25-06-2022, 09:53 PM
(This post was last modified: 26-06-2022, 04:16 PM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Part 35
सोनाली ने बेबसी से उन तीनों की तरफ देखा और फिर अपने दोनों कान पकड़कर गिनती बोलते हुए उठक बैठक लगाने लगी।
ज़फर : काज़ी साहब कुछ भी कहो, माल तो एकदम जबरदस्त है। उठक बैठक लगाते हुए भी क्या मस्त और सेक्सी लग रही है।
काज़ी : इसके डांस में इतना मज़ा नही आएगा जितना उठक बैठक लगवाने में आ रहा है
असलम : थोड़ी अपनी टाँगे खोलकर उठक बैठक लगा। तेरी जांघों का अंदरूनी भाग भी हमे दिखना चाहिए
ज़फर : साली की क्या चिकनी और मक्खन जैसी जाँघे हैं
25 उठक बैठक के बाद सोनाली कहने लगी : अब मैं बहुत थक गई हूं। बस अब और उठक बैठक मत लगवाओ प्लीज़
ज़फर : अपने कान पकड़े पकड़े मेरे पास आकर खड़ी हो जा
सोनाली ज़फर के एकदम नज़दीक आकर खड़ी हो गई
ज़फर अब सोनाली की जांघों पर अपने हाथों को फिराने लगा : एकदम कयामत बदन है साली का। परवेज़ और सलीम दोनों की तो समझो लाटरी लग गई है।
सोनाली को उन सब की बातों को सुनकर बहुत शर्म और ज़लालत का अहसास हो रहा था । तीनों उसके बदन के बारे में इस तरह की बातें कर रहे थे मानो वह कोई खेल का सामान हो।
ज़फर के बाद असलम ने भी उसकी जाँघों को जी भरकर सहलाया और भद्दे कमेंट करता रहा। सोनाली को अपनी गिरफ्त से आज़ाद करते हुए असलम काज़ी से बोला : काज़ी साहब डांस को छोड़ो, आप भी बचे हुए 5 मिनटों में इस लौंडिया की चिकनी जांघों का लुत्फ उठाकर देखो। हाथ फेरते ही ऐसा लग रहा है मानो जन्नत में पहुंच गए हों
यह कहकर असलम हंसते हुए सोनाली से बोला : जा काज़ी साहब के पाक हाथों से अपने बदन की पाकीज़गी की रस्म पूरी करवा लें
सोनाली कान पकड़े पकड़े काज़ी के सामने आकर खड़ी हो गई
काज़ी ने कुछ देर उसकी जाँघों को सहलाया और फिर अपने खुरदुरे चेहरे को उसकी चिकनी गोरी जांघों पर रगड़ते हुए उन्हें चूमने लगा
तीन बजते ही काज़ी ने उसे छोड़ दिया और बोला : अब तू अपनी साड़ी पहन सकती है। तू अब हिन्दू से * बन चुकी है और आज से तेरा नाम सोनाली खान है। तेरे बदन को भी हम लोगों ने पूरी तरह से पाकीज़ा कर दिया है और अब तू निकाह की रस्म के लिए पूरी तरह तैयार है।
सोनाली ने साड़ी पहन ली और वे तीनों सोनाली के साथ कमरे के बाहर आ गए।
शेष अगले भाग में
सोनाली ने बेबसी से उन तीनों की तरफ देखा और फिर अपने दोनों कान पकड़कर गिनती बोलते हुए उठक बैठक लगाने लगी।
ज़फर : काज़ी साहब कुछ भी कहो, माल तो एकदम जबरदस्त है। उठक बैठक लगाते हुए भी क्या मस्त और सेक्सी लग रही है।
काज़ी : इसके डांस में इतना मज़ा नही आएगा जितना उठक बैठक लगवाने में आ रहा है
असलम : थोड़ी अपनी टाँगे खोलकर उठक बैठक लगा। तेरी जांघों का अंदरूनी भाग भी हमे दिखना चाहिए
ज़फर : साली की क्या चिकनी और मक्खन जैसी जाँघे हैं
25 उठक बैठक के बाद सोनाली कहने लगी : अब मैं बहुत थक गई हूं। बस अब और उठक बैठक मत लगवाओ प्लीज़
ज़फर : अपने कान पकड़े पकड़े मेरे पास आकर खड़ी हो जा
सोनाली ज़फर के एकदम नज़दीक आकर खड़ी हो गई
ज़फर अब सोनाली की जांघों पर अपने हाथों को फिराने लगा : एकदम कयामत बदन है साली का। परवेज़ और सलीम दोनों की तो समझो लाटरी लग गई है।
सोनाली को उन सब की बातों को सुनकर बहुत शर्म और ज़लालत का अहसास हो रहा था । तीनों उसके बदन के बारे में इस तरह की बातें कर रहे थे मानो वह कोई खेल का सामान हो।
ज़फर के बाद असलम ने भी उसकी जाँघों को जी भरकर सहलाया और भद्दे कमेंट करता रहा। सोनाली को अपनी गिरफ्त से आज़ाद करते हुए असलम काज़ी से बोला : काज़ी साहब डांस को छोड़ो, आप भी बचे हुए 5 मिनटों में इस लौंडिया की चिकनी जांघों का लुत्फ उठाकर देखो। हाथ फेरते ही ऐसा लग रहा है मानो जन्नत में पहुंच गए हों
यह कहकर असलम हंसते हुए सोनाली से बोला : जा काज़ी साहब के पाक हाथों से अपने बदन की पाकीज़गी की रस्म पूरी करवा लें
सोनाली कान पकड़े पकड़े काज़ी के सामने आकर खड़ी हो गई
काज़ी ने कुछ देर उसकी जाँघों को सहलाया और फिर अपने खुरदुरे चेहरे को उसकी चिकनी गोरी जांघों पर रगड़ते हुए उन्हें चूमने लगा
तीन बजते ही काज़ी ने उसे छोड़ दिया और बोला : अब तू अपनी साड़ी पहन सकती है। तू अब हिन्दू से * बन चुकी है और आज से तेरा नाम सोनाली खान है। तेरे बदन को भी हम लोगों ने पूरी तरह से पाकीज़ा कर दिया है और अब तू निकाह की रस्म के लिए पूरी तरह तैयार है।
सोनाली ने साड़ी पहन ली और वे तीनों सोनाली के साथ कमरे के बाहर आ गए।
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा