29-06-2022, 03:28 PM
"ओह जान तुम्हारा के मोटा लंड मुझे पागल कर देता है," उसने मेरे लंड को सहलाया. उसका हाथ मेरे लंड पर एक बार और घुमा और उसने मेरा लंड छोड़ दिया.
"सौरभ ये तुम्हारे लंड को क्या हुआ है आज," उसकी आवाज में घबराहट थी, "ओह माय गॉड, तुम सौरभ नहीं हो!!"
उसने मेरे नीचे से निकालना चाहा तो मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत पर टिका दिया, "अब बहुत देर हो चुकी है दीपिका."
"वीरेन भैय्या!!!!!" वो जैसे चीख पड़ी. मैंने उसके बूब्स मसल दिए और वो कराह उठी.
"छोड़ दीजिए मुझे, मुझसे गलती हो गई," उसने मुझे धकेलना चाहा. मैंने लंड उसकी चूत पर दबाया तो उसकी टांगों ने मुझे और पास खींच लिया.
"दीपिका तेरे हाथ मुझे दूर कर रहे हैं और टांगे पास बुला रही हैं, साफ साफ बता ना तू क्या चाहती है जान?"
उसका बदन कांप रहा था. वो बस झड़ने ही वाला थी. मैंने एक उंगली उसकी चूत पे फिराई तो वो मुझसे लिपट गई. उसने जोर से सिसकारी ली, "ये ग़लत है, मुझे जाने दो वीरेन भैय्या. सौरभ को पता चल जाएगा."
"मैंने तुझे कहां पकड़ा है दीपिका बस तेरी चूत और मेरा लंड मुझे अलग नहीं होने दे रहे. सौरभ को नहीं पता चलेगा तुम घबराओ मत," मैंने उसकी चूचियों को सहलाया.
दीपिका थोड़ी शांत हो रही थी शायद उसकी घबराहट कम हो रही थी या शायद उसके बदन की गर्मी ने उसकी सोच को बंद कर दिया था.
वो बोली "आपके पास कंडोम तो है न" तो मैं मुस्कुरा दिया और बोला "नहीं है लेकिन तुम चिंता मत करो ना तो मुझे एड्स है और ना ही मैं तुम्हे प्रेग्नेंट करूँगा". बस फिर तो वो शर्मा कर मेरे गले लग गई और बेकाबू हो कर मुझे चूमने लगी. जब औरत जोश में होती है तो सब भूल जाती है और उसे बस लंड दिखता है. दीपिका की भी यही हालत थी. मैंने उसके नन्हे नन्हे चुचों को सहलाना शुरू किया तो उसकी आह निकल पड़ी और उसने मेरे होंठों को चूमना और चूसना शुरू किया. मौका सही था. मैंने अपने लंड को उसकी चूत के छेद से सटाया और सांस रोक कर जोर लगाने लगा. पर उसकी चूत बहुत कसी लग रही थी. मैंने उसकी टांगें और ऊपर की और उसकी गांड़ पकड़ कर मैंने थोड़ा जोर से धक्का लगाया तो उसकी चीख निकल गई. मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया ताकि पड़ोसी न सुन सकें.
लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस चुका था. अब मैंने लंड को थोड़ा सा पीछे करके एक और जोर से धक्का दिया तो लण्ड चूत की दीवारों को चीरता हुआ आधा घुस गया. अब दीपिका सर को इधर उधर मार रही थी पर लंड अपना काम कर चुका था. मैंने अपनी सांस रोकी और लंड को वापिस थोड़ा सा पीछे करके जोर से धक्का दिया तो लंड पूरा उसकी चूत में घुस गया. उसकी आँखों से आंसू निकल गए और ऐसे लग रहा था कि जैसे वह बेहोश हो गई हो!
थोड़ी देर में उसका दर्द कुछ कम हुआ. अब वह धक्के पर आः ऊह्ह्ह श् औरऽऽर्र आआह्ह्ह्ह्ह कर रही थी, उसके हाथ मेरी पीठ पर थे और वह अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा रही थी. उसने अपनी टांगों को मेरी टांगों से ऐसे लिपटा लिया था जैसे सांप पेड़ से लिपट जाता है.
