27-06-2022, 06:28 PM
वह लड़की अपने छोटे क़दमों से आगे बढ़ते हुए वहां तक आ गयी, जहाँ हम खड़े थे. जूलिया मैम ने उसे ऊपर से नीचे तक निहारा. वह लड़की सावधान मुद्रा में वहां खड़ी थी, वह काफी अलर्ट नजर आ रही थी. "तो तुम ही हो माया मैम की भतीजी लिली?" जूलिया मैम ने उसकी ओर देखते हुए कहा. यस मैम उसने स्माइल करते हुए कहा. तो इसका नाम लिली है मैंने सोचा. "ठीक है यहाँ खड़े हो जाओ" जूलिया मैम ने मेरे बाजू के खाली स्थान की ओर इशारा करते हुए कहा. फिर जूलिया मैम कुछ पेपर्स देखने लगी. लिली अपना सर बाएं मोड़ कर मुझे देख रही थी. उसने मेरी नंगी बदन को ऊपर से नीचे तक निहारा और जब हमारी नजरें मिली तो लिली ने फिर से एक स्माइल दी. मैंने भी अपने चेहरे पर बनावटी मुस्कान ला दिया. जूलिया मैम के सामने तो ठीक भी था क्यूंकि यह तो उनका काम था पर लिली के सामने ऐसे नंगी खड़े रहना मुझे अजीब लग रहा था. अब तक मै समझ चुकी थी कि लिली किसी आई.आई.ए. एजेंट माया की भतीजी थी.
मेरे दिमाग में बहुत सारे उधेड़बुन चल रहे थे. मैंने सोचा क्या अब जूलिया मैम लिली को भी मेरे सामने ही नंगी होने कहेगी? मैंने ध्यान से लिली को देखा. लिली 28 साल की क़यामत थी. गोल मुखड़ा, चपटी नाक, जीन्स टी-शर्ट पहने लिली के स्तन छोटे पर एकदम गोल थे. उसके दोनों स्तन टी-शर्ट में कसा हुआ दिखाई दे रहा था.
तभी जूलिया मैम हमारी ओर मुड़ी और मुझे देखते हुआ कहा, "ठीक है रश्मि तुम अब जा सकती हो. इट्स आल फॉर यू". मै आश्चर्यचकित थी, ऐसे अचानक जूलिया मैम मुझे जाने क्यों कह रही है? पर मै क्या कर सकती थी? मैं गयी और अपने कपड़े पहनने लगी. लिली मुझे अभी भी बीच-बीच में कपड़े पहनते देख रही थी. पर मुझे क्या, मेरा तो हो गया. अब मैं यहाँ से घर जाउंगी और जाकर सो जाउंगी, बहुत थकान है मैंने सोचा. और फिर मै कपड़े पहन कर वहां से बाहर निकल आई.
मेरे इंटरव्यू को हुए 10 दिन हो चुके थे. आज मेरा रिजल्ट आने वाला था. मैं थोड़ा सहमी हुई थी. वैसे मुझमे आत्मविश्वास पूरा था पर वहां के अन्य लड़कियों को देख कर मुझे अहसास हुआ था कि सबके सब जांबाज लड़कियां थीं. अमर, सचिन, रीमा और शाहीन को भी मेरे रिजल्ट का इंतजार था. आज मेरे सलेक्सन होने पर मेरी तरफ से सबके लिए पार्टी थी. मैं जानती थी अमर और सचिन को मेरे सलेक्सन का इन्तजार था क्यूंकि उन्हें मुझसे पार्टी चाहिए थी. शाहीन कम बात करने वाली और ज्यादा एकांत में रहने वाली लड़की थी, वो क्या सोचती थी ज्यादा कुछ समझ नहीं आता था. रीमा के बारे में मुझे पता है कि वह सही मायने में मेरा भला चाहती है और वो मेरी शुभचिंतक है.
