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प्रीति-मेरी बहन
#2
बात उस समय की है जब मैं 23 वर्ष का था। मेरे परिवार में मेरे माता पिता और मेरी छोटी बहन प्रीति जो 19 वर्ष की थी। मेरी बहन के बारे में आपको थोड़ा डिटेल में बता देता हूँ जिससे आपको मेरी कहानी का लुप्त लेने में ज़्यादा आनंद आएगा।

प्रीति का बदन 19 साल की उम्र में ही किसी शादी शुदा महिला कि तरह गदराया हुआ था, उसके मांसल बदन पर उभार वही अधिक थे जहाँ होना चाहिए। कमर और पेट तो स्लिम ही थे पर स्तन और कूल्हे बहुत ही बड़े, गोलमटोल कसे हुए और आकर्षक थे, रंग दूध की तरह गोरा, त्वचा इतनी चिकनी की संगेमरमर भी शरमा जाए और चेहरा बिल्कुल मासूम था और बाल बहुत ही घने और कमर तक लंबे थे, पर उसका स्वभाव बहुत ही शालीन और सरल था और वह हमेशा घर में ही रहती थी और पढ़ती रहती थी और न ही उसका कोई बॉयफ्रेंड था मतलब वह पूरी तरह वर्जिन थी। अब चूंकि मेने अंतर्वासना कि कहानियाँ पढ़ी थी और उसमे भाई बहन के बीच की सेक्स की कहानियाँ भी, तो निश्चित ही मेरा भी ध्यान बहन की और अकर्षित रहता था। हमेशा सोचता था कि काश प्रीति के साथ सेक्स कर सकूं तो जीवन धन्य हो जाए। पर यह सब तो सपने की तरह था। पर मेने सोचा नहीं था कि ऊपर वाला मेरा सपना सच का देगा।

अब इस सपने के सच होने की शुरुआत केसे हुई, यह बताता हूँ... एक दिन मेरे महाराष्ट्र के रिश्तेदार का फोन आया कि मेरे नाना जी की तबीयत ज़्यादा खराब है तो मेरे मम्मी पापा ने अचानक महाराष्ट्र जाने का निर्णय लिया। चूंकि मेरा और प्रीति का पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए हम दोनों को छोड़कर पहली ट्रेन से वह 6-7 दिन के लिए महाराष्ट्र चले गए। मुझे लगा कि इससे अच्छा मौका मुझे नहीं मिल सकता इसलिए उस रात मेने सोचा कि एक रात तो केवल यही प्लान बनाना है कि प्रीति से मन भरकर सेक्स भी कर लूं और वह किसी को बताए भी ना और राज हम दोनों के बीच में ही रह जाए। प्रीति और मेरा बेडरूम अलग था, यह भी एक समस्या थी मेरे लिए। पर उस रात मैं रात भर सोचता रहा और सुबह तक एक बहुत ही अच्छा प्लान रेडी कर लिया मैंने। प्लान क्या था यह आपको मेरी कहानी में ही मालूम पड़ जाएगा।

रात भर जागने के कारण अगली दोपहर तक मैं सोता रहा। दोपहर में जब मैं जागा नहीं तो प्रीति मेरे लिए चाय बनाकर मेरे बेडरूम में आ गई।

अब मैंने प्लान का पहला पार्ट लागू किया। बिस्तर में मेरा लिंग पूरी तरह तना हुआ था और मेने लोअर और अंडरवियर भी नहीं पहना था। बस अत्यधिक ठंड के दिन होने के कारण मैंने रजाई ओढ़ रखी थी। जैसे ही प्रीति मेरे बेडरूम में आई तो मैंने नींद में होने का बहाना करते हुए पेरों से रजाई को हटा दिया और आंखों को बंद करके लेटा रहा। अब यह नजारा मेरी बहन के लिए अप्रत्याशित व चौका देने वाला था। 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड देख कर उसकी आँखो के आगे सितारे नाचने लगे। मैं भी हल्की-सी आँखे खोलकर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन देख रहा था। उसकी आँखे बड़ी हो गई थी और मुह खुला का खुला रह गया था। लगभग 2-3 मिनट तक निहारने के बाद अचानक उसे कुछ रियलाईज हुआ कि यह सही नहीं है इसलिए धीरे से वह उल्टे पैर बेडरूम से बाहर चली गई और दरवाजा धीरे से लगाकर आवाज दी "भईया उठ जाओ अब... क्या दिन भर सोते ही रहोगे?"

