलने के कारण मुझे थकान होने लगी थी इस के कारण मैं कुछ देर रुक गया। प्रीति की सांसे बेतहाशा उपर नीचे हो रही थी और मेरी भी। पांच मिनट आराम करने के बाद मैं प्रीति से बोला कैसा लगा रहा है मेरी प्यारी बहन। यह सुन कर उसने मुझे एक प्यारा चुम्बन दिया और बोली "मेरा भाई तो बहुत ही शैतान निकला और ताकतवर भी। इतना जोश कहाँ से आया तुम्हारे अंदर।" मैं बोला "तुम्हारी बातों से मेरी जान, तुम भी कितना साथ दे रही हो मेरा। अभी तक एक बार भी स्खलित नहीं हुई हो तुम।" प्रीति बोली तुम्हारी बहन भी इतनी कमजोर नहीं है भईया पहली बार ज़रूर सेक्स कर रही हूँ पर तुमको बराबरी की टक्कर देने का इरादा है मेरा और मेरे प्यारे भैया क्या आधे ही लिंग का हक है मेरा पूरा क्या अपनी पत्नी के लिए बचा रखा है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: प्रीति-मेरी बहन - by neerathemall - 29-06-2022, 03:54 PM



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