मुझे बहुत आनंद आ रहा था. उसके ऐसा करने से लंड उसकी चूत की पूरी गहराई नाप रहा था और हर शॉट के साथ वह पूरा आनंद ले रही थी, "वीरेन प्लीज़ सौरभ को मत बताना!"
मैंने अपना हाथ उसकी कमर के नीचे ले जा कर दीपिका को गले से लगा लिया. मैंने उसके चूतड़ अपने हाथो में भर लिए और उसकी चूत को धीरे धीरे चोदने लगा. दीपिका मदमस्त हो रही थी. उसकी आहें कमरे में गूंजने लगी. दीपिका की पीठ पर ऊँगली फिरते हुए मैंने उसके बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींच और उसके नंगे बदन को बेतहाशा चूमना शुरू किया, वो पागल हुई पड़ी थी क्यूंकि मेरे होंठ उसके बदन पर किसी जानवर की तरह रेंग रहे थे और वो इस चीज़ से बेहाल थी.
"मेरी जान ये बातें किसी को नहीं बताई जाती. तुम इतनी प्यारी हो कि में हमेशा से तुम्हे पाना चाहता था. वो तो सौरभ ने तुम्हे पहले प्रपोज कर दिया तो मैंने तुम्हे ट्राई नहीं किया प आज तुम मेरी बन ही गई," मैंने एक जोर का झटका मारा और दीपिका की चूत से रस बह निकला.
दीपिका की चूत का रस उसकी चूत से निकल कर उसकी जांघों पर बह रहा था. वो शहद जैसा चिपचिपा था और मुझे यकीन था कि शहद जैसा मीठा भी था. मैंने एक झटके से अपना लन्ड दीपिका को चूत से बाहर खींच लिया. दीपिका तड़प उठी और उसने अपने नाखून मेरे कंधों में गाड़ा दिए. में उसकी बाहों से नीचे फिसल गया और उसके पेट से होते हुए उसकी चूत तक पहुंच गया. जैसे ही मेरी सांसे उसकी गरम चूत से टकराई दीपिका ने बेड का सिरहाना पकड़ लिया और अपनी गांड़ ऊपर उठा दी. उसकी गीली चूत मेरे होठों से टकरा गई. मैंने उसकी जाँघो को चूसना स्टार्ट किया, वो बोली, "चोद दो ना, अब तो मेरी चूत की आग मिटा दो."
तो में बोला कि रूको मेरी जान मज़ा तो अब आयेगा. फिर मैंने उसकी चूत को चूसना स्टार्ट किया. अब वो अपना सिर पटकने लगी और इधर उधर मारने लगी. अब वो मौन कर रही थी, "आआमम्म्मम ऊऊहह आआआहह आाआईईईईईईईईईई माँ, ये क्या कर दिया तुमने, अंदर आग लग गयी है?"
फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और एक उंगली भी डाल दी. वो अब आउऊउचचच करके चिल्लाई और बोली कि थोड़ा धीर करो, लेकिन में कहाँ उसकी मानने वाला था. दीपिका वर्जिन तो नहीं थी, लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी.
दीपिका मेरे ऊपर सिक्सटी नाइन की पोजीशन में आ गई, अब हम दोनों एक दुसरे के जननांगों को चूम और चाट रहे थे. वो पहले ही मेरे स्पर्श से बावली हुई पड़ी थी, और अब उसकी चूत पर मेरी जीभ का कहर बरपा हो रहा था सो वो मेरे लंड पर अपना ध्यान नहीं दे पा रही थी इसलिए मैंने उसे समझाया, "दीपिका मेरी जान, इस तरह से तो केवल तुम्ही खुश हो पाओगी और मेरा रह जाएगा तो तुम मेरे लंड पर ध्याम दो और अगर एक्साइटमेंट बढे तो उसका असर मेरे लंड पर मुंह चला कर दिखाओ."