मैंने तुरंत उठ अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोला और बोला "मेरी प्यारी बहन मेरा कितना ध्यान रखती है।"

प्रीति "क्या भईया, क्या कर रहे थे रात भर जो इतनी देर तक सोते रहे?"

मैं बोला "मैं तेरे बारे में ही सोच रहा था।"

"क्यों? मेरे बारे में क्यों" प्रीति बोली

"कितना काम का बोझ है तेरे ऊपर, है ना, अब जब तक मम्मी पापा नहीं आ जाते तेरे सभी काम में मैं मदद करूंगा आज से।"

प्रीति बोली "अच्छा यह बात है, तो ठीक है फिर आज शाम का खाना तुम बनाओगे और जो मैं बोलूंगी वह काम भी करोगे।"

यही तो मैं चाहता था। मैंने कहा ठीक है "डन"

अब मैं प्लान के मुताबिक रात की तैयारी के लिए मार्केट गया और एक मेडिकल स्टोर पर गया जिसे मेरा दोस्त चलाता था और उससे बोला कि मुझे कुछ वियाग्रा की गोली और कुछ नींद की गोलीया दो। दोस्त बोला "तुम्हें इसकी क्या ज़रूरत?" तो मैंने कहा कि यार वियाग्रा तो एक पड़ोस के बुजुर्ग व्यक्ति ने मंगाई है और नींद की गोली मेरे लिये चाहिए यार नींद नहीं आती आज कल। उसने हाई पावर वाली टेबलेट्स मुझे दे दी और कहा कि भाई इस वियाग्रा कि गोली का असर 8-10 घंटे तक रहता है और सेक्स से एक घंटे पहले खाना है और यह नींद की गोली खाने के बाद तुम एक घंटे तक बहुत गहरी नींद में रहोगे। मैंने उससे धन्यवाद् कहा और घर आ गया।

अब ऊपर वाला भी मेरी मदद कर रहा था और जुलाई का महीना होने के कारण बहुत तेज बारिश शुरू हो गई और साथ में बिजलियाँ भी जोर-जोर से कड़कने लगी, जिससे मेरी बहन प्रीति बहुत डरती थी। मोसम विभाग ने भी 8-10 दिन की मूसलाधार बारिश की भविष्यवाणी कर दी। सब कुछ मेरे पक्ष में हो रहा था। घर पहुच कर मैंने बहुत स्वादिष्ट खाना बनाया और हम दोनों ने साथ खाया। चूंकि वियाग्रा कि गोली मैंने भोजन से पहले ही खा ली थी ताकि वह अपना असर अच्छी तरह करे।

खाना खाने के बाद प्रीति मुझसे बोली "भइया बाहर बिजली कड़क रही है और मूसलाधार बारिश भी हो रही है, मुझे बहुत डर लग रहा है। क्या मैं तुम्हारे साथ बेडरूम में सो जाऊ? मैं यही तुम्हारे बेड के पास नीचे बिस्तर बिछा कर सो जाऊँगी।" यह सुनकर मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

मैं बोला "कैसी बात कर रही है प्रीति, तू ऊपर बेड पर सो जाना मैं बेड से नीचे सो जाऊंगा।" प्रीति बोली "थैंक्स भईया और एक बात, आपने कहा था आप मेरी सेवा करोगे तो एक काम करना कि सोने से पहले मेरे बालो मैं तेल लगा कर मेरे सर की मालिश कर देना, आज मेरा सिर बहुत दर्द कर रहा है।"

मैने कहा "ठीक है, तू जो बोलेगी वह करूँगा, तू भी तो मेरा कितना ध्यान रखती है।" प्रीति की एक आदत थी कि रोज सोने से पहले वह नहाती थी, इसलिए वह नहाने चली गई। इस बीच मेने दो ग्लास दूध तैयार किया, एक प्रीति के लिए जिसमे नींद की गोली मिला चुका था और एक मेरे लिए ताकि सेक्स के लिए और शक्ति मिल सके। अब चुनौती थी कि सेक्स केसे हो, अभी तक तो सब प्लान के मुताबिक हो रहा था पर प्रीति अब तक राजी नहीं हुई थी। रात के नौ बज रहे थे, बाहर मूसलाधार बारिश हो रही और मेरे मन में भी सेक्स के लिए तड़प बढ़ती जा रही थी। इधर जैसे ही प्रीति बाथरूम से नहाकर बाहर निकली, मेरी आँखे उसे देखती रह गई। उसने लाल सुर्ख रंग का फूल लेंथ सिल्की चमकीला गाउन पहना था और वह अपने हाथों को ऊंचा करके अपने बालों को बाँध रही थी जिससे उसके बड़े-बड़े बूब्स अपनी अधिकतम ऊंचाई पर थे और उसकी निप्पल साफ उभरी हुई दिखाई दे रही थी और उसके गाउन में उसके स्तन और कूल्हों के उतार चढ़ाव गजब के कातिलाना दिख रहे थे।

