26-06-2022, 02:55 PM
रिया की तो आँखे बंद हो गयी उस एहसास से जब पूजा ने होले से अपने हाथ के दबाव से उसकी ब्रेस्ट को दबाया..
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....आआआआहह....दीदी......ये क्या कर रहे ........उम्म्म्ममममममममम....''
वो शिकायत थी या प्रश्न ...ये तो नही पता चल सका...पर रिया के हाथों ने अगले ही पल उपर की तरफ आते हुए टी शर्ट के उपर से ही पूजा के हाथों को पकड़ लिया..पूजा को लगा की वो हटाने के लिए कह रही है...पर वो धीरे से बुदबुदाई..
''दीदी.....प्लीज़ .......ज़ोर से दबाओ ना......ऐसे....''
और उसने अपने हाथों से पूजा के हाथों को जोर से दबा दिया...और पूजा के हाथों के नीचे उसकी नन्ही टमाटरियाँ भी उस दबाव में आकर नीचुड़कर रह गयी.
पूजा तो भभक उठी उसके बाद....उसने रिया की ब्रेस्ट को इतनी बेदर्दी से दबाना शुरू कर दिया की उसपर लाल निशान बनते चले गये...पर वो रुकी नही..
रिया के नुकीले निप्पल भी पूजा के जालिम हाथों को रोकने में असमर्थ थे..भले ही वो काँटों की तरह उभरकर ब्रेस्ट की रक्षा कर रहे थे पर ऐसे काँटों से शायद इस वक़्त पूजा को कोई असर ही नही पड़ रहा था...वो तो उन काँटों को भी बीच-2 में ऐसे मसल रही थी जैसे उनमे से दूध निकलने वाला हो..
दूध तो नही निकला..पर उसकी हर उमेठन से रिया की सिसकारियाँ ज़रूर निकल रही थी.
अब तो साफ़ हो चुका था की आज की रात ये दोनो बहने अपनी सारी सीमाएँ लाँघने की तैयारी कर रही है..
पूजा तो अभी तक जैसे किसी नशे मे ये सब कर रही थी...ऐसा नशा जो उसके शरीर को अपने बस में करने में असमर्थ था...वो ये भी भूल चुकी थी की ये उसकी वही छोटी कज़िन है जिसे वो कुछ दिनों पहले तक रोज रात को नैतिकता का पाठ पढ़ाती थी...रिया तो अपनी जवानी के उस पड़ाव पर थी जहाँ उसे ऐसी बातों में मज़ा मिलता था जो सैक्स से जुड़ी हो...अपने घर से बाहर निकलकर और जवानी की दहलीज पर कदम रखने के बाद रिया में काफ़ी खुलापन आ चुका था..अपने जीजू की बातों ने उसे उस दिशा में सोचने पर और भी ज़्यादा मजबूर कर दिया था..पर पूजा की रोक टोक ने उसे अभी तक बाँध कर रखा हुआ था..
पर अब वही पूजा उसके साथ ये खेल खेलने में लगी हुई थी...जिसे सीखने के लिए वो कब से तड़प रही थी..
रिया के अंदर एक अजीब सी चाहत ने जन्म ले लिया था...सेक्स के बारे में वो दूसरों से कुछ ज़्यादा ही सोचने लगी थी..पर अपनी बहन के डर के मारे और शर्म की वजह से वो अपनी भावनाओं को बाहर नही आने देती थी..
पर अब उसे रोकने वाला कोई नही था.
जैसे ही पूजा के हाथों ने उसकी नन्ही ब्रेस्ट को छुआ...वो अपने हाथों के दबाव को उनपर डालकर और ज़ोर से दबाने की गुज़ारिश करने लगी पूजा से..
उसकी ब्रेस्ट ही उसके शरीर का सबसे सेंसेटिव हिस्सा थी..
इसलिए उसपर हाथ लगते ही वो भी अपनी सुधबुध खो बैठी और फिर शुरू हुआ उस छोटे से कमरे में दो बहनो के जिस्म के बीच उत्तेजना और सेक्स का वो सिलसिला जो शायद अब थमने वाला नही था.
रिया ने एक मादक सी अंगड़ाई लेते हुए अपनी टी शर्ट उतार कर दीवार पर दे मारी..
और उसकी साँवली और नन्ही छातियाँ देखकर पूजा के मुँह में पानी भर आया.
उसके निप्पल गहरे भूरे रंग के थे...और उसके निप्पल के घेरे पर भी महीन से दाने उगे हुए थे..पूजा तो उसके निप्पलों की कारीगरी देखकर अचंभित रह गई...क्योंकि उसके दानों पर इतनी महीन कारीगरी नही की थी उपर वाले ने...वो बिल्कुल सादे से थे...पर उसकी ब्रेस्ट रिया के मुक़ाबले काफ़ी बड़ी थी..रिया की तो अभी -2 आनी शुरू हुई थी..पर एक बार जब ये भर जाएगी तो कयामत ढाएगी ये लड़की..
