25-06-2022, 12:50 AM
मैं मंजू को सोफे पर किस कर रहा था, हम दोनों के होंठ एक दूसरे का रसपान कर रहे थे वही दूसरी ओर रमेश अपने नशे मे मदमस्त था। कोल्ड ड्रिंक मे डाली नशे की गोली अपना रंग दिखा रही थी। मंजू को नशे की गोली का पता नहीं था इसलिए वो मुझे किस करने मे घबरा रही थी वही मैं इस मौके का इस्तेमाल मंजू के मन से डर हटाने के लिए कर रहा था। रमेश को नशा पूरी तरह चढ़ रहा था और वो लगभग सोने वाला था तो मंजू उसे पकड़ कर बैडरूम मे सुला दी। मैंने जाकर बेडरूम का दरवाजा आगे से लॉक कर दिया। अब ड्राइंग रूम मे मैं और मंजू थे। मैं सोफे पर बैठा था और मंजू रूम को साफ कर रही थी।
रूम को साफ कर के मंजू मेरे पास आई। मैंने मंजू के दोनों टांगो को फैलाकर अपनी गोद मे बिठा लिया। हम दोनों का चेहरा एक दूसरे के सामने था। इसी पोजीशन मे मैंने मंजू की नाईटी ऊपर उठा दी और उसके बूब्स को अपने होंठो से चाटने लगा। फिर मैंने अपने दांतो से उसके निप्पल्स को भींचा जिससे उसकी आन्हे निकल गई। इस तरह बूब्स चूसने के बाद मैंने उसी पोजीशन मे अपना शॉर्ट्स नीचे उतारा। मेरी गोद मे होने के कारण मेरा लंड मंजू के चुत को टच कर रहा था। ब्लो जॉब से लंड खड़ा हो चुका था, उसी पोजीशन मे मंजू के बूब्स को चूसते चूसते मैंने नीचे उसके चुत मे अपना लंड धकेल दिया। ये मेरी पसंदीदा पोजीशन थी और मंजू भी खूब उछल रही थी। हर धक्के के साथ मंजू उछलती और उससे भी तेज उसके बूब्स उछलते।
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को पकड़ रखा था ताकि वो गिरे नहीं। थोड़ी देर जम कर धक्के मारने के बाद मैंने अपना लंड का पानी मंजू की चुत मे छोड़ दिया और उसको नीचे उतारा। मंजू को मैंने जमीन पर बिठा दिया। मंजू भी मेरे पैरो के सामने बैठी रही। फिर मैं उसको नंगा गोद मे उठाया और छत पे अपने फ्लैट मे ले आया। छत पर मैंने मंजू को गोद से बेड पर गिराया और उसके ऊपर लेट गया। मंजू के होंठो को मैं चूमने लगा फिर मैंने उसको नीचे किया और अपना लंड उसको चूसने को दे दिया। मंजू पूरे जोश से मुझे मजे दिलाती हुई मेरा लंड चूसती रही। मेरे लंड को चूसने के बाद वो मेरे पास आ कर गले से लिपट गई।
इसी तरह कुछ मिनट बीतने के बाद मैं सेकेंड राउंड की तैयारी करने लगा। इस बार मैंने मंजू को अपने लंड के ऊपर बिठाया और जोर se धक्के मारने लगा। मंजू भी सेक्सी आवाजे निकाल रही थी। फिर मैंने उसकी गांड भी मारी। आज उसने कम नखरे के साथ मेरा लंड अपनी गांड मे लिया। उसकी गांड काफी ज्यादा टाइट थी इस वजह से काफी ज्यादा मजा आया। फिर हम दोनों काफी देर तक नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे। फिर सुबह के लगभग तीन - चार बजे मैं मंजू को नीचे छोड़ आया और वापिस आ के ऊपर सो गया।
अब अगले दिन रविवार को मैं उठा और फ्रेश हुआ। मुझे उम्मीद थी की मंजू सुबह सुबह आ कर मुझे उठाएगी। उसके नहीं आने से मुझे गुस्सा भी आ रहा था तभी मंजू मुझे ब्रेकफास्ट लेकर छत पर आती हुई दिखाई दी। मुझे गुस्से मे देख सॉरी बोलती हुई बोली की आज सुबह लेट से नींद खुली। उसने मुझे मनाते हुए किस किया और मैंने जवाब मे उसको गोद मे उठाकर बेड पर पटक दिया और उसको किस करने लगा। किस करते करते मैंने उसकी समीज उतारी और ब्रा के ऊपर से बूब्स मसलने लगा। फिर मैंने उसको पीछे मोड़ा और गर्दन के पास किस किया। वहाँ पर किस करते ही मंजू मचल सी गई और फिर हमने मॉर्निग सेक्स का राउंड पूरा कर लिया। उसके बाद फ्रेश होकर हम दोनों ने साथ मे ब्रेकफास्ट किया।
कल रात के बाद मंजू भी रमेश से बेपरवाह नजर आ रही थी जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। इस तरह जब मौका मिलता रहा हम दोनों अगले तीन -चार दिन सेक्स का मजा लेते रहे। फिर मुझे मंजू ने बताया की आज शाम को उसका भाई शिल्पी और मनीष को लेकर वापिस आ रहा है। उस रात हम दोनों एक दूसरे से दूर रहे।
अगले दिन सुबह ना शिल्पी ट्यूशन के लिए आई और ना मंजू मॉर्निंग सेक्स के लिए। मेरा बिल्कुल मन नहीं लग रहा था और जी कर रहा था नीचे जा कर दोनों को चोद दूँ लेकिन समय की नजाकत को समझते हुए खुद पर कण्ट्रोल किया। शाम को मैंने ऑफिस से शिल्पी को कॉल किया और अपने ऑफिस के पास गार्डन मे बुलाया। शिल्पी भी घर पर बहाना बनाकर मुझसे मिलने गार्डन मे आ गई।
