21-06-2022, 11:43 PM
आआआआआआूओ ना......और कितना तड़पाओगे......आओ प्लीज़......अजय.......कम हेअर .....एंड सक मिईीई.....''
ये शब्द सुनकर तो पूजा के कमरे में खड़े हुए अजय का चेहरा पूरा खिल उठा...वो ये बात तो समझ गया की पूजा इस वक़्त उसका ही कोई सपना देखकर उसे अपने पास बुला रही है...
पर इस बात का कैसे यकीन करे की वो नींद में सपना ले रही है...क्योंकि उसकी हरकतों से तो सॉफ पता चल रहा था की वो जागी हुई है और मस्ती में डूबकर उसने अपनी आँखे बंद की हुई है...
पर आज पार्क में उसने जो मज़े पूजा के साथ लिए थे, उसके बाद उसे पूरा यकीन था की वो जल्द ही थोड़ा और आगे बढ़कर उसे और मज़े देगी...इसलिए वो बिना डरे आगे आया और अपने पेट के बल वो बेड पर लेट गया..और अपना मुँह सीधा पूजा की चूत पर लेजाकर टीका दिया..
पूजा की हालत इस वक़्त बड़ी नाज़ुक अवस्था में थी...वो असल और सपने की दुनिया के बीचो बीच थी...
यानी वो बिना सोए ही इस वक़्त ऐसा सपना देख रही थी जिसे वो अपने जिस्म पर महसूस कर पा रही थी...असल में उसके साथ क्या हो रहा था उसे इसका बिल्कुल भी ज्ञान नही था..
इसलिए जैसे ही अजय ने अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत के उपर लगाया, पूजा के हाथों ने बड़ी ही बेदर्दी से उसके बालों को पकड़कर अपनी चूत पर उसके पूरे मुँह को रगड़ डाला..
और ये सब वो सपनो की दुनिया में रहकर अपने प्यारे जीजू अजय के साथ कर रही थी...जो बारिश और कीचड़ में भीगकर उसकी दोनो टॅंगो के बीच आ पहुँचा था और उसकी चूत को किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था.
अजय ने उपर से बरस रहे पानी से उसकी छूट को नहलाया और सॉफ किया और फिर अपना मुँह लगा दिया उसकी गीली चूत पर...
ठंडा पानी बरस रहा था फिर भी उसकी चूत किसी भट्टी की तरह तप रही थी.
अजय की गर्म जीभ उस आग को और भड़का रही थी.
और इधर अजय को तो जैसे कोई खजाना मिल गया था..
जिस चूत को चाटने के सपने वो शाम को देख रहा था वो इतनी जल्दी उसे चाटने को मिल जाएगी ये उसने सोचा भी नही था...कुँवारी चूत की महक अलग ही होती है...इसलिए अजय अपना पूरा मुँह खोलकर उसकी पूरी की पूरी चूत को अंदर निगल गया और फिर चाटने लगा...बीच-२ में वो ऊपर उठकर उसके मुम्मे भी चूस रहा था
और अपने सपने में अपने जीजू से चूत को चुसवा रही पूजा तो मस्ती से सराबोर होकर अपना रस निकालने लगी...
''आआआआआआआआआआअहह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जीजू ................. उम्म्म्ममममममममममम ... ऐसे ही . ............... कुत्ते की तरहा छातो.................. ...आहह....जैसे दीदी की चाट रहे थे ................. अब उनकी बहन की चूसो .....................अहह ...... ऊऊऊऊऊऊऊहह मेरे प्यारे जीजू ........... ....एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ..... आई एम कमिंग .................... जीजू ...... ऑश जीजू ...... उफफफ्फ़ जीजू ...................''
और इसके साथ ही उसने चम्मच भरकर शहद अपनी चूत से निकाल फेंका...जिसे अजय की लपलपाति जीभ ने बूँद-2 करके पी लिया....