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....आआआआहह....दीदी......ये क्या कर रहे ........उम्म्म्ममममममममम....''
वो शिकायत थी या प्रश्न ...ये तो नही पता चल सका...पर रिया के हाथों ने अगले ही पल उपर की तरफ आते हुए टी शर्ट के उपर से ही पूजा के हाथों को पकड़ लिया..पूजा को लगा की वो हटाने के लिए कह रही है...पर वो धीरे से बुदबुदाई..
''दीदी.....प्लीज़ .......ज़ोर से दबाओ ना......ऐसे....''
और उसने अपने हाथों से पूजा के हाथों को जोर से दबा दिया...और पूजा के हाथों के नीचे उसकी नन्ही टमाटरियाँ भी उस दबाव में आकर नीचुड़कर रह गयी.
पूजा तो भभक उठी उसके बाद....उसने रिया की ब्रेस्ट को इतनी बेदर्दी से दबाना शुरू कर दिया की उसपर लाल निशान बनते चले गये...पर वो रुकी नही..
रिया के नुकीले निप्पल भी पूजा के जालिम हाथों को रोकने में असमर्थ थे..भले ही वो काँटों की तरह उभरकर ब्रेस्ट की रक्षा कर रहे थे पर ऐसे काँटों से शायद इस वक़्त पूजा को कोई असर ही नही पड़ रहा था...वो तो उन काँटों को भी बीच-2 में ऐसे मसल रही थी जैसे उनमे से दूध निकलने वाला हो..
दूध तो नही निकला..पर उसकी हर उमेठन से रिया की सिसकारियाँ ज़रूर निकल रही थी.
अब तो साफ़ हो चुका था की आज की रात ये दोनो बहने अपनी सारी सीमाएँ लाँघने की तैयारी कर रही है..
पूजा तो अभी तक जैसे किसी नशे मे ये सब कर रही थी...ऐसा नशा जो उसके शरीर को अपने बस में करने में असमर्थ था...वो ये भी भूल चुकी थी की ये उसकी वही छोटी कज़िन है जिसे वो कुछ दिनों पहले तक रोज रात को नैतिकता का पाठ पढ़ाती थी...रिया तो अपनी जवानी के उस पड़ाव पर थी जहाँ उसे ऐसी बातों में मज़ा मिलता था जो सैक्स से जुड़ी हो...अपने घर से बाहर निकलकर और जवानी की दहलीज पर कदम रखने के बाद रिया में काफ़ी खुलापन आ चुका था..अपने जीजू की बातों ने उसे उस दिशा में सोचने पर और भी ज़्यादा मजबूर कर दिया था..पर पूजा की रोक टोक ने उसे अभी तक बाँध कर रखा हुआ था..
पर अब वही पूजा उसके साथ ये खेल खेलने में लगी हुई थी...जिसे सीखने के लिए वो कब से तड़प रही थी..
रिया के अंदर एक अजीब सी चाहत ने जन्म ले लिया था...सेक्स के बारे में वो दूसरों से कुछ ज़्यादा ही सोचने लगी थी..पर अपनी बहन के डर के मारे और शर्म की वजह से वो अपनी भावनाओं को बाहर नही आने देती थी..
पर अब उसे रोकने वाला कोई नही था.
जैसे ही पूजा के हाथों ने उसकी नन्ही ब्रेस्ट को छुआ...वो अपने हाथों के दबाव को उनपर डालकर और ज़ोर से दबाने की गुज़ारिश करने लगी पूजा से..
उसकी ब्रेस्ट ही उसके शरीर का सबसे सेंसेटिव हिस्सा थी..
इसलिए उसपर हाथ लगते ही वो भी अपनी सुधबुध खो बैठी और फिर शुरू हुआ उस छोटे से कमरे में दो बहनो के जिस्म के बीच उत्तेजना और सेक्स का वो सिलसिला जो शायद अब थमने वाला नही था.
रिया ने एक मादक सी अंगड़ाई लेते हुए अपनी टी शर्ट उतार कर दीवार पर दे मारी..
और उसकी साँवली और नन्ही छातियाँ देखकर पूजा के मुँह में पानी भर आया.
उसके निप्पल गहरे भूरे रंग के थे...और उसके निप्पल के घेरे पर भी महीन से दाने उगे हुए थे..पूजा तो उसके निप्पलों की कारीगरी देखकर अचंभित रह गई...क्योंकि उसके दानों पर इतनी महीन कारीगरी नही की थी उपर वाले ने...वो बिल्कुल सादे से थे...पर उसकी ब्रेस्ट रिया के मुक़ाबले काफ़ी बड़ी थी..रिया की तो अभी -2 आनी शुरू हुई थी..पर एक बार जब ये भर जाएगी तो कयामत ढाएगी ये लड़की..