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Thriller रश्मि का आरंभ- रश्मि मंडल
#36
बात करते करते हम दोनों को कब नींद आयी पता नही चला. जब उठे तो रात का 8 बज रहा था. आलिया हड़बड़ी में थी, "दीदी, मुझे लेट हो गया है, मुझे जाना पड़ेगा" कहते हुए वह जल्दी जल्दी कपड़े पहनने लगी. "हाँ, ठीक है आराम से जाना" मैंने बेड के ऊपर अपने बदन को चादर के नीचे छुपाए सिगरेट जलाते हुआ कहा. आईने के सामने अपना बाल ठीक करते हुए आलिया ने कहा "दीदी, चलो मेरा हो गया मैं जा रही हूँ, गेट तो बंद कर लो". "तू जा मैं कर लूंगी" मैंने कहा. आलिया मेरी तरफ शिकायती नजरों से देखते हुए मुस्कुराई. फिर उसने वह किया जिसकी मुझे थोड़ी भी उम्मीद नहीं थी, वह मेरे पास आई और बेड में मेरे बाजु में बैठकर, झुक कर अपने दोनों हाथों को मेरे सिर के दोनों तरफ रख अपनी होंठ को मेरी होंठों पर रख दिया. अपने शरीर का पूरा भार मुझपे डाल, passionately किस किये जा रही थी. उसके कड़े उरोज मैं अपने सीने में महसूस कर रही थी. मन तो किया कि दबोच कर चढ़ जाऊं इसके ऊपर, पर सोची "है तो कमसिन ये पर इतनी भी उतावली बनना ठीक नहीं". उसने अपनी नजरें उठाई, मुस्कुराते हुए मुझे देख कर बोली चलो बाय. मैं सोची "इसको प्यार व्यार वाला केस तो नहीं हो गया है, अरे बाप रे". फिर मैं सोची "देखते हैं, जो भी होगा हैंडल कर लेंगे". जाते हुए आलिया के मटकते हुए नितंभ को देख कर मैं उत्तेजित होने लगी, फिर से मन किया जाकर, अपनी पूरी हथेली फैला है दोनों मटकते अंगों को पकड़ लूँ. पर मन तो मन है.

आलिया के जाने के बाद मैं डिनर का जुगाड़ की, बनाने का बिलकुल मन नही था मेरा आज तो ऑनलाइन मंगा ली मैं. खाना खाते मैं आलिया से हुई बातें सोच रही थी, कल सुबह मुझे उसके घर जाना है रुखसाना आंटी को उसके दिल्ली वाले कॉलेज के लिए मनाने. कल सुबह 8 से रात 8 तक घर में आंटी अकेली रहेंगी, अच्छा मौका रहेगा उनसे बात करने का. किसी भी तरीके से मनना होगा उनको अब, मैं आलिया को प्रॉमिस कर चुकी हूँ.

मैंने लिली को मैसेज किया "लिली, जॉइनिंग और मिशन का कुछ पता चला क्या? कब तक होगा?" लिली का रिप्लाई आया "एक सप्ताह लग जायेगा रश्मि". मुझे और लिली को शूटिंग प्रैक्टिस में आने की जरुरत नहीं है कह दिया गया था, हम दोनों पहले से चैम्पियन थे.
"तो तुम कल आ रही हो घर देखने?" मैंने फिर मेसेज किया. "यार रश्मि, कल मुझे एक काम से कही जाना पड़ रहा है, मैं परसों आऊं तो चलेगा क्या?". "बहुत सही, कल मुझे रुखसाना आंटी से मिलने जाना है" सोचते मैंने उसे रिप्लाई दिया "अरे हाँ, बिलकुल कोई दिक्कत नहीं है, तुम जब भी आओ बस मुझे काल करके पहले बता देना". "ओके स्वीटहार्ट" उसका मेसेज आया जिसमें स्माइली भी था. "ये बहुत ज्यादा फ्रैंक हो रही है" मैंने मुस्कुराते हुए सोचा. लिली का चिल मिजाज मुझे बहुत पसंद था. मैंने फ़ोन देखा तो आलिया के 6 मेसेज थे. "इसे क्या हो गया" मैंने सोचा, मेसेज ओपन किया. लिखा था "दीदी बहुत मिस कर रही हु आपको" अगला भी वही "मिसिंग यू सो मच दीदी". नेक्स्ट "दीदी आप बहुत अच्छे हो". "ये जवान खून तो भटक रही है" मैंने सोचा, फिर उसे मैसेज किया "अरे इतना मिस करने की जरुरत नही है तुझे, मैं तो पास ही रहती हूँ. कल मनाती हूँ आंटी को, तू चिंता मत कर". मैं उसके इमोशन को बिलकुल हवा नहीं देना चाहती थी. "ठीक है दीदी" उसका रिप्लाई आया. "चलो बात बनी" मैंने सोचा. पूरे दिन के घटनाक्रम में सुबह से अमर सिंह, सचिन श्रीवास्तव, आई. आई. ए. का ऑफिस, लिली और आलिया के साथ हुई बातों को सोचते मैं नींद में जाने लगी.

सुबह उठ, नहा धो मैं जल्दी से रेडी हुई, दिन का 7:30 हो रहा था. कॉफ़ी बनाई और बालकनी में बैठ सिगरेट सुलगा, कॉफ़ी और सिगरेट का मजा लेने लगी. "कुछ दिन ही आराम के बचे हैं फिर तो मिशन मिल जायेगा, नाश्ता नहीं  बनाती हूँ, बाहर ही कुछ खा लूंगी  या रुखसाना आंटी को ही कुछ खिलाने कह दूंगी " मैंने सोचा.
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RE: रश्मि का आरंभ- रश्मि मंडल - by rashmimandal - 10-03-2023, 03:37 AM



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