आज सन्डे है और मैं अब तक सो ही रही थी. मैं उठी, उठने से बाद ब्रश करके नहाने चली गयी. बाथरूम में जाकर मैंने अपने हाहाकारी बदन के ऊपर से कपड़ों को परे करना शुरू कर दिया. पहले टी-शर्ट निकाली, फिर शॉर्ट्स. अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में आईने के सामने खड़ी खुद को निहार रही थी. ब्रा मेरे बड़े और सुडौल स्तनों को ढंकने का असफल प्रयास कर रहा था. और फिर मैंने पीछे हाथ ले जाकर ब्रा के हुक को खोल दिया. आईने में मैं अपने सुडौल वक्षों को देखकर खुद ही मंत्रमुग्ध हो गयी. अपने दोनों हाथ ऊपर ले जाकर मैंने अपने दोनों दूध अपने हाथों में ले कर हौले से सहलाया. फिर मैंने एक झटके से अपनी पैंटी भी निकाल फेंकी. अब मैं अपने पूरे नग्न बदन को आईने में निहार रही थी. मैं सोच रही थी कि ऐसी ही नंगी मैं जूलिया मैम के सामने टेस्ट के लिए खड़ी थी. मैं जूलिया मैम से बहुत प्रभावित थी, क्या शानदार व्यक्तित्व था उनका. मैं अपने स्तनों का वैसे ही छू कर जायजा ले रही थी जैसा जूलिया मैम ने लिया था. मेरे शरीर में आनंद की हल्की-हल्की लहर दौड़ रही थी. सहसा मैंने एक हाथ अपने स्तनों से नीचे अपने उदर प्रदेश में अपने नाभि को छूते हुए और नीचे की ओर ले जाने लगी. मैं खुद को कामुक भाव से आईने में देखे जा रही थी. मेरा वह हाथ अब दोनों जंघाओं के मिलन स्थल के पास पहुँच गया था. मेरी पूर्ण रूप से बालों से रहित चिकनी कटि प्रदेश पर उँगलियाँ जाते ही मेरे पूरे बदन में अजीब सा करेंट दौड़ गया. मैंने अपने टेस्ट के कारण काफी दिनों से इस प्यासी बिल्ली की प्यास नहीं बुझाई थी.
तभी अचानक मेरे मोबाईल का रिंगटोन बजना शुरू हुआ, मैं हड़बड़ाकर वैसे ही नंगी बाथरूम से बाहर निकली. रीमा का फ़ोन था, मैंने रिसीव किया. सामने से रीमा ने कहा, "रश्मि रिजल्ट आ गया है तेरा, क्या हुआ? देखा तूने?". नहीं, पर तुझे कैसे पता मैंने तुरंत कहा. "हमें सब पता चल जाता है" रीमा ने हँसते हुए कहा. फिर वह बोली "चल जल्दी से चेक कर और फिर मुझे बता. मैं पार्टी के लिए तैयार होती हूँ" वह चहकते हुए बोली.
फ़ोन कट होते ही, मैं भागी-भागी अपने बेडरूम में गयी. टेबल से एडमिट कार्ड उठाई और कूद कर बेड पर बैठ गयी. मेरी उँगलियाँ मोबाइल के कीबोर्ड में तेजी से चल रही थी. मैंने तुरंत वेबसाईट खोला, एडमिट कार्ड सामने बेड पर रखा हुआ था. अब सामने वह स्पेस आ गया था जहाँ मुझे अपना रोल नंबर डालना था. मेरी धड़कने बहुत तेजी से धड़क रही थी. मैंने एक-एक करने नंबर डालना शुरू किया. पूरे नंबर डालते ही मैंने इंटर बटन दबाया. रिजल्ट मेरे सामने था, मैं वह देख कर आवाक थी. इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी में 5 एजेंट्स की पोस्ट आई थी. पाँचों लड़कियों के लिए थी और मेरा पोजीसन टॉप पर आया था. जी हाँ, मैं पूरे टेस्ट में प्रथम आई थी और मुझे टॉप एजेंट के लिए चुना गया था. मैं ख़ुशी से फूली नहीं समायी. मैंने तुरंत रीमा ओ फ़ोन किया और बताया. वो बहुत खुश हुई, उसने कहा 'मुझे तो पहले से ही पता था, इसलिए मैं पहले ही पार्टी के लिए तैयार हो गयी हूँ, चल अब जल्दी पहुँच. मजा आ गया, क्या शानदार खबर दी है तूने" थैंक यू-थैंक यू, मैंने हस्ते हुए कहा.
मैंने रीमा से कहा तू अमर, सचिन और शाहीन से बात कर ले और वहीं अपने पुराने अड्डे में पहुँच. शाहीन को कहना, आलिया होगी तो वो उसे भी लेते हुए आये. मैं बस जल्दी से तैयार होकर पहुँच रही हूँ. "जी मैडम" रीमा ने मजाक करते हुए कहा. फ़ोन कटते ही मैं फुर्ती से वाशरूम पहुच गयी. मैं जल्दी से नहा कर, तैयार होकर अपने गंतव्य पर पहुँच जाना चाहती थी.
मेरे दिमाग में बहुत सारे उधेड़बुन चल रहे थे. मैंने सोचा क्या अब जूलिया मैम लिली को भी मेरे सामने ही नंगी होने कहेगी? मैंने ध्यान से लिली को देखा. लिली 28 साल की क़यामत थी. गोल मुखड़ा, चपटी नाक, जीन्स टी-शर्ट पहने लिली के स्तन छोटे पर एकदम गोल थे. उसके दोनों स्तन टी-शर्ट में कसा हुआ दिखाई दे रहा था.
तभी जूलिया मैम हमारी ओर मुड़ी और मुझे देखते हुआ कहा, "ठीक है रश्मि तुम अब जा सकती हो. इट्स आल फॉर यू". मै आश्चर्यचकित थी, ऐसे अचानक जूलिया मैम मुझे जाने क्यों कह रही है? पर मै क्या कर सकती थी? मैं गयी और अपने कपड़े पहनने लगी. लिली मुझे अभी भी बीच-बीच में कपड़े पहनते देख रही थी. पर मुझे क्या, मेरा तो हो गया. अब मैं यहाँ से घर जाउंगी और जाकर सो जाउंगी, बहुत थकान है मैंने सोचा. और फिर मै कपड़े पहन कर वहां से बाहर निकल आई.
मेरे इंटरव्यू को हुए 10 दिन हो चुके थे. आज मेरा रिजल्ट आने वाला था. मैं थोड़ा सहमी हुई थी. वैसे मुझमे आत्मविश्वास पूरा था पर वहां के अन्य लड़कियों को देख कर मुझे अहसास हुआ था कि सबके सब जांबाज लड़कियां थीं. अमर, सचिन, रीमा और शाहीन को भी मेरे रिजल्ट का इंतजार था. आज मेरे सलेक्सन होने पर मेरी तरफ से सबके लिए पार्टी थी. मैं जानती थी अमर और सचिन को मेरे सलेक्सन का इन्तजार था क्यूंकि उन्हें मुझसे पार्टी चाहिए थी. शाहीन कम बात करने वाली और ज्यादा एकांत में रहने वाली लड़की थी, वो क्या सोचती थी ज्यादा कुछ समझ नहीं आता था. रीमा के बारे में मुझे पता है कि वह सही मायने में मेरा भला चाहती है और वो मेरी शुभचिंतक है.