और झड़ने के साथ ही पूजा की कमर कमान की तरह टेडी होती चली गयी....सिर्फ़ उसके पैर और सिर ही बेड पर रह गया...बाकी का पूरा शरीर उपर हवा में उठ गया...
अजय वहीँ नीचे बैठा रह गया...और वो पूजा की चूत को धीरे-2 किसी अंतरिक्ष यान की तरह उपर जाते हुए देखता रहा...
और अपने चरम पर पहुँचकर पूजा ने अपने अंदर की वो आख़िरी बूँद भी बाहर निकाल दी जो उसके ऑर्गॅज़म को इस ऊंचाई तक ले आई थी.
और वो बूँद गाड़े रस की लकीर बनकर नीचे गयी...और सीधा अजय के खुले हुए मुँह में आ गिरी.
और जिस तरह से पूजा की चूत का यान उपर गया था, ठीक उसी अंदाज में फिर से एक बार वो नीचे आने लगा...और अजय के चेहरे के सामने पहुँचकर उसने लेंड़ किया.
अजय के हाथ भी अपने लंड पर बुरी तरह से चल रहे थे,और जैसे ही पूजा की चूत वापिस उसके सामने आई, उसका गुलाबीपन देखकर उसके लंड ने अपना रस उगलना शुरू कर दिया, और वहीं बेड अजय ने अपना सारा रस गिरा दिया
और अजय एक बार फिर से उसकी चूत पर टूट पड़ा...
और उधर अपने सपने में बुरी तरह से झड़ने के बाद अजय जिस तरह से उन झाड़ियों में से निकल कर आया था, उन्ही में वापिस रेंगता चला गया...और पीछे छोड़ गया पूजा के नंगे शरीर को...बारिश की बूँदो के नीचे...
पर अजय के चले जाने के बाद भी उसकी चूत पर होंठों का उसका एहसास उसे चौंका गया और यही वो वक़्त था जब किसी अनहोनी की आशंका के साथ उसने अपनी आँखे खोल दी.
और जैसे ही अपनी टाँगो के बीच उसकी नज़रें गयी,अजय को वहाँ मुँह मारता हुआ देखकर उसके होश ही उड़ गये.
ये शब्द सुनकर तो पूजा के कमरे में खड़े हुए अजय का चेहरा पूरा खिल उठा...वो ये बात तो समझ गया की पूजा इस वक़्त उसका ही कोई सपना देखकर उसे अपने पास बुला रही है...
पर इस बात का कैसे यकीन करे की वो नींद में सपना ले रही है...क्योंकि उसकी हरकतों से तो सॉफ पता चल रहा था की वो जागी हुई है और मस्ती में डूबकर उसने अपनी आँखे बंद की हुई है...
पर आज पार्क में उसने जो मज़े पूजा के साथ लिए थे, उसके बाद उसे पूरा यकीन था की वो जल्द ही थोड़ा और आगे बढ़कर उसे और मज़े देगी...इसलिए वो बिना डरे आगे आया और अपने पेट के बल वो बेड पर लेट गया..और अपना मुँह सीधा पूजा की चूत पर लेजाकर टीका दिया..
पूजा की हालत इस वक़्त बड़ी नाज़ुक अवस्था में थी...वो असल और सपने की दुनिया के बीचो बीच थी...
यानी वो बिना सोए ही इस वक़्त ऐसा सपना देख रही थी जिसे वो अपने जिस्म पर महसूस कर पा रही थी...असल में उसके साथ क्या हो रहा था उसे इसका बिल्कुल भी ज्ञान नही था..
इसलिए जैसे ही अजय ने अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत के उपर लगाया, पूजा के हाथों ने बड़ी ही बेदर्दी से उसके बालों को पकड़कर अपनी चूत पर उसके पूरे मुँह को रगड़ डाला..
और ये सब वो सपनो की दुनिया में रहकर अपने प्यारे जीजू अजय के साथ कर रही थी...जो बारिश और कीचड़ में भीगकर उसकी दोनो टॅंगो के बीच आ पहुँचा था और उसकी चूत को किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था.