फिर दीपिका ने अपने होठों का जादू मेरे लंड पे चलाया. दीपिका एक नई लड़की थी और जितनी भी उसकी सेक्स लाइफ रही हो उसका इतना प्रोफेशनली लंड चूसना मुझे गजब लग रहा था तो मैंने पूछ ही लिया "तुम अपने बी ऍफ़ का लंड भी ऐसे ही चूसती हो क्या!" तो वो बोली "पहले शुरू शुरू में मुझे ओरल नहीं आता था लेकिन सौरभ ने मुझे विडियोज दिखा दिखा कर सिखा दिया, क्यूँ अच्छा नहीं लगा मेरा ओरल स्टाइल?" मैंने कहाँ "अरे नहीं ये तो बेस्ट है जान, करती रहो और जो जो भी सीखा है वो सब करो." दीपिका वाकई वो सभी पैंतरे अपना रही थी जो पोर्न फिल्म्स में मंझी हुई पोर्न स्टार्स करती हैं.
मेरा लंड पूरा तना हुआ था और दीपिका लगातार उस पर अपने होंठों और जीभ का कमाल दिखा रही थी एक बार तो उस ने हद ही कर दी जब उस ने पूरा का पूरा लंड मुंह में ले लिया और फिर खाँसने लगी मैंने उस से कहा की छोटी उम्र में बड़ी रिस्क मत लो तो चिढ गयी और पागलों की तरह मेरा लंड चूसने लगी फिर जब थक गई तो लंड को ऐसा हिलाया की सारा माल मेरे अंडों में से उबल कर लंड के रास्ते उसके मुंह में उतारने लगा. उसके होठ मेरे लंड पर का गए और वो एक एक बूंद माल मेरे लंड से निचोड़ने लगी. बिना वार्निंग दिए दीपिका ने मेरा माल निकाल लिया था. इस बार चीखने की बारी मेरी थी. उसके होठ पंप को तरह मेरा माल चूस रहे थे और मेरा लंड उसके इशारों पर नाच रहा था. मेरा माल उसके मुंह को भर कर उसके गालों और नन्हे बूबीज़ पर छिटक गया. लेकिन उस ने चूसने का काम जारी रखा तो मैंने कहा " दीपिका बेबी, अब क्या तोड़ कर ही मानोगी चूत नहीं मरवानी क्या!"
"सौरभ ये तुम्हारे लंड को क्या हुआ है आज," उसकी आवाज में घबराहट थी, "ओह माय गॉड, तुम सौरभ नहीं हो!!"
उसने मेरे नीचे से निकालना चाहा तो मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत पर टिका दिया, "अब बहुत देर हो चुकी है दीपिका."
"वीरेन भैय्या!!!!!" वो जैसे चीख पड़ी. मैंने उसके बूब्स मसल दिए और वो कराह उठी.
"छोड़ दीजिए मुझे, मुझसे गलती हो गई," उसने मुझे धकेलना चाहा. मैंने लंड उसकी चूत पर दबाया तो उसकी टांगों ने मुझे और पास खींच लिया.
"दीपिका तेरे हाथ मुझे दूर कर रहे हैं और टांगे पास बुला रही हैं, साफ साफ बता ना तू क्या चाहती है जान?"
उसका बदन कांप रहा था. वो बस झड़ने ही वाला थी. मैंने एक उंगली उसकी चूत पे फिराई तो वो मुझसे लिपट गई. उसने जोर से सिसकारी ली, "ये ग़लत है, मुझे जाने दो वीरेन भैय्या. सौरभ को पता चल जाएगा."
"मैंने तुझे कहां पकड़ा है दीपिका बस तेरी चूत और मेरा लंड मुझे अलग नहीं होने दे रहे. सौरभ को नहीं पता चलेगा तुम घबराओ मत," मैंने उसकी चूचियों को सहलाया.
दीपिका थोड़ी शांत हो रही थी शायद उसकी घबराहट कम हो रही थी या शायद उसके बदन की गर्मी ने उसकी सोच को बंद कर दिया था.