आज सन्डे है और मैं अब तक सो ही रही थी. मैं उठी, उठने से बाद ब्रश करके नहाने चली गयी. बाथरूम में जाकर मैंने अपने हाहाकारी बदन के ऊपर से कपड़ों को परे करना शुरू कर दिया. पहले टी-शर्ट निकाली, फिर शॉर्ट्स. अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में आईने के सामने खड़ी खुद को निहार रही थी. ब्रा मेरे बड़े और सुडौल स्तनों को ढंकने का असफल प्रयास कर रहा था. और फिर मैंने पीछे हाथ ले जाकर ब्रा के हुक को खोल दिया. आईने में मैं अपने सुडौल वक्षों को देखकर खुद ही मंत्रमुग्ध हो गयी. अपने दोनों हाथ ऊपर ले जाकर मैंने अपने दोनों दूध अपने हाथों में ले कर हौले से सहलाया. फिर मैंने एक झटके से अपनी पैंटी भी निकाल फेंकी. अब मैं अपने पूरे नग्न बदन को आईने में निहार रही थी. मैं सोच रही थी कि ऐसी ही नंगी मैं जूलिया मैम के सामने टेस्ट के लिए खड़ी थी. मैं जूलिया मैम से बहुत प्रभावित थी, क्या शानदार व्यक्तित्व था उनका. मैं अपने स्तनों का वैसे ही छू कर जायजा ले रही थी जैसा जूलिया मैम ने लिया था. मेरे शरीर में आनंद की हल्की-हल्की लहर दौड़ रही थी. सहसा मैंने एक हाथ अपने स्तनों से नीचे अपने उदर प्रदेश में अपने नाभि को छूते हुए और नीचे की ओर ले जाने लगी. मैं खुद को कामुक भाव से आईने में देखे जा रही थी. मेरा वह हाथ अब दोनों जंघाओं के मिलन स्थल के पास पहुँच गया था. मेरी पूर्ण रूप से बालों से रहित चिकनी कटि प्रदेश पर उँगलियाँ जाते ही मेरे पूरे बदन में अजीब सा करेंट दौड़ गया. मैंने अपने टेस्ट के कारण काफी दिनों से इस प्यासी बिल्ली की प्यास नहीं बुझाई थी.
तभी अचानक मेरे मोबाईल का रिंगटोन बजना शुरू हुआ, मैं हड़बड़ाकर वैसे ही नंगी बाथरूम से बाहर निकली. रीमा का फ़ोन था, मैंने रिसीव किया. सामने से रीमा ने कहा, "रश्मि रिजल्ट आ गया है तेरा, क्या हुआ? देखा तूने?". नहीं, पर तुझे कैसे पता मैंने तुरंत कहा. "हमें सब पता चल जाता है" रीमा ने हँसते हुए कहा. फिर वह बोली "चल जल्दी से चेक कर और फिर मुझे बता. मैं पार्टी के लिए तैयार होती हूँ" वह चहकते हुए बोली.
फ़ोन कट होते ही, मैं भागी-भागी अपने बेडरूम में गयी. टेबल से एडमिट कार्ड उठाई और कूद कर बेड पर बैठ गयी. मेरी उँगलियाँ मोबाइल के कीबोर्ड में तेजी से चल रही थी. मैंने तुरंत वेबसाईट खोला, एडमिट कार्ड सामने बेड पर रखा हुआ था. अब सामने वह स्पेस आ गया था जहाँ मुझे अपना रोल नंबर डालना था. मेरी धड़कने बहुत तेजी से धड़क रही थी. मैंने एक-एक करने नंबर डालना शुरू किया. पूरे नंबर डालते ही मैंने इंटर बटन दबाया. रिजल्ट मेरे सामने था, मैं वह देख कर आवाक थी. इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी में 5 एजेंट्स की पोस्ट आई थी. पाँचों लड़कियों के लिए थी और मेरा पोजीसन टॉप पर आया था. जी हाँ, मैं पूरे टेस्ट में प्रथम आई थी और मुझे टॉप एजेंट के लिए चुना गया था. मैं ख़ुशी से फूली नहीं समायी. मैंने तुरंत रीमा ओ फ़ोन किया और बताया. वो बहुत खुश हुई, उसने कहा 'मुझे तो पहले से ही पता था, इसलिए मैं पहले ही पार्टी के लिए तैयार हो गयी हूँ, चल अब जल्दी पहुँच. मजा आ गया, क्या शानदार खबर दी है तूने" थैंक यू-थैंक यू, मैंने हस्ते हुए कहा.
मैंने रीमा से कहा तू अमर, सचिन और शाहीन से बात कर ले और वहीं अपने पुराने अड्डे में पहुँच. शाहीन को कहना, आलिया होगी तो वो उसे भी लेते हुए आये. मैं बस जल्दी से तैयार होकर पहुँच रही हूँ. "जी मैडम" रीमा ने मजाक करते हुए कहा. फ़ोन कटते ही मैं फुर्ती से वाशरूम पहुच गयी. मैं जल्दी से नहा कर, तैयार होकर अपने गंतव्य पर पहुँच जाना चाहती थी.