29-06-2022, 11:28 AM
(17-06-2022, 06:09 PM)neerathemall Wrote: वो सिसकारियाँ भरने लगी- आअहह … आआहह … मम्म्मम … आआ आआआ … आआआ … अह्ह।
चाची सिसकारते हुए बोल रही थी- ओह भाई, ऐसे ही, ऐसे ही अपनी दीदी की चूत चुदाई कर, हाँ-हाँ और जोर से, इसी तरह से ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाओ भाई, इसी प्रकार से चोदो.
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मैं आगे की तरफ आकर धर्मशाला की तरफ ये सोचते-सोचते बढ़ गया कि चलो चाची का काम आज रात को ही कर देते हैं. बहुत चुदास भरी है साली के अंदर.
(20-06-2022, 03:59 AM)Dg1973 Wrote: Excellent Story, update it ASAP please
(27-06-2022, 02:40 AM)Akhilsingh700 Wrote: Mast story
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