कहीं ना कहीं मुझे भी लगा कि शायद प्रीति मुझे जानबूझ कर उकसा रही है, पर विश्वास से नहीं कह सकता। मुझे इस तरह देखता हुआ पाकर प्रीति ने एक कुटिल मुस्कान देते हुए मुझसे पूछा "क्या हुआ भईया?" मैंने कहा "कुछ नहीं, तुम्हारा गाउन देख रहा था, तुमने इसे पहले तो कभी नहीं पहना?"

प्रीति ने जवाब दिया "कल ही खरीदा है, अच्छा है ना।"

अब मैं उसे केसे बताता कि कोई भी कमजोर दिल का व्यक्ति उसे उस वक्त देखते ही अपना वीर्य स्खलित कर देता।

मैं बोला "बहुत अच्छा है, अब आ जाओ यह दूध पियो और आओ बेड पर मैं तुम्हारे सर की मालिश कर देता हूँ।"

मेरे बैड पर बैठते ही वह बोली "भईया तुम्हारा बैड तो बहुत स्पंजी और मुलायम है।" मैंने कहा हाँ, पर आज रात ये तुम्हारा है। मुझे तो नीचे ही सोना है ना। "

प्रीति बोली "सो तो है।" अब तुम्हें साथ में तो सुला नहीं सकती। यह कह कर वह हंसने लगी और मैं भी। पर इस मजाक से भी मेरे शरीर में सिहरन दौड़ गई।

प्रीति और मैंने ने दूध पिया और मैं बेड पर बैठ गया और प्रीति बेड पर सर टिका कर नीचे बैठ गई। अब मेने उसके बालों में तेल लगाया और उसके सर की मसाज शुरू की और अपने प्लान का अगला पार्ट लागू किया।

मैं बोला "प्रीति एक सवाल पूछूँ तुमसे।"

"बोलो" प्रीति बोली

मुझे गर्लफ्रेंड बनानी है, कुछ मदद कर ना मेरी।

प्रीति बोली "अरे, तू तो बहुत स्मार्ट है कोई भी लड़की पटा सकता है। क्या कमी है तुझमें।"

वो तो है पर मुझे तुझ जेसी लड़की चाहिये, बिल्कुल तेरी डुप्लिकेट चाहिए। सेम तू सेम तेरे जैसी।

वो हंस कर मजाक में बोली "तो मुझे ही पटा ले ना। मैं तेरी बहन होने के साथ तेरी दोस्त भी तो हूँ।"

मैं हँस कर बोला तो ठीक है आज से हम दोनों गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड।

इस पर प्रीति बोली "पर मैं तुम्हें वह खुशी नहीं दे सकती जो एक रीयल गर्लफ्रेंड दे सकती है।"

मेने कहा "यही तो मेरा परेशानी है कि वह खुशी भी मुझे तेरी जेसी लड़की से ही चाहिए और तेरे जैसी लड़की भगवान ने दूसरी कोई बनाई ही नहीं।"

इस पर प्रीति हँस कर बोली "हाँ यह समस्या तो है। पर ऊपर वाला इसका कुछ समाधान तो निकाल ही लेगा, चलो अब सो जाते है मुझे बहुत नींद आज रही है। आओ मुझे बेड पर आने दो और तुम नीचे आ जाओ और हाँ एक डबल बेड साइज़ की रजाई भी दे दो, बाहर बहुत बारिश हो रही है इस कारण मुझे बहुत ठंड लग रही है।" मैं समझ गया कि नींद की गोली का असर होना शुरू हो गया है और मुझ पर भी वियाग्रा का असर होने लगा था। रात के 10 बजे थे और मेरा प्लान सही काम कर रहा था। मैंने उसे रजाई दी और अपने बिस्तर पर आ गया और प्रीति के गहरी नींद में जाने का इंतजार करने लगा।

लगभग आधे घंटे बाद ही प्रीति हल्के खर्राटे लेने लगी। नींद की गोली ने असर कर दिया था। अब मेरे प्लान का अगला पार्ट शुरू हुआ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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RE: प्रीति-मेरी बहन - by neerathemall - 29-06-2022, 03:52 PM



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