हल्का अंधेरा हो रहा था और मैं नहीं चाहता था की कोई मुझे शिल्पी के साथ गार्डन मे देखे, इसलिए मैं आगे आगे चल रहा था और शिल्पी मुझे फॉलो कर रही थी। गार्डन के अंदर मुझे एक बेंच दिखा जहाँ हम दोनों आराम से बैठ सकते थे, मैं उस बेंच पर जा कर बैठ गया और पीछे पीछे शिल्पी भी मेरे करीब आ कर बैठ गई। शिल्पी के पास आते ही मैंने उसको कस कर गले से लगा लिया। शिल्पी ने मुझसे गले लगे हुए मिस यू कहा और मैंने भी उसको जवाब मे मिस यू डार्लिंग बोला। इस आलिंगन के बाद मैंने उसके होंठो को चुम लिया और हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे के होंठो को चूमते रहे मानो आज खा ही जाएंगे।
रूम को साफ कर के मंजू मेरे पास आई। मैंने मंजू के दोनों टांगो को फैलाकर अपनी गोद मे बिठा लिया। हम दोनों का चेहरा एक दूसरे के सामने था। इसी पोजीशन मे मैंने मंजू की नाईटी ऊपर उठा दी और उसके बूब्स को अपने होंठो से चाटने लगा। फिर मैंने अपने दांतो से उसके निप्पल्स को भींचा जिससे उसकी आन्हे निकल गई। इस तरह बूब्स चूसने के बाद मैंने उसी पोजीशन मे अपना शॉर्ट्स नीचे उतारा। मेरी गोद मे होने के कारण मेरा लंड मंजू के चुत को टच कर रहा था। ब्लो जॉब से लंड खड़ा हो चुका था, उसी पोजीशन मे मंजू के बूब्स को चूसते चूसते मैंने नीचे उसके चुत मे अपना लंड धकेल दिया। ये मेरी पसंदीदा पोजीशन थी और मंजू भी खूब उछल रही थी। हर धक्के के साथ मंजू उछलती और उससे भी तेज उसके बूब्स उछलते।
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को पकड़ रखा था ताकि वो गिरे नहीं। थोड़ी देर जम कर धक्के मारने के बाद मैंने अपना लंड का पानी मंजू की चुत मे छोड़ दिया और उसको नीचे उतारा। मंजू को मैंने जमीन पर बिठा दिया। मंजू भी मेरे पैरो के सामने बैठी रही। फिर मैं उसको नंगा गोद मे उठाया और छत पे अपने फ्लैट मे ले आया। छत पर मैंने मंजू को गोद से बेड पर गिराया और उसके ऊपर लेट गया। मंजू के होंठो को मैं चूमने लगा फिर मैंने उसको नीचे किया और अपना लंड उसको चूसने को दे दिया। मंजू पूरे जोश से मुझे मजे दिलाती हुई मेरा लंड चूसती रही। मेरे लंड को चूसने के बाद वो मेरे पास आ कर गले से लिपट गई।
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अब अगले दिन रविवार को मैं उठा और फ्रेश हुआ। मुझे उम्मीद थी की मंजू सुबह सुबह आ कर मुझे उठाएगी। उसके नहीं आने से मुझे गुस्सा भी आ रहा था तभी मंजू मुझे ब्रेकफास्ट लेकर छत पर आती हुई दिखाई दी। मुझे गुस्से मे देख सॉरी बोलती हुई बोली की आज सुबह लेट से नींद खुली। उसने मुझे मनाते हुए किस किया और मैंने जवाब मे उसको गोद मे उठाकर बेड पर पटक दिया और उसको किस करने लगा। किस करते करते मैंने उसकी समीज उतारी और ब्रा के ऊपर से बूब्स मसलने लगा। फिर मैंने उसको पीछे मोड़ा और गर्दन के पास किस किया। वहाँ पर किस करते ही मंजू मचल सी गई और फिर हमने मॉर्निग सेक्स का राउंड पूरा कर लिया। उसके बाद फ्रेश होकर हम दोनों ने साथ मे ब्रेकफास्ट किया।
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अगले दिन सुबह ना शिल्पी ट्यूशन के लिए आई और ना मंजू मॉर्निंग सेक्स के लिए। मेरा बिल्कुल मन नहीं लग रहा था और जी कर रहा था नीचे जा कर दोनों को चोद दूँ लेकिन समय की नजाकत को समझते हुए खुद पर कण्ट्रोल किया। शाम को मैंने ऑफिस से शिल्पी को कॉल किया और अपने ऑफिस के पास गार्डन मे बुलाया। शिल्पी भी घर पर बहाना बनाकर मुझसे मिलने गार्डन मे आ गई।
हल्का अंधेरा हो रहा था और मैं नहीं चाहता था की कोई मुझे शिल्पी के साथ गार्डन मे देखे, इसलिए मैं आगे आगे चल रहा था और शिल्पी मुझे फॉलो कर रही थी। गार्डन के अंदर मुझे एक बेंच दिखा जहाँ हम दोनों आराम से बैठ सकते थे, मैं उस बेंच पर जा कर बैठ गया और पीछे पीछे शिल्पी भी मेरे करीब आ कर बैठ गई। शिल्पी के पास आते ही मैंने उसको कस कर गले से लगा लिया। शिल्पी ने मुझसे गले लगे हुए मिस यू कहा और मैंने भी उसको जवाब मे मिस यू डार्लिंग बोला। इस आलिंगन के बाद मैंने उसके होंठो को चुम लिया और हम दोनों काफी देर तक एक दूसरे के होंठो को चूमते रहे मानो आज खा ही जाएंगे।