वो बोली "आपके पास कंडोम तो है न" तो मैं मुस्कुरा दिया और बोला "नहीं है लेकिन तुम चिंता मत करो ना तो मुझे एड्स है और ना ही मैं तुम्हे प्रेग्नेंट करूँगा". बस फिर तो वो शर्मा कर मेरे गले लग गई और बेकाबू हो कर मुझे चूमने लगी. जब औरत जोश में होती है तो सब भूल जाती है और उसे बस लंड दिखता है. दीपिका की भी यही हालत थी. मैंने उसके नन्हे नन्हे चुचों को सहलाना शुरू किया तो उसकी आह निकल पड़ी और उसने मेरे होंठों को चूमना और चूसना शुरू किया. मौका सही था. मैंने अपने लंड को उसकी चूत के छेद से सटाया और सांस रोक कर जोर लगाने लगा. पर उसकी चूत बहुत कसी लग रही थी. मैंने उसकी टांगें और ऊपर की और उसकी गांड़ पकड़ कर मैंने थोड़ा जोर से धक्का लगाया तो उसकी चीख निकल गई. मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया ताकि पड़ोसी न सुन सकें.
लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस चुका था. अब मैंने लंड को थोड़ा सा पीछे करके एक और जोर से धक्का दिया तो लण्ड चूत की दीवारों को चीरता हुआ आधा घुस गया. अब दीपिका सर को इधर उधर मार रही थी पर लंड अपना काम कर चुका था. मैंने अपनी सांस रोकी और लंड को वापिस थोड़ा सा पीछे करके जोर से धक्का दिया तो लंड पूरा उसकी चूत में घुस गया. उसकी आँखों से आंसू निकल गए और ऐसे लग रहा था कि जैसे वह बेहोश हो गई हो!
थोड़ी देर में उसका दर्द कुछ कम हुआ. अब वह धक्के पर आः ऊह्ह्ह श् औरऽऽर्र आआह्ह्ह्ह्ह कर रही थी, उसके हाथ मेरी पीठ पर थे और वह अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा रही थी. उसने अपनी टांगों को मेरी टांगों से ऐसे लिपटा लिया था जैसे सांप पेड़ से लिपट जाता है.
मुझे बहुत आनंद आ रहा था. उसके ऐसा करने से लंड उसकी चूत की पूरी गहराई नाप रहा था और हर शॉट के साथ वह पूरा आनंद ले रही थी, "वीरेन प्लीज़ सौरभ को मत बताना!"
मैंने अपना हाथ उसकी कमर के नीचे ले जा कर दीपिका को गले से लगा लिया. मैंने उसके चूतड़ अपने हाथो में भर लिए और उसकी चूत को धीरे धीरे चोदने लगा. दीपिका मदमस्त हो रही थी. उसकी आहें कमरे में गूंजने लगी. दीपिका की पीठ पर ऊँगली फिरते हुए मैंने उसके बाल पकड़ कर अपनी तरफ खींच और उसके नंगे बदन को बेतहाशा चूमना शुरू किया, वो पागल हुई पड़ी थी क्यूंकि मेरे होंठ उसके बदन पर किसी जानवर की तरह रेंग रहे थे और वो इस चीज़ से बेहाल थी.
"मेरी जान ये बातें किसी को नहीं बताई जाती. तुम इतनी प्यारी हो कि में हमेशा से तुम्हे पाना चाहता था. वो तो सौरभ ने तुम्हे पहले प्रपोज कर दिया तो मैंने तुम्हे ट्राई नहीं किया प आज तुम मेरी बन ही गई," मैंने एक जोर का झटका मारा और दीपिका की चूत से रस बह निकला.
दीपिका की चूत का रस उसकी चूत से निकल कर उसकी जांघों पर बह रहा था. वो शहद जैसा चिपचिपा था और मुझे यकीन था कि शहद जैसा मीठा भी था. मैंने एक झटके से अपना लन्ड दीपिका को चूत से बाहर खींच लिया. दीपिका तड़प उठी और उसने अपने नाखून मेरे कंधों में गाड़ा दिए. में उसकी बाहों से नीचे फिसल गया और उसके पेट से होते हुए उसकी चूत तक पहुंच गया. जैसे ही मेरी सांसे उसकी गरम चूत से टकराई दीपिका ने बेड का सिरहाना पकड़ लिया और अपनी गांड़ ऊपर उठा दी. उसकी गीली चूत मेरे होठों से टकरा गई. मैंने उसकी जाँघो को चूसना स्टार्ट किया, वो बोली, "चोद दो ना, अब तो मेरी चूत की आग मिटा दो."
तो में बोला कि रूको मेरी जान मज़ा तो अब आयेगा. फिर मैंने उसकी चूत को चूसना स्टार्ट किया. अब वो अपना सिर पटकने लगी और इधर उधर मारने लगी. अब वो मौन कर रही थी, "आआमम्म्मम ऊऊहह आआआहह आाआईईईईईईईईईई माँ, ये क्या कर दिया तुमने, अंदर आग लग गयी है?"
फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और एक उंगली भी डाल दी. वो अब आउऊउचचच करके चिल्लाई और बोली कि थोड़ा धीर करो, लेकिन में कहाँ उसकी मानने वाला था. दीपिका वर्जिन तो नहीं थी, लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी.
दीपिका मेरे ऊपर सिक्सटी नाइन की पोजीशन में आ गई, अब हम दोनों एक दुसरे के जननांगों को चूम और चाट रहे थे. वो पहले ही मेरे स्पर्श से बावली हुई पड़ी थी, और अब उसकी चूत पर मेरी जीभ का कहर बरपा हो रहा था सो वो मेरे लंड पर अपना ध्यान नहीं दे पा रही थी इसलिए मैंने उसे समझाया, "दीपिका मेरी जान, इस तरह से तो केवल तुम्ही खुश हो पाओगी और मेरा रह जाएगा तो तुम मेरे लंड पर ध्याम दो और अगर एक्साइटमेंट बढे तो उसका असर मेरे लंड पर मुंह चला कर दिखाओ."
फिर दीपिका ने अपने होठों का जादू मेरे लंड पे चलाया. दीपिका एक नई लड़की थी और जितनी भी उसकी सेक्स लाइफ रही हो उसका इतना प्रोफेशनली लंड चूसना मुझे गजब लग रहा था तो मैंने पूछ ही लिया "तुम अपने बी ऍफ़ का लंड भी ऐसे ही चूसती हो क्या!" तो वो बोली "पहले शुरू शुरू में मुझे ओरल नहीं आता था लेकिन सौरभ ने मुझे विडियोज दिखा दिखा कर सिखा दिया, क्यूँ अच्छा नहीं लगा मेरा ओरल स्टाइल?" मैंने कहाँ "अरे नहीं ये तो बेस्ट है जान, करती रहो और जो जो भी सीखा है वो सब करो." दीपिका वाकई वो सभी पैंतरे अपना रही थी जो पोर्न फिल्म्स में मंझी हुई पोर्न स्टार्स करती हैं.
मेरा लंड पूरा तना हुआ था और दीपिका लगातार उस पर अपने होंठों और जीभ का कमाल दिखा रही थी एक बार तो उस ने हद ही कर दी जब उस ने पूरा का पूरा लंड मुंह में ले लिया और फिर खाँसने लगी मैंने उस से कहा की छोटी उम्र में बड़ी रिस्क मत लो तो चिढ गयी और पागलों की तरह मेरा लंड चूसने लगी फिर जब थक गई तो लंड को ऐसा हिलाया की सारा माल मेरे अंडों में से उबल कर लंड के रास्ते उसके मुंह में उतारने लगा. उसके होठ मेरे लंड पर का गए और वो एक एक बूंद माल मेरे लंड से निचोड़ने लगी. बिना वार्निंग दिए दीपिका ने मेरा माल निकाल लिया था. इस बार चीखने की बारी मेरी थी. उसके होठ पंप को तरह मेरा माल चूस रहे थे और मेरा लंड उसके इशारों पर नाच रहा था. मेरा माल उसके मुंह को भर कर उसके गालों और नन्हे बूबीज़ पर छिटक गया. लेकिन उस ने चूसने का काम जारी रखा तो मैंने कहा " दीपिका बेबी, अब क्या तोड़ कर ही मानोगी चूत नहीं मरवानी क्या!"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