अजय ने उपर से बरस रहे पानी से उसकी छूट को नहलाया और सॉफ किया और फिर अपना मुँह लगा दिया उसकी गीली चूत पर...
ठंडा पानी बरस रहा था फिर भी उसकी चूत किसी भट्टी की तरह तप रही थी.
अजय की गर्म जीभ उस आग को और भड़का रही थी.
और इधर अजय को तो जैसे कोई खजाना मिल गया था..
जिस चूत को चाटने के सपने वो शाम को देख रहा था वो इतनी जल्दी उसे चाटने को मिल जाएगी ये उसने सोचा भी नही था...कुँवारी चूत की महक अलग ही होती है...इसलिए अजय अपना पूरा मुँह खोलकर उसकी पूरी की पूरी चूत को अंदर निगल गया और फिर चाटने लगा...बीच-२ में वो ऊपर उठकर उसके मुम्मे भी चूस रहा था
और अपने सपने में अपने जीजू से चूत को चुसवा रही पूजा तो मस्ती से सराबोर होकर अपना रस निकालने लगी...
''आआआआआआआआआआअहह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जीजू ................. उम्म्म्ममममममममममम ... ऐसे ही . ............... कुत्ते की तरहा छातो.................. ...आहह....जैसे दीदी की चाट रहे थे ................. अब उनकी बहन की चूसो .....................अहह ...... ऊऊऊऊऊऊऊहह मेरे प्यारे जीजू ........... ....एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ..... आई एम कमिंग .................... जीजू ...... ऑश जीजू ...... उफफफ्फ़ जीजू ...................''
और इसके साथ ही उसने चम्मच भरकर शहद अपनी चूत से निकाल फेंका...जिसे अजय की लपलपाति जीभ ने बूँद-2 करके पी लिया....
और झड़ने के साथ ही पूजा की कमर कमान की तरह टेडी होती चली गयी....सिर्फ़ उसके पैर और सिर ही बेड पर रह गया...बाकी का पूरा शरीर उपर हवा में उठ गया...
अजय वहीँ नीचे बैठा रह गया...और वो पूजा की चूत को धीरे-2 किसी अंतरिक्ष यान की तरह उपर जाते हुए देखता रहा...
और अपने चरम पर पहुँचकर पूजा ने अपने अंदर की वो आख़िरी बूँद भी बाहर निकाल दी जो उसके ऑर्गॅज़म को इस ऊंचाई तक ले आई थी.
और वो बूँद गाड़े रस की लकीर बनकर नीचे गयी...और सीधा अजय के खुले हुए मुँह में आ गिरी.
और जिस तरह से पूजा की चूत का यान उपर गया था, ठीक उसी अंदाज में फिर से एक बार वो नीचे आने लगा...और अजय के चेहरे के सामने पहुँचकर उसने लेंड़ किया.
अजय के हाथ भी अपने लंड पर बुरी तरह से चल रहे थे,और जैसे ही पूजा की चूत वापिस उसके सामने आई, उसका गुलाबीपन देखकर उसके लंड ने अपना रस उगलना शुरू कर दिया, और वहीं बेड अजय ने अपना सारा रस गिरा दिया
और अजय एक बार फिर से उसकी चूत पर टूट पड़ा...
और उधर अपने सपने में बुरी तरह से झड़ने के बाद अजय जिस तरह से उन झाड़ियों में से निकल कर आया था, उन्ही में वापिस रेंगता चला गया...और पीछे छोड़ गया पूजा के नंगे शरीर को...बारिश की बूँदो के नीचे...
पर अजय के चले जाने के बाद भी उसकी चूत पर होंठों का उसका एहसास उसे चौंका गया और यही वो वक़्त था जब किसी अनहोनी की आशंका के साथ उसने अपनी आँखे खोल दी.
और जैसे ही अपनी टाँगो के बीच उसकी नज़रें गयी,अजय को वहाँ मुँह मारता हुआ देखकर उसके होश ही उड़ गये.